Sunday, May 11, 2025
22 कुल लेख

Rahul Roushan

A well known expert on nothing. Opinions totally personal. RTs, sometimes even my own tweets, not endorsement. #Sarcasm. As unbiased as any popular journalist.

रूह आफजा की पूरी बोतल गटकने पर होनहार YouTuber रवीश राठी अस्पताल में भर्ती: बाबा रामदेव के शक्कर वाले सिरप के खिलाफ बना रहा...

यूट्यूबर रवीश राठी को बाबा रामदेव के खिलाफ वीडियो और रील बनाते समय रूह आफजा की लगभग पूरी बोतल पीने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

अंबेडकर, हिंदुत्व आंदोलन और उनकी भूमिका: एकजुट, मजबूत राष्ट्र… जातिवाद के जंजाल से बाहर निकल राष्ट्रहित की सोच

कॉन्ग्रेस अमित शाह के छोटे से एडिटेड वीडियो क्लिप का इस्तेमाल यह साबित करने के लिए कर रही है कि बीजेपी अंबेडकर से नफरत करती है।

‘यह धार्मिक नहीं, राजनीतिक’: मजहबी आक्रामकता की बात करने पर इस्लामी-वामपंथी करते हैं बेतुका दावा, जानिए इस नैरेटिव के पीछे का मूल मकसद

जब भी कोई इस्लामी चरमपंथी या भीड़ उत्पात मचाती है तो विश्व भर के वामपंथियों की तुरंत प्रतिक्रिया होती है और वे इसे नकारने की कोशिश करते हैं।

मुस्लिम फल विक्रेताओं एवं काँवड़ियों वाले विवाद में ‘थूक’ व ‘हलाल’ के अलावा एक और पहलू: समझिए सच्चर कमिटी की रिपोर्ट और असंगठित क्षेत्र...

काँवड़ियों के पास ये विकल्प क्यों नहीं होना चाहिए, अगर वो सिर्फ हिन्दू विक्रेताओं से ही सामान खरीदना चाहते हैं तो? मुस्लिम भी तो लेते हैं हलाल?

जनगणना, जातिवाद, 1977, 295 और मूसेवाला… ‘पप्पू पास हो गया’ – इस पर हँसने की जगह अब स्वीकार कीजिए, आगे ये लोग जो करने...

295 का आँकड़ा दिया गया, क्योंकि सिद्धू मूसेवाला का एक गाना इसी नाम है, 1977 वाले माहौल को ये फिर से पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। जनगणना पर झूठ फैलाया जाएगा, हर जाति-वर्ग को भड़काने की पूरी कोशिश होगी।

‘ट्रू इंडोलॉजी’ बनाम देवेंद्र फडणवीस: हिंदुत्व के मुद्दे पर क्यों आमने-सामने? हिंदू एकता पर RSS की सोच क्या?

'ट्रू इंडोलॉजी' का कहना है कि सावित्रीबाई फुले पर उनके 'ट्विटर थ्रेड' को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। अपने ऊपर लगे आरोपों को वो नकार चुके हैं।

क्या केजरीवाल की ‘राजनीति’ में डूब जाएगा सीमावर्ती पंजाब या शेष है कोई उम्मीद?

क्या पंजाब में आम आदमी पार्टी के आने के बाद खालिस्तानी अपने एजेंडे को राज्य में बढ़ावा दे पाएँगे, क्या वह केजरीवाल को नियंत्रित कर पाएँगे?

कृषि कानूनों की वापसी: BJP को उनकी ही वेबसाइट पर मौजूद ये पुस्तक पढ़नी चाहिए, जानिए क्यों

एक साल पहले जब किसान प्रदर्शनकारी दिल्ली के लिए निकले थे, तभी इस आंदोलन में खालिस्तानी तत्वों की उपस्थिति का स्पष्ट रूप से पता चल गया था।