Friday, November 22, 2024
Homeफ़ैक्ट चेकसोशल मीडिया फ़ैक्ट चेक'असम में मियाँ-मुस्लिम माँग रहे अलग देश, क्योंकि CM हिमंत बिस्वा सरमा ने पुलिस...

‘असम में मियाँ-मुस्लिम माँग रहे अलग देश, क्योंकि CM हिमंत बिस्वा सरमा ने पुलिस से करवाई ठुकाई’: वायरल वीडियो का फैक्टचेक

यह वीडियो हाल का नहीं है। न ही उस समय हिमंत असम के मुख्यमंत्री थे और न उन्होंने पुलिस को इस तरह की कार्रवाई के कोई निर्देश दिए थे।

सोशल मीडिया में एक वीडियो धड़ल्ले से शेयर किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि मियाँ-मुस्लिम (बांग्लादेशी मुस्लिम) असम में अलग देश की माँग कर रहे हैं। साथ ही इसकी वजह बताते हुए कहा जा रहा है​ कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने उनके खिलाफ एक्शन लिया है और पुलिस से उनकी पिटाई करवाई है।

सोशल मीडिया पर इसे तरह-तरह से शेयर किया जा रहा है। कुछ लोग इसे हिमंत सरकार की वाहवाही के लिए शेयर कर रहे हैं और कुछ उन पर सवाल उठाने के लिए। हालाँकि, सच्चाई ये है कि ये वीडियो अभी की है ही नहीं।

फैक्ट चेक करने पर पता चलता है कि ये वीडियो साल 2017 की है। असम के गोलपारा में ये प्रदर्शन उस समय किया गया था जब एक मुस्लिम युवक को सरकार ने अवैध प्रवासी घोषित किया था और उसे डी वोटर (डाउटफुल वोटर) की श्रेणी में रख दिया था।

गूगल पर रिवर्स इमेज और कीवर्ड सर्च के माध्यम से यही वीडियो ‘टाइम्स ऑफ ढुबरी’ नाम के यूट्यूब चैनल पर 2 जुलाई 2017 को अपलोड हुई मिलती है। टाइटल में भी लिखा है, “GOALPARA INCIDENT- POLICE KILLED A YOUNG PROTESTER YAQUB ALI”

जानकारी के अनुसार, वीडियो में नजर आने वाले प्रदर्शनकारियों की माँग थी कि सरकार ने जो उनके समुदाय के युवक पर डाउटफुल सिटिजन होने का टैग लगाया है उसे हटाया जाए। इनका कहना था कि कई असली भारतीयों पर भी सरकार ऐसे टैग लगा रही है।

स्क्रॉल पर प्रकाशित लेख

इस संबंध में स्क्रॉल पर 3 जुलाई 2017 को एक आर्टिकल पब्लिश हुआ था। इसमें कहा गया था कि 30 जून को प्रदर्शन के हिंसक होने के बाद हुई पुलिस फायरिंग में एक मुस्लिम प्रदर्शन की मौत हो गई। रिपोर्ट के अनुसार वीडियो को रिकॉर्ड करने वाले का नाम हुसैन अली मदानी था और उसने ही सबसे पहले इसे 30 जून को अपलोड किया था।

हुसैन अहमद द्वारा अपलोड वीडियो

ऐसी ही एक रिपोर्ट पब्लिश हुई थी न्यूजक्लिक पर। इसमें बताया गया था कि प्रदर्शनकारी डी वोटर्स जारी किए जाने के ख़िलाफ़ अपना प्रोटेस्ट कर रहे थे। उनकी माँग थी कि आखिर इसकी आड़ में असली प्रदर्शनकारियों को क्यों सताया जा रहा है। इस संबंध में उन्होंने 30 जून को नेशनल हाईवे को ब्लॉक कर अपना प्रोटेस्ट किया था।

न्यूज क्लिक की रिपोर्ट की फीचर इमेज

इससे जाहिर है कि यह वीडियो हाल का नहीं है। न ही उस समय हिमंत असम के मुख्यमंत्री थे और न उन्होंने पुलिस को इस तरह की कार्रवाई के कोई निर्देश दिए थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

सालों तक मर्जी से रिश्ते में रही लड़की, नहीं बनता रेप का मामला, सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की FIR: कहा- सिर्फ ब्रेक अप हो...

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में शादी के झूठे वादे के आधार पर किए गए रेप की FIR को खारिज कर दिया और आरोपित को राहत दे दी।

AAP ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए निकाली पहली लिस्ट, आधे से ज्यादा बाहरी नाम, 3 दिन पहले वाले को भी टिकट: 2 पर...

AAP ने आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 11 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है। इनमें से 6 उम्मीदवार भाजपा और कॉन्ग्रेस से आए हुए हैं।
- विज्ञापन -