राजस्थान पुलिस ने शनिवार (जून 29, 2019) को पहलू खान के खिलाफ एक चार्जशीट दायर की, जिसमें उसे गो-तस्करी और गो-वध करने का अपराधी बताया गया। कथित तौर पर मॉब लींचिंग का शिकार हुए डेयरी किसान पहलू खान का नाम चार्जशीट में होने की बात पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए नाराजगी जाहिर की और झूठ भी बोला। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2018 में राज्य पुलिस की तरफ से फाइल की गई चार्जशीट में पहलू खान का नाम शामिल नहीं है।
News reported in Indian Express is factually incorrect. Name of Late #PehluKhan is not there in the chargesheet submitted by #Rajasthan Police in December 2018.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) June 29, 2019
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कॉन्ग्रेस के राजस्थान में सरकार बनाने के 13 दिन बाद 30 दिसंबर, 2018 को पहलू खान की हत्या से संबंधित मामले में चार्जशीट दायर की गई थी। सीएम अशोक गहलोत ने चार्जशीट में पहलू खान के नाम का उल्लेख नहीं किए जाने पर ज़ोर दिया और अपने कार्यकाल के दौरान दायर चार्जशीट के लिए पिछली भाजपा सरकार पर दोषारोपण किया। इसके साथ ही गहलोत ने ये भी कहा कि उनकी सरकार ये देखेगी कि पिछली सरकार के कार्यकाल में जाँच के दौरान कहीं किसी तरह की कोई अनियमितता तो नहीं बरती गई थी।
अशोक गहलोत द्वारा चार्जशीट में पहलू खान का नाम शामिल न होने की बात कहना सरासर गलत है। ऐसा हम नहीं, बल्कि राजस्थान पुलिस द्वारा दिसंबर 2018 में दायर की गई चार्जशीट कह रही है। ऑपइंडिया के पास इसकी प्रति है, जिसकी तस्वीर नीचे दी जा रही है। इसमें आप स्पष्ट रुप से देख सकते हैं कि दिसंबर 2018 में जब राजस्थान पुलिस ने चार्जशीट दायर की थी तो उसमें मारे गए अभियुक्त के रुप में पहलू खान के नाम का उल्लेख किया गया है। ये चार्जशीट गहलोत द्वारा बोले गए झूठ को सिरे से नकारता है।
इस चार्जशीट में पहलू खान और उनके दो बेटों- आरिफ और इरशाद के साथ उस पिकअप ट्रक के मालिक खान मोहम्मद का उल्लेख है, जिसमें गायों को तस्करी के लिए ले जाया जा रहा था। इन पर गो-तस्करी का आरोप लगाया गया है। जब पहलू खान अपने बेटों के साथ गायों को हरियाणा में अपने पैतृक गाँव ले जा रहे थे, तभी रास्ते में कुछ स्व-घोषित गो-रक्षकों की भीड़ ने ट्रक को रोका और फिर कथित तौर पर उनकी पिटाई की।
अलवर जिले के बहरोड़ कस्बे में 29 मई 2019 को बहरोड़ के एडिशनल चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत में यह चार्जशीट पेश की गई। इस चार्जशीट में पहलू खान और उनके बेटों पर राजस्थान गोवंशीय पशु (वध निषेध और अस्थायी प्रवासन या निर्यात पर प्रतिबंध) अधिनियम, 1995 की धारा 5, 8 और 9 के तहत चार्जशीट दायर की गई है।
55 वर्षीय पहलू खान 1 अप्रैल 2017 को अपने बेटों के साथ जयपुर के एक पशु मेले से मवेशियों को खरीद कर हरियाणा के नूंह स्थित अपने घर ला रहा था। इस दौरान भीड़ द्वारा उन्हें जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर बहरोड़ के पास घेर लिया गया और मवेशियों की तस्करी के आरोप में पीटा। जिसके बाद खान को निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, लेकिन गंभीर चोटों के कारण, दो दिन बाद अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई।
राजस्थान भाजपा के विधायक ज्ञान देव आहूजा ने कहा कि पहलू खान और उनके दोनों बेटे हरियाणा में गायों की तस्करी के अपराधी थे। इसके साथ ही उन्होंने गो-रक्षकों और हिंदू परिषद के खिलाफ लगाए गए आरोपों को भी खारिज किया।
दरअसल, राजस्थान पुलिस द्वारा दायर की गई चार्जशीट में पहलू खान को गो-तस्करी का आरोपित बताने के बाद से ही कुछ लोगों द्वारा राजस्थान कॉन्ग्रेस सरकार की आलोचना की जा रही है और ऐसा लग रहा है कि अशोक गहलोत उन्हीं लिबरलों के आँसू पोंछने के लिए झूठ बोल रहे हैं। गहलोत के झूठ बोलने का मकसद उन लिबरलों के आक्रोश को शांत करना था, जो कि चार्जशीट में आरोपित गो-तस्कर पहलू खान का नाम शामिल होने पर रो रहे हैं।