भले ही दक्षिणपंथी ट्रम्प के समर्थकों ने अमेरिकी संसद पर हमला कर दिया, पर आज मैं आह्लादित हूँ कि उनमें से एक के हाथों में तिरंगा भी था। अब मैं आराम से उस तिरंगाधारी को RSS का ब्राह्मणवादी, पितृसत्तात्मक, भगवा आतंकी बोल कर, अपने लिब्रांडू समाज के व्हाट्सएप्प ग्रुपों में छा जाऊँगा।
वामपंथियों की पूरी लॉबी विदेशी वैक्सीन बिकवाने के लिए भारत बायोटेक के बेहतर वैक्सीन को ले कर भ्रम फैला रही है कि सही तरीके से नहीं मिली अनुमति, जबकि सच कुछ और ही है
लिबरलों द्वारा शार्ली एब्दो के कार्टूनिस्टों की हत्या, तत्पश्चात् सैमुअल पेटी की गर्दन काटने को मुनव्वर फारूकी की गिरफ्तारी के समानांतर रखना, बताता है कि इनके तर्क कितने वाहियात हैं जहाँ कुछ बोलने के लिए किसी राष्ट्र के कानून के खिलाफ जा कर हत्या और कुछ बोलने पर राष्ट्र के कानून के आलोक में की गई गिरफ्तारी बराबर बात है।