ये हिंदू हैं विश्वास पर इतना बड़ा आघात हो गया और ये शांत हैं... सोशल मीडिया परअपना विरोध दिखा रहे हैं। क्या अगर ये किसी और मजहब के लोगों के साथ होता तो उनकी प्रतिक्रिया ऐसी होती।
महिलाओं के साथ बढ़ रहे रेप के मामलों पर कानून को सख्त करने की बात कही जा रही है लेकिन दूषित मानसिकता पर चर्चा भी जरूरी है जिसपर काम किए बिन इन घटनाओं को कम नहीं किया जा सकता।
छात्र यदि उपद्रवी हो जाएँ और उसी देश की संपत्ति को तोड़ने फोड़ने लगें, अपनी बात मनवाने के लिए लोगों के कत्लेआम पर उतर आएँ तब इन्हें छात्र कैसे माना जाएगा?