सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और व्हाट्सऐप पर एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है। मैसेज में यह प्रसारित किया जा रहा है कि हिमालया ड्रग कंपनी के मालिक मुहम्मद मनल ने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर भारत विरोधी मैसेज पोस्ट किया है। वायरल वीडियो में एक आदमी को मुस्लिम युवाओं को भारत के परिप्रेक्ष्य को अपने पक्ष में बदलने के लिए उकसाते हुए सुना जा सकता है।
मुहम्मद मनल ने 1930 में हिमालया ड्रग कंपनी की स्थापना की थी। इसका मुख्यालय कर्नाटक के बेंगलुरु में स्थित है। कंपनी मुख्य रूप से स्वास्थ्य देखभाल उत्पादों का उत्पादन करती है, जिसमें आयुर्वेदिक सामग्री पर आधारित कई उत्पाद शामिल हैं। इसके उत्पाद न केवल भारत में बल्कि संयुक्त राज्य अमेरिका, मिडिल ईस्ट और दुनिया के अन्य हिस्सों में भी लोकप्रिय हैं। कंपनी वर्तमान में 106 से अधिक देशों में अपने प्रॉडक्ट बेचती है। बता दें कि 1955 में इंट्रोड्यूस किया गया हिमालया प्रोडक्ट लिव-52 (जो लिवर की बीमारियों के लिए है) कंपनी के प्रसिद्ध दवाइयों में से एक है।
वायरल मैसेज की मानें तो वीडियो में दिखाई देने वाला व्यक्ति हिमालया ड्रग कंपनी का मालिक और संस्थापक मुहम्मद मनल है। उस तरह से देखा जाए तो वीडियो में दिखने वाला व्यक्ति कम से कम सौ साल का होना चाहिए क्योंकि कंपनी की स्थापना 1930 में हुई थी। लेकिन तथ्य यह है कि कंपनी के मालिक मनल का 1986 में निधन हो गया है, इसलिए वीडियो में मौजूद व्यक्ति वो नहीं हो सकते।
गौरतलब है कि हिमालया ने 14 अक्टूबर को अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर एक मैसेज पोस्ट करते हुए आगाह किया था कि कंपनी के बारे में नकली और मनगढ़ंत कई फर्जी सोशल मीडिया पोस्ट और मैसेज व्हाट्सएप फॉरवर्ड किए जा रहे हैं। कंपनी ने चेतावनी भी दी थी कि जिसने भी किसी भी प्रकार का फर्जी पोस्ट या मैसेज फॉरवर्ड किया है, उसे तुरंत हटा दे वरना उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
— Himalaya India (@HimalayaIndia) March 13, 2020
यह पहली बार नहीं है जब हिमालया ड्रग कंपनी इस तरह के मुद्दे का सामना कर रही है। मार्च 2020 में भी सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर इसी तरह के संदेश प्रसारित किए जा रहे थे। कई ऐसे मैसेज वायरल हुए थे, जिनमें यह बताया जा रहा था कि कंपनी आतंकवादियों को फंडिंग करती है। साथ ही पोस्ट में हिमालया ड्रग कंपनी के प्रेसिडेंट और सीईओ फिलीप हेयडन की फ़ोटो को भी निशाना बनाया गया था। पोस्ट में यह उल्लेख किया गया था कि तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति कंपनी का संस्थापक एम मनल है।
उस समय भी कंपनी ने एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए बताया था कि सोशल मीडिया पर हिमालया के खिलाफ सभी पोस्ट फर्जी हैं। कंपनी ने आगे कहा था कि हिमालया ड्रग कंपनी स्वतंत्रता से पहले की “मेड इन इंडिया” वेलनेस ब्रांड है, जो “हीलिंग” धर्म का अनुसरण करती है।
— Himalaya India (@HimalayaIndia) March 13, 2020
These misleading negative rumors, comments, & photographs about The Himalaya Drug Company that are going around on social media only spread hate & negativity. Read this article from Boom Live https://t.co/JR7hGBIWBq & get factual clarification about Himalaya. #Fakenews
— Himalaya India (@HimalayaIndia) March 15, 2020
कंपनी की वेबसाइट पर अगर सर्च किया जाए तो यह पता चलेगा कि वीडियो में मौजूद व्यक्ति एम मनल नहीं है। वास्तव में इस कंपनी के संस्थापक का 1986 में, लगभग 35 साल पहले निधन हो गया था। इसलिए हम इस बात का पता लगा रहे हैं कि आखिर वीडियो में मौजूद व्यक्ति कौन है।
गूगल की रिवर्स इमेज से की गई छोटी सी सर्च से यह पता लगा कि वीडियो में मौजूद शख्स सऊदी अरब में रहने वाला एक व्यक्ति है, जिसका नाम नाकी अहमद नादवी है। फेसबुक पेज पर उसकी वेबसाइट का लिंक था, लेकिन वेबसाइट पर उसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। यह केवल डिफ़ॉल्ट पेज था, जिसे इस साल मई में बनाया गया था।
उसका फेसबुक पेज 22 अगस्त 2020 को बनाया गया था। वह अक्सर इस्लाम को सर्वोच्च बताते हुए कंटेंट पोस्ट करता है और चाहता है कि इस्लामिया उम्माह इस दुनिया पर राज करे।
‘हिमालया ड्रग कंपनी के संस्थापक’ द्वारा एक बयान के रूप में प्रसारित किया जा रहा वायरल वीडियो अगस्त 2020 में राम मंदिर भूमि पूजन के बाद उसके फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट किया गया था।
इसके अलावा हमें एक ही नाम और तस्वीरों के साथ दो ट्विटर अकाउंट भी मिले। एक को 2014 में बनाया गया था, जबकि दूसरा 2020 में बनाया गया था।
उसके पुराने ट्विटर अकाउंट के अनुसार, लोकेशन में दिल्ली भारत का उल्लेख था। वहीं नए एकाउंट में लोकेशन रियाद, सऊदी अरब में बताया गया। वह वर्तमान में सऊदी अरब माइनिंग कंपनी – माडेन में एक प्रशासक के रूप में काम कर रहा है।
उसका एक Youtube चैनल भी है, जो दिसंबर 2019 में बनाया गया था। अपने पहले कुछ वीडियो में इस शख्स ने NRC, CAA और अन्य मुद्दों के बारे में गलत बयान दिए थे, जो उस अवधि के दौरान चर्चा में थे। लगभग दो महीने पहले उसने सीएए विरोध में हुए दंगों के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए शरजील इमाम, डॉ. कफील और अन्य के पक्ष में एक वीडियो भी पोस्ट किया था।