ख़ुद को देश का सबसे बड़ा दलित नेता बताने वाले उदित राज ने एक बार फिर अपने ‘व्हाट्सप्प ज्ञान’ का परिचय दिया है। नॉर्थ वेस्ट दिल्ली ने सांसद रह चुके उदित राज को इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो वह कॉन्ग्रेस में शामिल हो गए थे। भाजपा ने उनकी जगह सूफी गायक हंसराज हंस को तरजीह दी और वह विजयी भी हुए। कॉन्ग्रेस नेता उदित राज ने ट्विटर पर दावा किया है कि नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में प्रवेश करने के लिए भारतीयों को वीजा बनवाना पड़ता है।
नव भारत अख़बार छत्तीसगढ़ के हवाले से छपी ख़बर के अनुसार नागालैंड , अरुणाचल एवंम सिक्किम में भारतीयों को प्रवेश करने के लिए वीज़ा चाहिए लेकिन वो भाजपा का मुद्दा नहीं है। वहाँ हिंदू बनाम मुस्लिम का मुद्दा नहीं बनता यही वजह है ।@INCIndia
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) August 18, 2019
उदित राज ने ‘नवभारत’ अख़बार के छत्तीसगढ़ संस्करण का हवाले देते हुए ट्वीट किया, “नगालैंड, अरुणाचल और सिक्किम में भारतीयों को प्रवेश करने के लिए वीज़ा चाहिए लेकिन वो भाजपा का मुद्दा नहीं है। वहाँ हिंदू बनाम मुस्लिम का मुद्दा नहीं बनता यही वजह है।” इस झूठे भ्रामक ट्वीट को लेकर लोगों ने उदित राज को जम कर लताड़ लगाई। कुछ लोगों ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि उदित राज कभी भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी रहे थे।
एनडीटीवी के राजनीतिक संपादक अखिलेश शर्मा ने उन्हें जवाब देते हुए पूछा, “सर। मैं बिना पासपोर्ट-वीज़ा दो महीने पहले सपरिवार सिक्किम होकर आया। रास्ते में नेपाल था, वहाँ भी सिर्फ आधार कार्ड दिखाकर चला गया था। अब पुलिस पकड़ेगी तो नहीं?”
सर। मैं बिना पासपोर्ट-वीज़ा दो महीने पहले सपरिवार सिक्किम होकर आया। रास्ते में नेपाल था, वहाँ भी सिर्फ आधार कार्ड दिखाकर चला गया था। अब पुलिस पकड़ेगी तो नहीं?
— Akhilesh Sharma अखिलेश शर्मा (@akhileshsharma1) August 19, 2019
उदित राज ने जिस ‘नवभारत’ समाचार पत्र का जिक्र किया है, उसने मंगलवार (अगस्त 13, 2019) के संस्करण में यह ख़बर छापी थी, जिसके जाल में उदित राज फँस गए। अख़बार ने ‘इनर लाइन परमिट’ को आंतरिक वीजा बताया था। अख़बार के अनुसार, किसी सीमित या संरक्षित क्षेत्र में प्रवेश के लिए राज्य सरकार की अनुमति लेनी पड़ती है और यह ब्रिटिश काल का नियम है। ख़बर में सिक्किम का कहीं भी जिक्र नहीं है, इसे उदित राज ने यूँ ही घुसेड़ा। अख़बार ने नीचे दिए गए इस ख़बर में ‘राज्य सरकार की अनुमति’ को वीजा बता दिया:
दरअसल, भारत का कोई भी नागरिक देश के किसी भी हिस्से में बिना वीजा-पासपोर्ट भ्रमण कर सकता है। अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और नगालैंड में यात्रा के लिए ‘इनर लाइन परमिट’ की ज़रूरत पड़ती है, जो आसानी से मिल जाती है। इसके लिए ऑनलाइन व्यवस्था भी है। सिक्किम में इसकी भी कोई ज़रूरत नहीं पड़ती। शेष भारत के अन्य हिस्सों के हजारों-लाखों लोग उत्तर-पूर्वी राज्यों में काम कर रहे हैं। ऐसे में, उदित राज का यह दावा सरासर ग़लत है कि किसी भी भारतीय राज्य में जाने के लिए भारत के लोगों को वीजा बनवाना पड़ता है।