‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान राहुल गाँधी की वायरल होती तमाम तस्वीरों के बीच हाल में उनकी एक फोटो एक लड़की को गले लगाते हुए सामने आई। सोशल मीडिया पर लोगों ने उसे देख दावा किया कि ये तो वही लड़की (अमूल्या लियोना) है जिसने साल 2020 में असदुद्दीन ओवैसी के सामने सीएए के विरोध प्रदर्शनों में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए थे।
देख सकते हैं कि कैसे व्हॉट्सएप पर राहुल गाँधी की तस्वीर और अमूल्या की 2020 की तस्वीर को शेयर करके ये बताया जा रहा है कि राहुल गाँधी उस लड़की को गले लगा रहे हैं जो पाकिस्तान जिंदाबाद कह रही थी, जिसके खिलाफ देशद्रोह की धारा में मुकदमा दर्ज हुआ था।
दोनों तस्वीरों में लड़की का ‘हेयर स्टाइल’ एक जैसा होने की वजह से फोटो देख कर लड़की को अमूल्या ही मान लिया गया और देखते ही देखते ये तस्वीरें ट्विटर पर घूमने लगीं।
#WATCH Ruckus erupts at the protest rally against CAA&NRC in Bengaluru where AIMIM Chief Asaddudin Owaisi is present. A woman named Amulya at the protest rally says "The difference between Pakistan zinadabad and Hindustan zindabad is…". pic.twitter.com/FPh5Ccu3HD
— ANI (@ANI) February 20, 2020
हालाँकि सच क्या है? इसे पता लगाने के लिए ऑपइंडिया ने तस्वीर की छानबीन की। पड़ताल में ऑपइंडिया ने पाया कि हकीकत में राहुल गाँधी अमूल्या से नहीं मिले। उन्होंने जिसे भारत जोड़ो यात्रा के दौरान गले लगाया वो केसीयू की नेता मीवा एंडरेलियो (Miva Andreleo) हैं।
मीवा ने अपनी यह तस्वीर दो दिन पहले इंस्टाग्राम पर डाली थी। उन्होंने लिखा था कि ये दिन उनकी जिंदगी का सबसे अच्छा दिन था क्योंकि उनकी मुलाकात राहुल गाँधी से हुई।
एक अन्य पोस्ट में उन्होंने राहुल गाँधी के साथ वाली वीडियो भी साझा की। इसमें वे उनके साथ चलते, उन्हें गले लगाते, उन्हें चूमते दिख रही हैं।
इन वीडियोज और तस्वीरों से ये साफ होता है कि राहुल गाँधी की मुलाकात यात्रा के दौरान अमूल्या से नहीं हुई बल्कि मीवा से हुई। वह उस केरल स्टूडेंट यूनियन की छात्र नेता हैं जो कि कॉन्ग्रेस की छात्र ईकाई है। केसीयू की स्थापना 1957 में हुई थी।
हिंदूफोबिक पादरी से राहुल गाँधी की मुलाकात
बता दें कि राहुल गाँधी अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान इससे पहले हिंदूफोबिक पादरी जॉर्ज पोन्नैया से मिले थे। वहाँ उनके मुँह पर पादरी हिंदू धर्म को अपमानित करता रहा, लेकिन उन्होंने एक शब्द नहीं कहा। ऐसे में जब सोशल मीडिया पर फेक दावा होना शुरू हुआ कि ये लड़की अमूल्या है तो लोगों को ज्यादा हैरानी नहीं हुई। लोग मान बैठे कि जब हिंदूफोबिक पादरी से राहुल धर्म का ज्ञान ले सकते हैं तो फिर देशविरोधी नारेबाजी करने वाली लड़की को लगाना अचंभित करने वाला नहीं है।