पाकिस्तानी आकाओं व अधिकारियों ने ग्रिल्स को बताया कि भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसियों की नज़रों से बचना उनके लिए सबसे कठिन चुनौती है। पाकिस्तान के आतंकी आकाओं ने बताया कि आसपास के क्षेत्र में कभी भी 'सर्जिकल स्ट्राइक' नामक तूफ़ान आ जाया करता है, जिसके कहर से बचना काफ़ी मुश्किल है।
मुस्लिम समुदाय के लोग क्यों उग्र हो गए, इस सम्बन्ध में पुलिस को भी कुछ नहीं पता। हरिद्वार जा रहे श्रद्धालुओं तक को नहीं बख्शा गया। यातायात ठप्प कर आने-जाने वाली बसों पर पत्थरबाजी की गई। कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। श्रद्धालुओं की गाड़ियाँ क्षतिग्रस्त कर दी गईं।
राज्यपाल मलिक ने कहा कि मुठ्ठी भर लोग माहौल ख़राब करने में लगे हैं। उन्होंने कहा, “मैंने राहुल गाँधी को यहाँ आने का न्योता दिया है। मैंने उनसे कहा है कि मैं आपके लिए विमान भेजूँगा ताकि आप स्थिति का जायजा लीजिए और तब बोलिए। आप एक जिम्मेदार व्यक्ति हैं और आपको ऐसे बात नहीं करनी चाहिए।
पाकिस्तान की समस्या यह है कि उसका दम्भ भी भीख पर टिका हुआ है और अमेरिका समेत कई यूरोपीय देशों ने उसके कटोरे में सिक्के डालने से मना कर दिया है। अब पाकिस्तान उस कटोरे को बेच कर नान और टिमाटर का जुगाड़ कर सकता है, लेकिन भारत से युद्ध की सोचने पर भी, उसकी हालत यह होगी कि वहाँ की जनता भारत के बमों से नहीं, भूख से मर जाएगी।
इनकी मूर्खता आप देखिए कि खुद खाने के लाले पड़े हैं और चाहते हैं कि कश्मीर ले कर उन्हें भी अपने जैसा बना देंगे। यही तो खिलाफत है कि खलीफा के शासन में सारे लोग सिर्फ इसलिए खुश रहें कि अब तो हम इस्लामी खिलाफत में हैं और शरिया कानून है यहाँ। वो रुक कर ये तक नहीं सोचते कि ऐसे शासन में उनका जीवन स्तर क्या होगा?
महबूबा के साथ विवाद के दौरान उमर उन पर चिल्ला पड़े। उन्होंने महबूबा के पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद पर भाजपा के साथ 2015 में गठबंधन करने का आरोप मढ़ा। महबूबा ने भी उमर को याद दिलाया कि किस तरह से उनके पिता फारूक अब्दुल्ला ने भाजपा का साथ दिया था।
इस बयान को लेकर सोशल मीडिया में लोगों ने चिदंबरम को आड़े हाथों लिया है। यूजर्स ने कहा है कि पार्टी के गर्त में पहुॅंचने के बाद भी कॉन्ग्रेसी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। कुछ लोगों ने कॉन्ग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति पर सवाल उठाए हैं, तो कुछ ने चिदंबरम से पूछा है कि यदि जम्मू-कश्मीर हिन्दू बहुल राज्य होता तो क्या नेहरू आर्टिकल 370 की सौगात देते?
प्रशासन के मुताबिक आवश्यक वस्तुओं का राज्य में पर्याप्त स्टॉक है। 65 दिनों का गेहूॅं, 55 दिनों का चावल, 17 दिनों का मटन, एक महीने का चिकन, 35 दिनों का मिट्टी का तेल, एक महीने का गैस सिलेंडर और 28 दिनों के पेट्रोल का राज्य में स्टॉक है।
कनौजिया द्वारा विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के सेनाध्यक्ष जनरल रावत की तुलना एक ऐसे व्यक्ति से की गई, जिसने भारतीय जनता का नरसंहार किया था। जनरल डायर का गुनाह इतना बड़ा था कि उन्हें अपनी ही सरकार द्वारा शुरू की गई जाँच का सामना करना पड़ा था।