राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नाम से एक पत्र बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस पत्र में मुस्लिम लड़कियों को घर वापसी के माध्यम से हिंदू बनाने के लिए कहा गया है। यही नहीं, इसमें 15 दिनों के प्रशिक्षण देने की देने की बात कही गई है। हालाँकि, आरएसएस ने इस पत्र को फर्जी करार दिया है।
क्या है इस पत्र में
इस पत्र को संघ प्रमुख मोहन भागवत के गोपनीय कथन बताते हुए वायरल किया गया है। इसमें लिखा है कि मोहन भागवत ने हर वर्ष 10 लाख मुस्लिम लड़कियों की घर वापसी का लक्ष्य रखा है। इसके लिए हिंदू लड़कों को 15 दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यही नहीं, इसमें मुस्लिम लड़कियों की घर-वापसी के लिए 12 तरीके भी बताए गए हैं। इन तरीकों में लड़कियों से बातचीत करने से लेकर सोशल मीडिया में चैट और शारीरिक संबंध बनाने को लेकर बात कही गई है।
सोशल मीडिया पर वायरल फर्जी लेटर
RSS के नाम से सोशल मीडिया पर लगातार शेयर किए जा रहे इस पत्र को शाहवाज अंजुम नामक यूजर ने ट्वीट करते हुए लिखा है, “मुस्लिमों के खिलाफ RSS का घिनौना खेल। हिन्दू लड़के कॉलेज, कोचिंग, यूनिवर्सिटी, ऑफिस, सोशल मीडिया में मुस्लिम लड़की को प्यार के जाल में फँसाओ। उससे शारीरिक सम्बन्ध बनाओ। ताकि वो अपने परिवार को छोड़ कर भागने के लिए मजबूर होकर तैयार हो जाए।”
#मुस्लिमों के खिलाफ RSS का घिनौना खेल ,,
— Shahavaj Anjum’s (@ShahavajAnjum) April 8, 2023
हिन्दू लड़कें कॉलेज, कोचिंग, यूनिवर्सिटी, ऑफिस, सोशल मीडिया में #मुस्लिम_लड़की को प्यार के जाल में फसाओ उससे शारीरिक सम्बन्ध बनाओ ताकि वो अपने परिवार को छोड़ कर भागने के लिए मजबूर होकर तैयार हो जाए
उसे 5 लाख की मदद भी दी जाएगी ,घर बसाने… pic.twitter.com/A9fJaxn4RH
उसने आगे लिखा है, “घर बसाने के लिए 5 लाख की मदद भी दी जाएगी। आरएसएस खुलेआम मुस्लिम लड़कियों की इज्ज़त के साथ खेलने की साज़िश और षड्यंत्र कर रही है। पूरा पढ़िए। अपनी बहन बेटियों और सभी अन्य मुस्लिमों को इस षड्यंत्र से बचाने के लिए इस पोस्ट को रीट्वीट व शेयर करिए।”
मोहम्मद तनवीर नामक यूजर ने ट्वीट कर लिखा है, “ये लेटर पढ़ो और आँखें खोलो। मुस्लिम बच्चियो, RSS तुम को मुर्तद बना रहा है। तुम्हारे भोलेपन का फायदा उठा रहा है। अगर ऐसा पत्र किसी मुस्लिम संगठन ने जारी कर दिया होता तो अब तक टीवी पर डिबेट होने लगती। संगठन के लोग जेल में होते। इसे हिन्दू समाज पर हमला बता दिया गया होता। अरब देशों से फंडिंग की बात की जा रही होती। इतनी बड़ी साजिश हो रही मुस्लिमों की बहन-बेटियों के साथ लेकिन हमारे मुस्लिम संगठन के लोग भी खामोश हैं।”
अरब देशों से फंडिंग की बात की जा रही होती इतनी बड़ी साजिश हो रही मुसलमानों के बहन बेटियों के साथ लेकिन हमारे मुस्लिम संगठन के लोग भी खामोश हैं।#bhagwalovetrap #SanghiPremJal
— Mohammad Tanvir تنوير (@TanveerPost) April 8, 2023
@savemuslimgirls नामक यूजर ने लिखा है, “हिन्दू लड़के कॉलेज, ऑफिस में मुस्लिम लड़की को प्यार में फँसाओ। उससे शारीरिक संबंध बनाओ। ताकि वो अपने परिवार को छोड़ कर भागने के लिए तैयार हो जाए। उसे 5 लाख की मदद दी जाएगी घर बसने में। पूरा पढ़िए और अपनी बहन-बेटियों सभी मुस्लिमों को भेजिए।”
हिन्दू लडकें कॉलेज,ऑफिस में मुस्लिम लड़की को प्यार में फसाओ उससे शारीरिक सम्बन्ध बनाओ ताकि वो अपने परिवार को छोड़ कर भागने के लिए तय्यार हो जाए उसे 5लाख की मदद दी जाएगी घर बसने में:RSS;
— StopLoveTrap (@savemuslimgirls) April 8, 2023
पूरा पड़िए और अपने बहन बेटिओं और सभी मुसलमानों को भेजिए,
अल्लाह हिफाज़त फार्मा#bhagwalovetrap pic.twitter.com/aqQ6Mp1H1C
इमरान हाशमी नामक यूजर ने लिखा है, “आरएसएस, बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद, आर्य समाज मंदिर जैसे कट्टर पंथी संगठन हिंदू लड़कों को कॉलेज, ऑफिस, सुपर मार्केट में मुस्लिम लड़कियों को प्यार के जाल में फँसाने उससे शारीरिक संबंध बनाकर प्राइवेट वीडियो फोटो रिकॉर्ड करने को कहा जा रहा है।”
RSS, बजरंगदल, विश्व हिंदू परिषद, आर्यसमाज मंदिर जैसे कट्टर पंथी संगठन हिंदू लड़कों को कॉलेज,ऑफिस, सुपर मार्केट में मुस्लिम लड़कियों को प्यार के जाल में फ़साने उससे शारीरिक सम्बन्ध बना कर प्राइवेट वीडियो फोटो रिकॉर्ड करने को कहा जा रहा है, pic.twitter.com/MgGb5oUOBE
— Imran hasmee (@ImranKh63559241) April 11, 2023
इस पत्र को राष्ट्रीय स्वयं संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने फर्जी करार दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है, “यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नाम पर सोशल मीडिया में चल रहा पत्रक पूर्णतः झूठा है।”
“ यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नाम पर सोशल मीडिया में चल रहा पत्रक पूर्णतः झूठा है। “ pic.twitter.com/njcZxm7YOH
— Sunil Ambekar (@SunilAmbekarM) April 11, 2023
इस मामले में सबसे बड़ी बात यह रही कि जब ऑपइंडिया सोशल मीडिया पर वायरल इस पत्र की सत्यता की जाँच कर रहा था, तब यह सामने आया कि यह पत्र शेयर करने वाले लोगों में से ज्यादातर लोग इस्लामवादी थे।