एक शख्स हाथ में पानी से भरे लौटे को पकड़ता है। दूसरे हाथ से उसमें नमक डालता है। इस दौरान वह अपनी जुबान से एक वादा या वचन देता है, जिसे पूरा करने की वो कसम खाता है। लौटे में नमक डालने के बाद वो किसी भी सूरत में अपने वचन को पूरा करने से पीछे नहीं हट सकता है। यही प्रथा कहलाती है- लूण लोटा। हिमाचल प्रदेश के कई भागों में यह प्रथा आज भी प्रचलित है।
"ये वीर सावरकर के ही संस्कार हैं कि राष्ट्रवाद को हमने राष्ट्र निर्माण के मूल में रखा है। वीर सावरकर को आए दिन गालियाँ देने वाले, उनका अपमान करने वाले, वही लोग हैं जिन्होंने बाबा साहेब आंबेडकर का कदम-कदम पर अपमान किया। उनको दशकों तक भारत रत्न से वंचित रखा।"
शीर्ष अदालत में सुनवाई के दौरान हिन्दू महासभा ने कुछ कागज़ात और नक़्शे दिए थे। अदालत में ही धवन ने उन्हें एक-एक कर फाड़ना शुरू कर दिया। जब मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने उन्हें टोका तो उन्होंने कुछ और पन्ने फाड़ डाले।
पार्ले के अधिकारी मयंक शाह ने कर्मचारियों की छॅंटनी की खबरों का आधारहीन बताया है। उनका कहना है कि चीजों को गलत तरीके से पेश कर नकारात्मकता फैलाई गई। उन्होंने माना कि छॅंटनी इंडस्ट्री के विकास दर और बिक्री पर निर्भर करता है।
दावे से पीछे हटने के बदले में सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने तीन शर्तें रखी है। उसने कहा है कि एएसआई के नियंत्रण में जितने भी धार्मिक स्थल हैं, उनकी स्थिति की जाँच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट एक समिति बनाए।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट के समक्ष पूर्व वित्त मंत्री की गिरफ्तारी की माँग करते हुए कहा था, "आईएनएक्स मामले में मनी लॉन्ड्रिंग, सीबीआई के केस से अलग है और इसमें उन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ करने की जरूरत है।"
प्रफुल्ल पटेल ने इक़बाल मिर्ची की पत्नी हाजरा के साथ हुए डील का बचाव करते हुए कहा कि पिछले डेढ़ दशक में ऐसा कुछ भी नहीं आया है, जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि हाजरा मेनन के साथ डील नहीं किया जाना चाहिए।
बंधु प्रकाश गलत राज्य में पैदा हुआ, गलत जाति-धर्म का था, गलत राज्य में मारा गया। मरने के बाद की चर्चा में बने रहने के लिए आपको निर्दोष होना मात्र 'सही' नहीं होता। आपको किसी खास जाति, किसी खास मजहब में होना होता है, किसी खास तरह के हत्यारे का शिकार बनना पड़ता है, और वहाँ सत्तारूढ़ पार्टी कौन सी है, इसका भी बहुत असर पड़ता है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड हमारे घोषणापत्र का हिस्सा है, सभी नागरिकों के लिए एक ही कानून होना चाहिए। साथ ही गृह मंत्री शाह ने देश विरोधी गतिविधियों को लेकर भी अपना रुख एक बार फिर स्पष्ट करते हुए कहा है कि.....