इस सप्ताह कुछ मीडिया संस्थानों ने एक स्टोरी शेयर की जिसमें ‘द कश्मीर फाइल्स’ देख कर लौट रहे एक मुस्लिम लड़के पर धार्मिक आधार पर हमले की बात कही गई थी। इस खबर में घटना कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले की बताई गई थी। अमानुल्ला इरफ़ान नाम के 18 वर्षीय लड़के को पीड़ित के तौर पर दिखाते हुए उस पर टेरगाँव हरियाल में तलवारों से हमला होना बताया गया था। अब कर्नाटक पुलिस की जाँच में ये खबर तोड़-मरोड़ कर गलत तथ्यों के साथ पेश होना पाया गया।
कुछ ही समय में ये खबर सोशल मीडिया में वायरल हो गई। इस खबर के बाद हिंदुत्ववादियों और ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म को हमले की वजह बताया जाने लगा। मुस्लिमों से जुड़ी खबरों को प्रमुखता देने वाले पोर्टल ‘सियासत’ ने लिखा, “हिंदुत्ववादियों ने कश्मीर फाइल्स देख कर लौट रहे मुस्लिम युवक पर हमला किया।” वहीं डेक्कन न्यूज़ ने लिखा, “18 साल के मुस्लिम लड़के को द कश्मीर फाइल्स फिल्म देख कर लौटने के दौरान मारा गया।”
कर्नाटक पुलिस ने खोली प्रोपोगेंडा की पोल
अब कर्नाटक पुलिस ने इस घटना की सच्चाई बताई है। पुलिस की इस सफाई के बाद वायरल हुई स्टोरी झूठी और भ्रामक साबित हो रही है। कर्नाटक पुलिस के फैक्ट चेक पेज पर इस घटना की सच्चाई प्रकाशित हुई है। इस से पता चलता है कि कैसे घटना को एक प्रोपोगेंडा के साथ अफवाह का रूप दिया गया।
कर्नाटक पुलिस के मुताबिक, “केस में आरोपित होनप्पा और पीड़ित इरफ़ान आपस में पड़ोसी हैं। किसी बात पर दोनों में बहस हो रही थी। इस दौरान इरफ़ान ने होनप्पा को माँ की गालियाँ दी। इसी से बात बढ़ गई और होनप्पा ने इरफ़ान पर हमला कर दिया। हमले के लिए होनप्पा ने जेब में रखी चाकू का इस्तेमाल किया था।”
आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया जहाँ उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसे न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। आगे की जाँच चल रही है। पुलिस के मुताबिक इस घटना का फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ या किसी साम्प्रदायिक मानसिकता से कोई वास्ता नहीं है। पीड़ित इरफ़ान की हालत फिलहाल खतरे से बाहर बताई जा रही है। पुलिस ने यह भी बताया कि बिना पूरी पड़ताल के ये अफवाह उड़ाने वाले न्यूज़ पोर्टलों के खिलाफ जरूरी कार्रवाई की जाएगी।