आर्टिकल 370 के प्रावधानों को निष्प्रभावी किए जाने के बाद से पाकिस्तान को कुछ सूझ ही नहीं रहा है। वह ऐसे फैसले ले रहा है, जो आत्मघाती साबित हो रहे हैं। सिर्फ सामरिक ही नहीं, आर्थिक मोर्चे पर लिए फैसले भी पाकिस्तान को नुकसान पहुँचा रहे हैं।
कश्मीर में अनुच्छेद-370 के कुछ प्रावधानों के निष्क्रिय होने के बाद से पाकिस्तानियों को ज़ाहिर तौर पर सदमा लगा है। और इसी सदमे की प्रतिक्रिया में इमरान खान सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जिनका आखिर में नुकसान हमेशा की ही तरह उन्हें ही उठाना पड़ेगा।
ब्रिटिश पीएम को लिखे खत में सांसद ने कहा है, "70% बौद्ध जनसंख्या वाले लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करना दिखाता है कि भारत सभी धर्मों व सम्प्रदायों के प्रति सहिष्णु रुख रखता है। लेबर पार्टी हिन्दू-विरोधी और भारत-विरोधी पार्टी बन गई है, जो विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र से हमारे संबंधों को बिगाड़ना चाहती है।"
रूस का खुलकर साथ आना पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग करने में लगे भारत की कूटनीतिक जीत भी है। बता दें कि भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के अहम प्रावधानों को निरस्त कर विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया है।
नान-टमाटर के चढ़ते भाव के बीच पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी और मरियम की गिरफ्तारी से जनता चिढ़ गई है। पाकिस्तानी अवाम और मीडिया के बीच यह चर्चा जोरों पर है कि कश्मीर से ध्यान हटाने के लिए इमरान ने मरियम की गिरफ्तारी करवाई है।
जरदारी ने कहा, "हम ईस्ट पाकिस्तान की जंग हारे थे। मैं इस पर नहीं जाना चाहता। इसके बहुत से मसले हैं, लेकिन हमारा आधा अंग टूट चुका था। इसी तरह आज कश्मीर का हमारा आधा अंग टूट चुका है।"
तालिबान ने कश्मीर को अफ़ग़ानिस्तान से न जोड़ने की हिदायत दी है। तालिबान के प्रवक्ता ने कहा है कि कुछ पक्षों द्वारा कश्मीर को अफ़ग़ानिस्तान से जोड़ कर देखना समस्या को खत्म नहीं करेगा, क्योंकि कश्मीर और अफ़ग़ानिस्तान अलग-अलग मसले हैं।
पीड़िता चर्च के ऑफिस में बैठकर फोन पर वीडियो देख रही था, तभी वहाँ पर पादरी आया और उसकी शर्ट के ऊपर हाथ रखा और उसके साथ बदतमीजी करने लगा। उसने पादरी को रोकने की कोशिश की, लेकिन वो फिर भी घिनौनी हरकत करता रहा।
UNSC की अध्यक्ष द्वारा पाकिस्तान पर 'नो कमेंट्स' वाली टिप्पणी करने से पहले अमेरिका के दो नेता भी पाकिस्तान को भारत के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने से बचने की बात बोल चुके हैं और उन्हें कह चुके हैं कि वह अपनी सरजमीं पर पल रहे आतंकी गुटों से निबटने पर ध्यान दें।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अभिनंदन को कब्जे में लेने की घटना का हवाला देते हुए कहा कि हिन्दुस्तान जो भी करना चाहता है उसका जवाब पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति और संसद ने बुधवार को दे दिया है।