दैनिक जागरण, जी न्यूज़ सहित कई मीडिया समूहों ने 5 साल से छोटे बच्चों की टिकट को लेकर भ्रामक खबरें फैलाते हुए लिखा कि रेलवे छोटे बच्चों का भी फुल टिकट काट रही है। कई मीडिया समूहों ने रेलवे ने दिया बड़ा झटका शीर्षक से छोटे बच्चों की फुल टिकट की मिसलीडिंग खबर छापी है। लेकिन पूरे आर्टिकल में भी असली बात नहीं लिखी है कि मामला क्या है?
दैनिक जागरण ने तो पूरी कहानी के फॉर्मेट में समझाया, “शहर के रहने वाले मयंक परिवार के साथ गुजरात के टूर पर निकले। उनको 13 अगस्त को राजकोट से सोमनाथ जाना था। ओखा-सोमनाथ एक्सप्रेस की एसी फर्स्ट में उन्होंने रिजर्वेशन कराया। चार यात्रियों में पहला नाम अपने एक वर्ष के बेटे का भरा। रेलवे के सिस्टम ने कम उम्र होने के बावजूद आवेदन पर आपत्ति नहीं की। एक वर्ष के छोटे बच्चे को आम यात्रियों की तरह ही पूरी सीट आवंटित करते हुए पूरा किराया ले लिया गया।”
वहीं इसी तरह ज़ी न्यूज़ के अंग्रेजी संस्करण ने भी 5 साल से कम उम्र के बच्चे के लिए फुल टिकट की बात लिखी है। इसके अलावा कई छोटे बड़े मीडिया पोर्टल ने बच्चों के टिकट को लेकर “रेलवे ने दिया बड़ा झटका, अब एक साल के बच्चे का भी लगेगा फुल टिकट” शीर्षक से खबरें प्रकाशित की है। जिस पर सोशल मीडिया पर लोगों ने लताड़ लगाई है। वहीं कई कॉन्ग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस मिसलीडिंग खबर के आधार पर रेलवे और मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की है।
Thank you Modi Ji 🫡 pic.twitter.com/FJxbCLSyUR
— Arun Arora (@Arun2981) August 17, 2022
वहीं दैनिक जागरण की खबर को लेकर ऋषि बागरी ने ट्वीट किया, “गुमराह करने वाली खबर। कुछ भी नहीं बदला है, बस यात्रियों की माँग पर उन्हें टिकट खरीदने और अपने 5 साल से कम उम्र के बच्चे के लिए बर्थ बुक करने का विकल्प दिया गया है। और अगर उन्हें अलग बर्थ नहीं चाहिए तो यह मुफ़्त है, जैसा पहले हुआ करती थी।”
Misleading news.
— Rishi Bagree (@rishibagree) August 17, 2022
Nothing has changed, just on demand of the passengers, an option has been given to them to buy a ticket and book a berth for their under 5 year old child IF THEY WANT. And if they don't want a seperate berth, then it is free, same like it used to be earlier. https://t.co/5qHUIXhkV6
किरन एस नाम के ट्विटर यूजर ने अरुण को जवाब देते हुए लिखा, “भ्रामक पुरानी खबर, कुछ भी नहीं बदला है, बस यात्रियों की माँग पर, उन्हें टिकट खरीदने और अपने 5 साल से कम उम्र के बच्चे के लिए बर्थ बुक करने का विकल्प दिया गया है। यदि वे चाहते हैं और अगर उन्हें अलग बर्थ नहीं चाहिए तो यह मुफ़्त है, जैसा पहले हुआ करती थी।”
Misleading old news, nothing has changed, just on demand of the passengers, an option has been given to them to buy a ticket and book a berth for their under 5 year old child IF THEY WANT. And if they don't want a seperate berth, then it is free, same like it used to be earlier.
— Karan S (@ikaransharma27) August 17, 2022
बच्चों की टिकट को लेकर क्या है सच्चाई
इस मामले में PIB ने ज़ी न्यूज़ की खबर का फैक्ट चेक किया है। इसके साथ ही रेलवे की बच्चों को लेकर टिकट पॉलिसी पर झूठ फैलाने का पर्दाफाश करते हुए सच्चाई बताई है। PIB ने अपने फैक्ट चेक में बताया है कि ज़ी न्यूज़ के एक रिपोर्ट में दावाकिया गया है, “इंडियन रेलवे के यात्रियों को अब 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए खरीदना होगा पूरा टिकट”
A report by @ZeeNews claims #IndianRailways passengers will now have to buy full ticket for kids below 5 years#PIBFactCheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) August 17, 2022
▶️It is optional in @RailMinIndia to buy ticket & book a berth for kids below 5 yrs
▶️Free travel is allowed for kids below 5 yrs, if no birth is booked pic.twitter.com/SxWjNxMA9V
जबकि PIB ने इस मामले में स्पष्ट बताया है कि यह वैकल्पिक है। अर्थात यदि कोई पैरेंट्स अपने 5 साल से छोटे बच्चे के लिए अलग से एक पूरी सीट चाहता है तो उसे फुल टिकट लेनी होगी वहीं यदि अलग से सीट नहीं चाहिए तो प्पहले की ही तरह 5 साल से छोटे बच्चों की यात्रा मुफ्त है। उनके लिए किसी भी टिकट की आवश्यकता नहीं है।
निष्कर्ष
इस तरह से देखा जाए तो कई मीडिया समूहों ने रेलवे की बच्चों को लेकर टिकट पॉलिसी पर भ्रामक खबरें फैलाई जो पूरी तरह सच नहीं हैं। वहीं विपक्षी नेताओं ने इसे मोदी सरकार के विरोध में इस्तेमाल कर न सिर्फ रेलवे बल्कि केंद्र सरकार के खिलाफ भी माहौल बनाने के लिए इस्तेमाल किया। हालाँकि, अब इस मामले में स्पष्टीकरण और फैक्ट चेक हो जाने के बाद भी अधिकांश मीडिया समूहों ने अपनी खबर में कोई सुधार नहीं किया है और न भ्रामक खबर फैलाने के लिए माफ़ी माँगी है।