अंतरराष्ट्रीय
इंग्लैंड के एक छोटे से गाँव से तय हुआ पूरी दुनिया का समय: GMT की शुरुआत से लेकर अब तक की कहानी
एक ऐसी इकाई जिससे दुनिया के समय का आकलन लागाया जाता है। इसे साल 1884 में ठीक आज ही मान्यता दी गई थी और 1972 तक यह 'अंतर्राष्ट्रीय सिविल टाइम' का मानक बन गया था।
राष्ट्रीय सुरक्षा
कारगिल में 527 सैनिकों का बलिदान Vs 798 सैनिकों ने बिना वजह गँवाई जान: OFB के ‘घटिया हथियार’ से मुक्ति कब?
OFB की कार्यशैली से लेकर तैयार किए गए हथियारों तक सब कुछ उतना सही नहीं है। नुकसान भारत सरकार और मुख्य रूप से भारतीय सेना को...
मीडिया हलचल
पालघर, राजस्थान, या दिल्ली.. हिन्दुओं की हत्या पर खबरों से ‘हिन्दू’ क्यों गायब कर देता है पत्रकारिता का समुदाय विशेष
मीडिया को भीड़ का धर्म नज़र आता है लेकिन भीड़ का मज़हब नज़र नहीं आता है। धर्म निरपेक्षता की कीमत कितनी महँगी होती है।
सामाजिक मुद्दे
बिग बॉस और राधे माँ: स्वयंभू हिन्दुवादी चेहरों को पेश कर धर्म का उपहास करने की एक और स्क्रिप्ट क्यों?
बिग बॉस में हिन्दू धर्म का मजाक उड़ाने वाले स्वयंभू चेहरे ही क्यों पेश किए जाते है? मजहब विशेष के ऐसे चेहरे क्यों नजर नहीं आते?
राजनैतिक मुद्दे
लड़ाई अन्याय से या हिन्दू राष्ट्र से? विरोध करने वाले बुद्धिजीवी ढपलीबाज गैंग… पहले तय कर लो, करना क्या है
क्या इस धर्म (हिंदू) को नष्ट करना आसान है? सदियों से प्रयास हो रहे हैं, 1-2 हथौड़ा आप भी चला कर देख लीजिए और हो जाए तो अवश्य सूचित करिए।
मीडिया
केरल मॉडल पर किताब लिखने वाले ध्रुव राठी और चालीसा पढ़ने वाले रवीश अब क्या कहेंगे जब 144 लग गया है?
ध्रुव राठी और रवीश कुमार ने केरल मॉडल के जमकर कसीदे पढ़े थे। अब राज्य में कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए धारा 144 लगा दी गई है।
राजनीति
26 साल में छोटन शुक्ला पर 20 मिनट तक गोलियाँ बरसाने वाले नहीं मिले, रिएक्शन में DM की हुई थी लिंचिंग
बिहार पुलिस ने साक्ष्य नहीं मिलने की बात कहते हुए छोटन शुक्ला हत्याकांड की जाँच बंद कर दी है। 26 साल पहले हुई हत्या का हर डिटेल।
भारत की बात
भगत सिंह को उनके दादाजी ने जनेऊ संस्कार के समय ही दान कर दिया था… वो ऐलान, जिसे ‘शहीद’ ने जिंदगी भर निभाया
“मिस्टर मजिस्ट्रेट, आप भाग्यशाली हैं कि आपको यह देखने को मिल रहा। भारत के क्रांतिकारी किस तरह अपने आदर्शों के लिए फाँसी पर भी झूल जाते हैं।”