पिछले दिनों बॉलीवुड एक्टर दिलीप कुमार की हुई मौत के बाद से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इस पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि दिलीप कुमार ने जीते जी ‘हिंदू’ बन कर कमाया-खाया और मरते समय 98 करोड़ की प्रॉपर्टी वक्फ-बोर्ड को दान कर गए।
हालाँकि, जब सोशल मीडिया पर किए जा रहे इस दावे की सच्चाई जानने की पड़ताल की गई तो यह खबर फेक निकली। सोशल मीडिया पर चल रहे फर्जी संदेशों पर नज़र रखने वाली वेबसाइट मीडिया होक्स स्लेयर (SMHS) ने इस फर्जी दावे का भंडाफोड़ किया।
एसएमएचएस के पंकज जैन ने कहा, “हिंदी में वायरल संदेश, जिसे बाद में अन्य भाषाओं में ट्रांसलेट किया गया, न केवल चौंकाने वाला और परेशान करने वाला था, बल्कि कई लोगों को इसके कथित दावों की सच्चाई के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया।”
जैन ने आईएएनएस को बताया, “पोस्ट के पीछे की सच्चाई को सत्यापित करने के लिए मुझे कई कॉल और मैसेज करने पड़े और काफी प्रयासों के बाद, मैंने पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा दावा फर्जी है। मैंने दिलीप कुमार साब के मीडिया मैनेजर फैसल फारूकी से भी इसकी पुष्टि की।”
फारूकी ने जैन को एक लिखित बयान में कहा, “ये फर्जी आईडी द्वारा बनाए गए फर्जी ट्वीट हैं। शरारत करने वाले और बिल्कुल झूठे। इन ट्वीट्स का हर शब्द गलत है। उनके कंटेंट में कोई सच्चाई नहीं है।”
फारूकी ने कहा कि संपत्ति दिवंगत अभिनेता की पत्नी (सायरा बानो खान) के पास है, जो खुद एक अभिनेत्री हैं, वो अंतिम साँस तक अपने पति के साथ थीं। जैन ने बताया कि फारूकी दिलीप कुमार साब के साथ बड़ा हुआ था और परिवार के करीब रहा है।
उनका कहना है कि वक्फ-बोर्ड को प्रॉपर्टी या पैसों का ऐसा कोई दान दिलीप कुमार ने नहीं किया है। वहीं, मुंबई वक्फ-बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि दिलीप कुमार की तरफ से ऐसा कोई दान वक्फ-बोर्ड को नहीं दिया गया है। ऐसे में सोशल मीडिया पर दिवंगत एक्टर दिलीप कुमार का वक्फ-बोर्ड को पैसे या प्रॉपर्टी दान करने का दावा सरासर गलत है।