Sunday, November 17, 2024
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जैन समुदाय खिला रहा था खाना: ‘ऑल्टन्यूज़’ वालों ने बताया धार्मिक कार्यक्रम, लॉकडाउन का उल्लंघन

"कोरोना जैसी महामारी मे पशु-पक्षियों को भोजन... पूरे सूरत शहर के पशु-पक्षियों को भोजन कराएँ और मानवता दिखाएँ।" - बैनर पर यह लिखा हुआ है लेकिन फैक्ट चेक के नाम पर प्रोपेगेंडा फैलाने वाले...

जहाँ एक तरफ़ कुछ लोग अपनी जान पर खेल कर कोरोना आपदा के बीच राहत-कार्य और जनसेवा में लगे हैं, कुछ प्रोपेगंडा पोर्टल ने अब उन्हीं लोगों को बदनाम करने की ठानी है, जो ज़मीन पर समाज सेवा में जुटे हैं। अबकी ‘ऑल्टन्यूज़’ वालों ने जैन मुनियों को बदनाम करने का प्रयास किया। मोहम्मद जुबैर ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें दो जैन मुनि बैठे दिख रहे हैं और कुछ लोग हाथ जोड़ कर खड़े हैं। बस, फिर क्या था! इसी तस्वीर के सहारे उसने दावा कर दिया कि ये लॉकडाउन का उल्लंघन हो रहा है।

ज़ुबैर ने दावा किया कि गुजरात स्थित सूरत के मेयर नीरव शाह ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वो जैन मुनियों की अध्यक्षता वाले एक धार्मिक कार्यक्रम में शिरकत कर के ‘उदाहरण पेश कर रहे हैं’। जबकि सच्चाई कुछ और थी। ज़ुबैर ने यहाँ तक कि उन जैन मुनियों के पीछे लगे बैनर को भी पढ़ने की जहमत नहीं उठाई। अब आप समझ जाइए कि जब ‘ऑल्टन्यूज़’ के कर्ताधर्ता ऐसे काम करते हैं तो उनका प्रोपेगेंडा पोर्टल कैसे चलाया जाता होगा। बैनर पर आमजनों और पशु-पक्षियों को खाना खिलाने की बात स्पष्ट लिखी हुई है। इस पर लिखा है- “कोरोना जैसी महामारी मे पशु-पक्षियों को भोजन… पूरे सूरत शहर के पशु-पक्षियों को भोजन कराएँ और मानवता दिखाएँ।

इसके अलावा उस फंक्शन की एक और तस्वीर है, जिसे ज़ुबैर ने छिपा लिया। उस तस्वीर में भोजन सामग्रियों के पैकेट्स और फल-फूल रखे हुए हैं, जिनका वितरण किया जा रहा है। इसमें बहुतायत में तरबूजे दिख रहे हैं। ये एक राहत-कार्य था, जिसे ज़ुबैर ने धार्मिक पूजापाठ का कार्यक्रम करार देकर लोगों को बेवकूफ बनाया। यहाँ तक कि ‘गल्फ न्यूज़’ ने भी दुनिया भर में चल रहे कम्युनिटी किचन्स की जो प्रोफाइल बनाई है, उसमें जैन साधुओं द्वारा चलाए जा रहे राहत-कार्य का जिक्र किया है

‘गल्फ न्यूज़’ ने बताया है कि किस तरह सूरत में जैन समुदाय के लोग ज़रूरतमंदों को भोजन सामग्रियाँ वितरित कर रहे हैं। सिर्फ़ सूरत ही नहीं बल्कि अहमदाबाद में चल रहे हैं और राहत-कार्य जारी है। हाल ही में उन्होंने राजकोट में 30,000 रोटियाँ पका कर ज़रूरतमंदों में वितरित किया। बेंगलुरु में भी जैन समुदाय ने ग़रीबों को भोजन कराया और ये काम आज भी जारी है। हाल ही में ‘महावीर जयंती’ के अवसर पर जैन समुदाय ने राहत-कार्य में और ताज़ी लाई।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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