लगातार झूठी खबरें फैलाने के वाले कुछ वामपंथी मीडिया पोर्टल और पत्रकारों ने एक बार फिर अपने प्रोपेगेंडा के तहत खबरें चलाने का प्रयास किया है, लेकिन इस बार इन खबरों का भारतीय रेलवे ने खुलासा कर दिया है।
हिंदुस्तान टाइम्स ने 27 मई, 2020 को “माइग्रेंट्स किड डाइज एज फादर हंट्स फोर मिल्क एट रेलवे स्टेशन” शीर्षक से एक रिपोर्ट प्रकाशित की। इसमें दावा किया कि दिल्ली में रहने वाला बिहार का एक साढ़े चार साल का बच्चा, जो श्रमिक ट्रेन में सवार होकर पहुँचा था, उसने भूख के चलते रेलवे स्टेशन पर पहुँचने से पहले ही दम तोड़ दिया।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट को पत्रकार राणा अयूब द्वारा शेयर किया गया। ट्वीट करते हुए राणा ने लिखा, “एक साढ़े चार वर्ष का प्रवासी बच्चा श्रमिक ट्रेन से रेलवे स्टेशन पर पहुँचने से पहले ही मर गया। बच्चे की मौत उस समय हुई कि जब बच्चे का पिता दूध की तलाश कर रहा था।” साथ ही खबर में लिखा गया था कि प्लेटफॉर्म पर भोजन और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के न होने के कारण बच्चे की मौत हो गई।
जैसा कि अयूब राणा के ट्वीट और हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में दिखाया गया है कि बच्चे की मौत भूख के कारण हुई। रेल मंत्रालय ने इसके जवाब में ट्विटर पर बताया है कि बच्चा पहले से ही एक बीमारी से पीड़ित था। वह बीमारी का इलाज कराने के बाद दिल्ली से अपने परिवार के साथ लौट रहा था।
मंत्रालय के ट्वीट में यह भी कहा गया कि बच्चे की मौत ट्रेन से उतरने के 5 घंटे पहले हो चुकी थी। साथ ही मंत्रालय ने पत्रकार को झूठी खबर शेयर करने के लिए चेताया भी।
An unfortunate incident was reported at Muzzafarpur Station where a child passed away on the platform, 5 hours after deboarding the train.
— Spokesperson Railways (@SpokespersonIR) May 28, 2020
The child was travelling with his family from Delhi after getting treatment for a disease.
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बार-बार फेक न्यूज फैलाने वाली पत्रकार राणा अय्यूब
बीते दिन (27 मई, 2020) को राणा अयूब के अपने इंस्टाग्राम अकाउंट के माध्यम से एक महिला की मौत के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। अयूब ने दावा किया था कि महिला की मौत इसलिए हुई क्योंकि सरकार ने लेट हो रही ट्रेन में भोजन और पानी की व्यवस्था नहीं की थी।
अयूब ने दावा किया था कि महिला मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर बेहोश होकर गिर गई और फिर भूख के कारण महिला ने दम तोड़ दिया, जबकि महिला की मौत की सच्चाई कुछ और ही थी।
रेलवे मंत्रालय के अनुसार महिला अपनी बहन, उसके पति और दो बच्चों के साथ ट्रेन में यात्रा कर रही थी। महिला एक लंबी बीमारी से पीड़ित थी और यात्रा के दौरान ही महिला ने दम तोड़ दिया था। इसके बाद भी कई मीडिया हाउस सरकार को नकारा साबित करने के लिए तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं।
रेलवे ने उन सभी भ्रामक खबरों पर चु्प्पी तोड़ी, जिनमें लोगों की मौत के पीछे का कारण रेलवे की लापरवाही बताया जा रहा है। 27 मई, 2020 को दैनिक जागरण ने दावा किया गया कि श्रमिक एक्सप्रेस में लापरवाही के कारण चार लोगों की मौत हो गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि श्रमिक एक्सप्रेस पर सवार प्रवासी श्रमिक भोजन और पानी से वंचित हैं और इन लोगों की मौत भोजन और पानी की कमी के कारण हुई है।
हालाँकि भारतीय रेलवे ने मौतों पर गलत सूचना फैलाने वालों के जवाब देने के लिए ट्विटर का सहारा लिया। भारतीय रेलवे ने कहा कि आपात स्थिति के प्रत्येक यात्री को चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाती है। इसके अलावा सभी यात्रियों के लिए श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों में भोजन और पानी उपलब्ध कराया जाता है।
मंगलवार (26 मई, 2020) को भारतीय रेलवे ने दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट का खंडन किया था, जिसमें दावा किया गया था कि श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों में भोजन और पानी की कमी से प्रवासी श्रमिकों की मौत हो रही है। भास्कर ने अपनी रिपोर्ट में रेलवे की कथित लापरवाही को यात्रियों की मौत का कारण बताया था।
हालाँकि भारतीय रेलवे ने भास्कर रिपोर्ट में दिए गए दावे को स्पष्ट रूप से खारिज करते हुए कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आने तक मौत के कारणों का पता नहीं लगाया जा सकता है। मोहम्मद इरशाद (4 वर्षीय) मुज़फ़्फ़रपुर से बेतिया जाने वाली ट्रेन में सवार था, जिसकी रास्ते में मौत हो गई। रेलवे ने स्पष्ट किया कि बच्चा बीमार था और इलाज के बाद दिल्ली से लौट रहा था।