राज्यसभा में कृषि बिल के होने के साथ ही कॉन्ग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने दुष्प्रचार के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। इसी कड़ी में पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने सरकार पर हमला करने और गलत सूचना फैलाने के लिए ट्विटर का सहारा लिया। बता दें कि राहुल गाँधी फिलहाल अपनी माँ सोनिया गाँधी के साथ संसद के मानसून सत्र से नदारद हैं। सोनिया गाँधी रायबरेली की सांसद होने के साथ ही कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष भी हैं।
मोदी सरकार के कृषि-विरोधी ‘काले क़ानून’ से किसानों को:
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 20, 2020
1. APMC/किसान मार्केट ख़त्म होने पर MSP कैसे मिलेगा?
2. MSP की गारंटी क्यों नहीं?
मोदी जी किसानों को पूँजीपतियों का ‘ग़ुलाम’ बना रहे हैं जिसे देश कभी सफल नहीं होने देगा।#KisanVirodhiNarendraModi
राहुल गाँधी ने सरकार पर ‘किसान विरोधी’ होने का आरोप लगाते हुए सवाल किया कि अगर APMC मार्केट को खत्म कर दिया जाता है तो किसानों को MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) कैसे मिलेगा। उन्होंने सवाल किया कि सरकार MSP की गारंटी क्यों नहीं दे रही है। साथ ही उन्होंने ट्वीट में यह भी लिखा कि मोदी जी किसानों को पूँजीपतियों का ‘ग़ुलाम’ बना रहे हैं, जिसे देश कभी सफल नहीं होने देगा।
तथ्यों को सामने लाने और फैलाए जा रहे फर्जी खबरों का खंडन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ अन्य मंत्रियों ने भी सोशल मीडिया का सहारा लिया।
मैं पहले भी कहा चुका हूं और एक बार फिर कहता हूं:
— Narendra Modi (@narendramodi) September 20, 2020
MSP की व्यवस्था जारी रहेगी।
सरकारी खरीद जारी रहेगी।
हम यहां अपने किसानों की सेवा के लिए हैं। हम अन्नदाताओं की सहायता के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे और उनकी आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करेंगे।
पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, “मैं पहले भी कह चुका हूँ और एक बार फिर कहता हूँ। MSP की व्यवस्था जारी रहेगी। सरकारी खरीद जारी रहेगी। हम यहाँ अपने किसानों की सेवा के लिए हैं। हम अन्नदाताओं की सहायता के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे और उनकी आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करेंगे।”
पीएम मोदी ने कहा कि बदलते समय के साथ किसानों को अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए तकनीक की भी जरूरत है। अब इन बिलों के पास होने से हमारे किसानों की पहुँच भविष्य की टेक्नोलॉजी तक आसान होगी। इससे न केवल उपज बढ़ेगी, बल्कि बेहतर परिणाम सामने आएँगे। यह एक स्वागत योग्य कदम है।
For decades, the Indian farmer was bound by various constraints and bullied by middlemen. The bills passed by Parliament liberate the farmers from such adversities. These bills will add impetus to the efforts to double income of farmers and ensure greater prosperity for them.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 20, 2020
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, “दशकों तक हमारे किसान भाई-बहन कई प्रकार के बंधनों में जकड़े हुए थे और उन्हें बिचौलियों का सामना करना पड़ता था। संसद में पारित विधेयकों से अन्नदाताओं को इन सबसे आजादी मिली है। इससे किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयासों को बल मिलेगा और उनकी समृद्धि सुनिश्चित होगी।”
बता दें कि रविवार (सितंबर 20, 2020) को कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सरलीकरण) विधेयक-2020, कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को उच्च सदन ने ध्वनिमत से पास कर दिया। इसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। लोकसभा में यह विधेयक पहले ही पारित हो चुका है।
राज्यसभा में ध्वनिमत से पारित होने से पहले इन विधेयकों पर सदन में खूब हंगामा हुआ। नारेबाजी करते हुए सांसद वेल तक पहुँच गए। कोविड-19 के खतरे को भुलाते हुए धक्का-मुक्की भी हुई। विपक्ष ने इसे ‘काला दिन’ बताया है। तृणमूल कॉन्ग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि यह ‘लोकतंत्र की हत्या’ है। डेरेक ओ ब्रायन ने उप सभापति के सामने रूल बुक फाड़ने की कोशिश की। इस दौरान ब्रायन उप सभापति हरिवंश के बिल्कुल करीब पहुँच गए। वहाँ खड़े मार्शल ने बड़ी ही मुश्किल से उन्हें हटाया।