Saturday, November 16, 2024
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आटा चक्की में फँस हुई मौत, मीडिया ने जोड़ा ‘रेप-हत्या’ का एंगल, SP-भीम आर्मी-BSP ने फैलाई खबर: UP पुलिस ने बताई पूरी बात

बांदा पुलिस बार-बार बयान देने के बाद गलत एंगल से खबर को फैलता देख एक्टिव हो गई है। घटना से संबंधित फर्जी समाचार और ट्विट्स पर पुलिस लोगों को चेतावनी दे रही है। बांदा पुलिस ने साफ लिखा है- कृपया भ्रामक खबरें न फैलाएँ। भ्रामक खबरें फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है ।

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के पतौरा गाँव में दलित महिला का शव आटा चक्की से क्षत-विक्षत हालत में मिलने की घटना ने सबको झकझोर दिया। मीडिया में कुछ बयानों को आधार बनाकर इस खबर को एंगल दिया गया कि महिला से पहले रेप हुआ और उसके के बाद धारदार हथियार से उसके टुकड़े किए गए…

संबंधित खबर पर मीडिया संस्थानों की कवरेज, जिनके शीर्षक में रेप की बात कही गई

तमाम मीडिया संस्थानों ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि कैसे दलित महिला राज कुमार शुक्ला की चक्की में लिपाई करने गई थी और बाद में उसका शव वहीं से मिला। उसके अंग पर कपड़े न होने के कारण दिखाया गया कि जैसे महिला का रेप हुआ। हालाँकि पुलिस ने अपनी जाँच में पाया महिला की मृत्यु आटा चक्की में फँस जाने के कारण हुई है और पोस्टमार्टम में भी सामने आया है कि अंदरूनी अंगों में चोट नहीं लगी।

पुलिस ने बार-बार दिया अपडेट

पुलिस ने इस घटना की बाबत एक बयान 31 अक्टूबर को जारी किया था जिसमें उन्होंने बताया था कि एक 40 वर्षीय दलित महिला जो आटा चक्की पर काम करती थी, वो दुर्घटनावश चक्की की लपेट में आ गई और उसकी वहाँ मौत हो गई। फॉरेंसिक टीम से जाँच करवाई जा रही।

इस बयान के साथ ही पुलिस ने तब साफ किया था कि शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।

इसके बाद फिर जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तो बांदा पुलिस ने दोबारा बयान जारी किया। पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल ने बताया कि 31 अक्टूबर को उन्हें सूचना प्राप्त हुई थी कि एक महिला की आटा चक्की में फँसने से मौत हो गई है। पुलिस वहाँ गई तो पता चला महिला मिट्टी से लिपाई का काम कर रही थी। पुलिस ने मौके पर पहुँच शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम कराया। प्रथम दृष्ट्या में जो मामला सामने आया है वो यही है कि आटा चक्की में फँसने के कारण हुई मौत ही है। महिला के किसी अंदरूनी अंग में चोट लगने के सबूत नहीं मिले हैं। लेकिन परिवार की तहरीर पर एक मामला दर्ज किया गया है। पुलिस सारे साक्ष्य जुटा रही है, जल्दी विवेचना की जाएगी।

विपक्ष की राजनीति और UP पुलिस की चेतावनी

अब एक ओर जहाँ पुलिस लगातार इस खबर पर अपडेट दे रही थी, वहीं विपक्षी पार्टी के नेता एक्टिव होकर इस मामले पर योगी सरकार को घेरने लगे। जैसे:

अखिलेश यादव ने बांदा की घटना के बाद ट्वीट में लिखा यूपी की महिलाएँ डरी हुई हैं और आक्रोशित भी हैं। उनका यकीन भाजपा सरकार से उठ गया है।

स्वामी प्रसाद मौर्या ने लिखा, “जनपद बाँदा के थाना गिरवाँ में आटा चक्की में लिपाई के बहाने बुलाकर दलित महिला के साथ सामूहिक बलात्कार करना, उसके बाद उसे तीन हिस्सों में काटकर अपराधियों ने जो बर्बरता दिखाई है, वह अत्यंत हृदय विदारक है। दलित और पिछड़ों पर बेतहाशा जुर्म-ज्यादती, अत्याचार बढ़ा है, इसे आप क्या कहेंगे रामराज्य या जंगल राज?”

इसी तरह भीम आर्मी जय भीम के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंजीत सिंह नोटियाल लिखते हैं कि वो इस केस में महिला को न्याय दिलाने के लिए ट्विटर पर ट्रेंड चलाएँगे।

अब बांदा पुलिस बार-बार बयान देने के बाद गलत एंगल से खबर को फैलता देख एक्टिव हो गई है। घटना से संबंधित फर्जी समाचार और ट्विट्स पर पुलिस लोगों को चेतावनी दे रही है। बांदा पुलिस ने साफ लिखा है- कृपया भ्रामक खबरें न फैलाएँ। भ्रामक खबरें फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है ।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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