Sunday, November 24, 2024
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The Quint कर रहा है पियूष गोयल के बयान पर अपनी ही फैलाई फेक न्यूज़ का Fact Check

बाद में कुछ संस्थानों ने इस खबर को डिलीट भी किया। लेकिन प्रोपगेंडा वेबसाइट द क्विंट ने बेहद होशियारी से अपनी ही खबर का फैक्ट चेक कर के सारा आरोप समाचार एजेंसी IANS के सर फोड़ कर खुद को दोषमुक्त कर दिया।

सोशल मीडिया के दौर में फेक न्यूज़ कितनी आसानी से अपनी जगह बना लेती हैं इस बात का अंदाजा लगा पाना बेहद कठिन है। हालाँकि, फेक न्यूज़ के जरिए कुछ लोग अपने स्वार्थ जरूर सिद्ध कर लेते हैं।

हाल ही में रेल मंत्री पियूष गोयल के एक बयान पर ट्विटर पर RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के एक फर्जी अकाउंट के ट्वीट को सच मानकर प्रोपगेंडा वेबसाइट The Quint, इकोनॉमिक टाइम्स, ABP न्यूज़, और आउटलुक ने खबर प्रकाशित कर दी।

रघुराम राजन के नकली अकाउंट को उनका आधिकारिक अकाउंट समझते हुए इन सभी ने न्यूज़ शेयर करते हुए बताया कि पियूष गोयल के बयान पर RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने उन्हें फटकार लगाई है।

IANS द्वारा शेयर की गई एक रिपोर्ट के आधार पर रघुराम राजन नाम के ट्विटर अकाउंट ने लिखा था- “जब आप आर्थिक मंदी की ग्रेविटी (गंभीरता) को नहीं समझते हैं, तो शब्दों में चूक हो जाती है और तर्क कमज़ोर हो जाते हैं। अगर कोई सोचता है कि गणित, ग्रेविटी और अर्थशास्त्र को समझने में मदद नहीं करती, तो यह इस बात की ओर इशारा है कि आप वास्तविक आँकड़ों को छिपा रहे हैं। आपके बयान पर न्यूटन मुस्कुरा रहा होगा।”

दरअसल, कल ही एक कार्यक्रम में देश की अर्थव्यवस्था पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए किसी भी तरह के गणित या उससे जुड़े आँकड़ों को देखने की जरूरत नहीं है, अगर आइंस्टीन इस गणित में उलझ जाते तो वे कभी भी ग्रेविटी (गुरुत्वाकर्षण) की खोज नहीं कर पाते।

वास्तव में पियूष गोयल का मकसद यह बताना था कि गणित की प्रासंगिकता सीमित है और जीडीपी के सिर्फ आँकड़ो से कुछ साबित नहीं होता है। हालाँकि, इस बयान के बाद पियूष गोयल को जमकर निशाना बनाया गया।

हालाँकि, आज मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान पीयूष गोयल ने सार्वजनिक मंच से अपने बयान में हुई गलती को स्वीकार कर लिया और आइंस्टीन के ही एक वक्तव्य को दोहराते हुए कहा- “जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं की, उसने कभी कुछ नया करने की कोशिश नहीं की।”

@RaghuramRRajan नाम के ट्विटर अकाउंट ने अपने परिचय में लिखा भी है कि यह पूर्व RBI गवर्नर रघुराम राजन का आधिकारिक अकाउंट नहीं है। बावजूद इसके IANS, द क्विंट और इकोनॉमिक टाइम्स से लेकर आउटलुक तक ने इस झूठी खबर को प्रकाशित किया।

बाद में ABP न्यूज़ और इकोनॉमिक टाइम्स ने इस खबर को डिलीट भी किया। लेकिन प्रोपगेंडा वेबसाइट द क्विंट ने बेहद होशियारी से अपनी ही खबर का फैक्ट चेक कर के सारा आरोप समाचार एजेंसी IANS के सर फोड़ कर खुद को दोषमुक्त कर दिया।

फर्जी ट्विटर अकाउंट से रिपोर्ट बनाने के बाद क्विंट द्वारा शेयर की गई न्यूज़-

सच्चाई सामने आने के बाद फैक्ट चेकर बन गया द क्विंट-


इसके बावजूद भी यह खबर सच मानकर कई मीडिया चैनल्स द्वारा शेयर की जा रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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