इस्लाम को मानने वालों के लिए रमजान का महीना चल रहा है। सोशल मीडिया पर रमजान से ही संबंधित एक वीडियो वायरल हो रही है। रोजा रखते हुए इस्तिन्जा (Ramzan me istinja) कैसे करें, इसके बारे में एक मुफ्ती वीडियो में बता रहे हैं। इस्तिन्जा का हिंदी में मतलब समझिए – शौच (पखाना) के बाद पिछवाड़ा धोने की प्रक्रिया।
रमजान में चूँकि मुस्लिम लोग दिन भर कुछ खाते भी नहीं हैं, पानी भी नहीं पीते हैं, इसलिए वायरल वीडियो में मुफ्ती बता रहे हैं कि रोजे के दौरान शौच (पखाना) के बाद पिछवाड़ा कैसे धोया जाए ताकि पानी गुदाद्वार से अंदर पेट में न चला जाए। मुफ्ती मामुर बदर कासमी का वीडियो देखिए, जो वायरल हो रहा है। बहुत मजा है इस वीडियो में।
रोजे के टाइम गांड धोते टाइम गांड को टाइट रखे वरना पानी पीछे से अंदर चला जायेगा और रोजा टूट जायेगा – मौलाना जी pic.twitter.com/X5Mvg4kX7N
— Dr. Ladla (@SonOfChoudhary) March 31, 2023
मुफ्ती बता रहे हैं कि इस्तिन्जा करते समय साँस रोक लें। इसके बाद वो हाथ हिला कर (पिछवाड़ा धोने की प्रक्रिया) बता रहे हैं कि पानी का इस्तेमाल करें। साँस रोकने को लेकर मुफ्ती तर्क देते हैं कि इससे पखाने का सुराख (गुदाद्वार) खुलेगा नहीं, टाइट रहेगा। इस कारण से इस्तिन्जा के वक्त पानी गुदाद्वार से होते हुए पेट के अंदर नहीं जाएगा।
रोजे के टूटने की बात कहते हुए मुफ्ती बताते हैं कि कोई चीज अगर मुँह के रास्ते से या पखाने के रास्ते से पेट में चली जाए तो उस कारण से रोजा का टूटना माना जाएगा। अपनी बात में वजन लाने के लिए इस्लामी मजहबी किताबों के कुछ उदाहरण भी देते हैं मुफ्ती।
रोजे में पखाने के बाद पिछवाड़ा कैसे धोएँ?
क्या सच में इस्लाम को मानने वाले लोग ऐसे-ऐसे सवाल करते हैं? क्या सच में मौलाना-मुफ्ती लोगों के ऐसे सवालों का जवाब देते हैं। हमने इन सवालों को तलाशने का काम किया।
वायरल वीडियो सिर्फ 47 सेकंड का है, इसलिए हमारा सबसे पहला काम था पूरे वीडियो को खोजना। यूट्यूब पर मिल भी गया मुफ्ती मामुर बदर कासमी का ऑफिशिअल अकाउंट। यहाँ 5 अप्रैल 2023 को एक शॉर्ट वीडियो अपलोड किया गया है। इसमें मुफ्ती खुद को बदनाम करने की साजिश बताते हुए वायरल वीडियो को एडिटेड बताते हैं।
इस शॉर्ट वीडियो के बाद हमने मुफ्ती मामुर बदर कासमी का ऑरिजनल वीडियो खोजा, जिसको एडिट करके सोशल मीडिया में वायरल किया जा रहा है। यह वीडियो भी हमें मिल गया। 2 साल पहले अपलोड किया गया था। 7 मिनट 18 सेकंड का वीडियो है यह।
पूरे वीडियो को देखने के बाद यह क्लियर है कि मुफ्ती मामुर बदर कासमी ने ‘रोजे में पखाने के बाद पिछवाड़ा कैसे धोएँ’ को लेकर चल रही भ्रांतियों पर बात रखी थी। उन्होंने अपने यूजर को वीडियो में बताया कि इस्तिन्जा करते समय पखाने के रास्ते से पेट में पानी जाने वाली बात असंभव है। हाँ, एक संभावना यह बताई कि जिस इंसान के पखाने का रास्ता (गुदाद्वार) बहुत ढीला हो, उसके पेट में इस्तिन्जा करते समय पानी जा सकता है।
मुफ्ती मामुर बदर कासमी के अनुसार पखाने का रास्ता (गुदाद्वार) बहुत टाइट होता है, उसमें कोई चीज अगर घुसाना चाहें तो वो बड़ी मुश्किल से और बहुत दिक्कत से अंदर जाती है। मुफ्ती ने यह भी बताया कि जब कभी कब्ज हो जाती है तो इसी कारण से पखाना करते समय जान लगानी पड़ती है। मुफ्ती ने स्पष्ट किया कि इससे सिद्ध होता है कि पखाने का रास्ता बहुत सख्त होता है, टाइट होता है।
अपने शॉर्ट वीडियो में मुफ्ती ने यह कहा कि कोई बरेलवी मौलाना हैं, जो यह बता रहे हैं कि रोजे में किस तरह से इस्तिन्जा करना चाहिए। तो आखिर कौन है वो मौलाना, जो यह बताता है कि रोजे में गुदाद्वार को चिपका कर इस्तिन्जा करना चाहिए? और क्या सच में इस्लाम को मानने वाले लोग ऐसे-ऐसे सवाल करते हैं? क्या सच में मौलाना-मुफ्ती लोगों के ऐसे सवालों का जवाब देते हैं। हमने इसको लेकर भी वीडियो सर्च किए।
मुफ्ती मामुर बदर कासमी ने अपने वीडियो में जिस बरेलवी मौलाना का जिक्र किया है, उनका वीडियो भी मिल गया यूट्यूब पर। 5 साल पुराना है। 2 मिनट 25 सेकंड के वीडियो में अलग-अलग यूजर मौलाना से दो सवाल पूछता है। मौलाना के साथ वाला टेक्नॉलजी से जुड़ा हुआ है, आई-पैड पर सवालों को लिखता है। इसके बाद मौलाना इन सवालों का जवाब देता है। दूसरा सवाल इस्तिन्जा से जुड़ा है, सुनिए मौलाना का इसको लेकर जवाब।
“रोजे के हालत में साँस ज्यादा न लें। थोड़ा सिमट कर बैठें, ज्यादा फैल कर न बैठें। इससे पानी पेट तक पहुँच सकता है, जिससे रोजा टूट जाएगा।”
रमजान में शौच के बाद पिछवाड़ा धोने वाले वीडियो का सच
फैक्ट-1: मुफ्ती मामुर बदर कासमी के जिस वीडियो को सेशल मीडिया में वायरल किया जा रहा है, वो वीडियो क्रॉप्ड है। उनका पूरा वीडियो देखने से क्लियर है कि “रमजान में शौच के बाद पिछवाड़ा कैसे धोएँ” मामले पर उन्होंने ज्ञान नहीं दिया है।
फैक्ट-2: “रमजान में रोजे के दौरान शौच के बाद पिछवाड़ा कैसे धोएँ” – इस्लाम को मानने वाले लोग ऐसे वाहियात सवाल करते हैं। मौलाना-मुफ्ती लोगों के ऐसे सवालों का जवाब भी देते हैं।