21 अप्रैल को भारत सरकार ने यह आरोप सिरे से खारिज कर दिया कि जनवरी 2021 से मार्च 2021 तक भारत ने 9884 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का निर्यात किया है। मीडिया की मुख्य धारा में भी यह रिपोर्ट दी जा रही है कि भारत ने 31 मार्च 2021 तक लगभग 9300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का निर्यात किया है। NDTV, News18 और मनी कंट्रोल जैसे मीडिया समूहों ने भारत के ऑक्सीजन निर्यात से संबंधित तथ्यों को अनदेखा करके भ्रामक रिपोर्ट प्रस्तुत की। हालाँकि, वास्तविक तथ्यों के सामने आने के बाद मनी कंट्रोल ने अपनी रिपोर्ट डिलीट कर दी।
20 अप्रैल 2021 को मनी कंट्रोल ने यह दावा किया कि 2021 के पहले तीन महीनों में भारत ने 9300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का निर्यात किया। हालाँकि, मनी कंट्रोल ने यह नहीं बताया कि निर्यातित ऑक्सीजन मेडिकल ऑक्सीजन है या नहीं। इस कारण रिपोर्ट में ऑक्सीजन की स्थिति चिंताजनक दिखाई दी।
ऐसी ही एक रिपोर्ट News18 के द्वारा शेयर की गई जिसमें मनी कंट्रोल की ही रिपोर्ट का जिक्र था। जल्दी ही ये रिपोर्ट्स सोशल मीडिया में शेयर होने लगीं जिससे भारत में जहाँ मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति की समस्या सबके सामने है, चिंता की परिस्थितियाँ उत्पन्न हो गईं।
हालाँकि, ऑक्सीजन के निर्यात से संबंधित तथ्यों के सबके सामने आने के बाद मनी कंट्रोल ने अपनी रिपोर्ट डिलीट कर दी और सार्वजनिक रूप से इसके लिए माफी माँगी। मनी कंट्रोल के द्वारा ट्विटर पर पोस्ट किए गए माफीनामे में कहा गया कि भारत के ऑक्सीजन निर्यात से संबंधित रिपोर्ट को डिलीट कर दिया गया है क्योंकि इस रिपोर्ट से औद्योगिक ऑक्सीजन के निर्यात की गलत तस्वीर पेश हुई जिससे अनावश्यक चिंता उत्पन्न हुई। मनी कंट्रोल ने लिखा कि यह रिपोर्ट प्रकाशित नहीं की जानी चाहिए थी। मनी कंट्रोल ने अपनी गलती के लिए खेद प्रकट किया।
— moneycontrol (@moneycontrolcom) April 21, 2021
इसके अलावा फेक न्यूज फैलाने के लिए प्रसिद्ध NDTV ने भी भारत के ऑक्सीजन निर्यात पर भ्रामक खबर चलाई। सरकार के द्वारा ऑक्सीजन निर्यात पर पूरी स्थिति साफ कर देने के बाद भी NDTV ने यह आरोप लगाया कि 2020 की तुलना में जनवरी 2021 में भारत का ऑक्सीजन निर्यात 700% बढ़ा है।
Watch | India #Oxygen Export Rose Over 700% In January 2021 vs 2020 Amid Pandemic https://t.co/UdJzCP7CUX pic.twitter.com/8KoNLsyJJg
— NDTV (@ndtv) April 21, 2021
हालाँकि सरकार के सूत्रों ने इन मीडिया रिपोर्ट्स को भ्रांतिपूर्ण बताया क्योंकि इन रिपोर्ट्स में जिस ऑक्सीजन की बात की गई है वह औद्योगिक ऑक्सीजन है जो कि मेडिकल ऑक्सीजन से कहीं अलग होती है।
Malicious propaganda is being spread that India had exported scarce medical oxygen during the pandemic year of 2020-21. This is absolutely false and industrial oxygen exports are being mistaken as medical oxygen: Government sources
— ANI (@ANI) April 21, 2021
सरकार के सूत्रों के अनुसार निर्यातित ऑक्सीजन दो प्रकार की होती है, एक औद्योगिक ऑक्सीजन और दूसरी मेडिकल ऑक्सीजन। 2020-21 के दौरान अप्रैल से फरवरी के मध्य भारत ने 9884 मीट्रिक टन औद्योगिक ऑक्सीजन का निर्यात किया जबकि इसी दौरान मात्र 12 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन का निर्यात हुआ।
Majority of these industrial oxygen export was in Dec & Jan when medical oxygen consumption reduced to 1418 MT/day from 2675 MT/day in Sept-this against near 7000 MT/day capacity resulted in no threat to medical oxygen supply while protecting jobs in oxygen industry: Govt sources
— ANI (@ANI) April 21, 2021
सालाना निर्यातित ऑक्सीजन की मात्रा भारत की सालाना ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता का मात्र 0.4% है। औद्योगिक ऑक्सीजन का अधिकतर निर्यात दिसंबर 2020 में हुआ। इसके अलावा सितंबर 2020 में भारत में मेडिकल ऑक्सीजन की खपत 2675 मीट्रिक टन प्रतिदिन थी वह जनवरी 2021 में घटकर 1418 मीट्रिक टन प्रतिदिन रह गई।
सरकार के आँकड़ों के अनुसार 2016-17 के दौरान भारत ने 15,000 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का निर्यात किया था जबकि इसी समय मेडिकल ऑक्सीजन का निर्यात 229.82 मीट्रिक टन था। अगले पाँच वर्षों में ऑक्सीजन की माँग घटी जिससे 2019-20 के दौरान औद्योगिक ऑक्सीजन का निर्यात घटकर 4328 मीट्रिक टन हो गया जबकि मेडिकल ऑक्सीजन का निर्यात इसी समय 9.62 मीट्रिक टन रह गया।
औद्योगिक ऑक्सीजन का चिकित्सा में उपयोग नहीं :
रेलवे प्लांट अपनी औद्योगिक ऑक्सीजन सप्लाई का उपयोग मेडिकल उद्देश्य के लिए करना चाहता था। इस पर प्रीमियर क्रायोजेनिक्स लिमिटेड के डेप्युटी जनरल मैनेजर पीके बोरा ने यह बताया कि औद्योगिक लिक्विड ऑक्सीजन का उपयोग चिकित्सा उद्देश्यों के लिए नहीं किया जा सकता है।
भारत सरकार ने ऑक्सीजन का निर्यात बैन किया :
कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत सरकार ने नौ उद्योगों को छोड़कर शेष उद्योगों में ऑक्सीजन के उपयोग को बैन कर दिया है। बढ़ती माँग को देखते हुए सरकार ऑक्सीजन के उत्पादन और आपूर्ति को बढ़ाने का भरपूर प्रयास कर रही है।
टाटा, रिलायंस, जिंदल और ऐसे ही अन्य औद्योगिक घरानों ने अपनी औद्योगिक ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता का उपयोग मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन के लिए करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश जैसी राज्य सरकारों और डीआरडीओ जैसी सरकारी संस्थाओं ने भी अस्पतालों में ही ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने की दिशा में कार्य प्रारंभ कर दिया है जिससे किसी भी प्रकार की ऑक्सीजन की कमी न हो।