Thursday, November 21, 2024

सामाजिक मुद्दे

झूठे मामलों की वजह से कोर्ट पर दबाव, पति और ससुराल पक्ष को प्रताड़ना: जानिए घरेलू हिंसा से जुड़े कानून की समीक्षा क्यों है...

जिस तरह से विवाहित महिलाओं की हितों की रक्षा के लिए महिला आयोग है, उसी तरह पुरुषों को प्रताड़ना से बचाने के लिए पुरुष आयोग बने।

गुलाम भारत में अंग्रेज नहीं खिला पाए चर्बी, स्वतंत्र भारत में तिरुपति के बीफ वाले लड्डू खिला दिए: क्या दक्षिण से उठेगी सनातन रक्षा...

ये हिंदू हैं विश्वास पर इतना बड़ा आघात हो गया और ये शांत हैं... सोशल मीडिया परअपना विरोध दिखा रहे हैं। क्या अगर ये किसी और मजहब के लोगों के साथ होता तो उनकी प्रतिक्रिया ऐसी होती।

महंत अवैद्यनाथ: एक संत, एक योद्धा और एक समाज सुधारक, जिन्होंने राम मंदिर के लिए बिगुल फूँका और योगी आदित्यनाथ जैसे व्यक्तित्व को निखारा

सन 1919 में जन्मे महंत अवैद्यनाथ को पहले 'कृपाल सिंह बिष्ट' के नाम से जाना जाता था। उन्हें योगी आदित्यनाथ के रूप में अपना उत्तराधिकारी मिला।

पैसा आपका, वोट भी आपका… प्रभावित लेकिन कर रहा है बिग डाटा और AI: गोपनीयता अब एक मिथक

अगर आप फोन पर स्पोर्ट्स शूज़ सर्च करते हैं, तो आपको विभिन्न प्लेटफॉर्मों पर उसके विज्ञापन दिखने लगते हैं। यह AI और बिग डेटा का मेल है।

न 4 साल की बच्ची बची, न 63 साल की वृद्धा… योनि में ही नहीं सिमटी है एक महिला का अस्तित्व: केवल कानून से...

महिलाओं के साथ बढ़ रहे रेप के मामलों पर कानून को सख्त करने की बात कही जा रही है लेकिन दूषित मानसिकता पर चर्चा भी जरूरी है जिसपर काम किए बिन इन घटनाओं को कम नहीं किया जा सकता।

अंबेडकर का अपमान नहीं है सिविल कोड को ‘सांप्रदायिक’ कहना, नेहरू से लेकर राहुल गाँधी तक के तुष्टिकरण पर है प्रहार: जानिए क्यों PM...

पीएम मोदी ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के दिन लाल किले से कहा कि देश में कम्यूल सिविल कोड लागू है, लेकिन अब सेक्युलर सिविल कोड की जरूरत है।

‘यह धार्मिक नहीं, राजनीतिक’: मजहबी आक्रामकता की बात करने पर इस्लामी-वामपंथी करते हैं बेतुका दावा, जानिए इस नैरेटिव के पीछे का मूल मकसद

जब भी कोई इस्लामी चरमपंथी या भीड़ उत्पात मचाती है तो विश्व भर के वामपंथियों की तुरंत प्रतिक्रिया होती है और वे इसे नकारने की कोशिश करते हैं।

भारत में रहने वाले सभी लोग यहाँ के मूलनिवासी: शूद्रों यानी ‘दास-दस्यु’ और ‘सबसे निचले पायदान’ वाले नैरेटिव पर डॉ अम्बेडकर का फैक्ट-चेक

विश्व मूलनिवासी दिवस की तिथि जानने भर से भारतीय जाति-व्यवस्था पर फैलाए गए झूठ को नहीं समझा जा सकता है। डॉ अम्बेडकर ने स्पष्ट किया था कि...

10000+ हिंदुओं को काट डाला था सिर्फ 2 दिनों में… इस्लामी छात्रों ने ही तब भी मचाया था आतंक: बांग्लादेश का छात्र आंदोलन कट्टर...

छात्र यदि उपद्रवी हो जाएँ और उसी देश की संपत्ति को तोड़ने फोड़ने लगें, अपनी बात मनवाने के लिए लोगों के कत्लेआम पर उतर आएँ तब इन्हें छात्र कैसे माना जाएगा?

सिर्फ अल्लाह का नाम नहीं रहेगा, न ही ताज/तख्त उछाल पाओगे: वाजिद हो या खान… सिर्फ भारत के नागरिक बन कर रहो, किताब नहीं...

बांग्लादेश मुश्किल में है। महिला प्रधानमंत्री की ब्रा-साड़ी सब लूट ली गई है... ऐसे में एक इस्लामी लिखता है - बस नाम रहेगा अल्लाह का।

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