तीन दशकों में पूरी दुनिया के सोचने, समझने और शिक्षा को बेहतर तरीके से पहुँचाने का तरीका बदल जाता है, लेकिन भारत उसी वामपंथी नीति पर अटका था, जो कि इसकी जड़ों को दीमक की तरह खोखला करता रहा।
विकास दुबे और श्रीप्रकाश शुक्ला दोनों ही अपराधियों में कई बातें एक जैसी हैं, दोनों के जीवन का शुरूआती जीवन हो या अंत, एनकाउंटर के अलावा ऐसी तमाम बातें हैं जब दोनों एक जैसे ही नज़र आते हैं।