कुवैत के एक मुस्लिम कार्यकर्ता मुजील अलशिर्का ने 30 अक्टूबर को ट्विटर पर भारत को बदनाम करने के लिए एक वीडियो शेयर करके झूठा दावा किया है। अपने ट्वीट में उसने दुनिया भर के मुस्लिमों से पूछा कि क्या भारत के हिंदू राष्ट्र में ऐसे नरसंहार होते रहेंगे। क्या मुस्लिम कौम इस बात की इजाजत उन्हें (भारत के हिंदुओं को) देती है कि वो मुस्लिम भाई और बहनों को मारें।
लाखों फॉलोवर्स वाले मुजील अलशिर्का ने 30 सेकेंड की क्लिप शेयर की। इसमें दो लोग एक पीड़ित को तलवार से मारते दिख रहे हैं। वहीं पीड़ित जमीन पर बेजान पड़ा है। इर्द-गिर्द केवल खून की धार है। अब मुजील ने इस वीडियो को भारत की बताया है और ऐसे दर्शाया जैसे हिंदुओं के देश में मुस्लिमों का नरसंहार हो रहा है।
मुजील अलशिर्का कुवैत का है। उसने अपने बायो में बताया है कि वो सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स एंड इंटरनेशनल ह्यूमैनिटेरियन लॉ का निदेशक, कुवैत इंस्टीट्यूट फॉर लॉयर्स एंड लीगल स्टडीज में प्रशिक्षण निकाय का सदस्य है।
अब वायरल वीडियो का सच क्या है आइए बताएँ:
दरअसल, सोशल मीडिया पर जो तस्वीर शेयर की गई है वो न तो अभी की है और न ही भारत की है। ये घटना बांग्लादेश के ढाका डिविजन के पल्लबी इलाके में शगुफ्ता हाउसिंग इलाके में 16 मई को हुई थी। मरने वाले की पहचान शाहिनुद्दीन के तौर पर हुई और मारने वाले मणिक और मुनीर थे। इनमें से मुनीर को पुलिस कार्रवाई में मार दिया गया था। वहीं पूरे हत्याकांड में वहाँ के विधायक एमए अव्वल का नाम उछला था। पुलिस सुमोन बेपारी और रोनी तालुकदार नामक दो अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया था।
अब मालूम हो कि भारत को लेकर झूठ फैलाने वाला मुस्लिम कार्यकर्ता पहली दफा भारत विरोधी बयान देने के कारण चर्चा में नहीं आया। इससे पहले वो जामिया दंगों के आरोपित शरजील इमाम और दिल्ली के हिंदू विरोधी दंगों के आरोपित उमर खालिद व पत्रकार सिद्दीकी कप्पन का समर्थन कर चुका है। उसने कहा था कि आरएसएस और बीजेपी शासन में हिंदुओं के कट्टरपंथ ने भारत के संस्थानों की नसों में पकड़ बना ली हैं। इसलिए उमर खालिद, शरजील इमाम जैसे निर्दोष मुस्लिम कार्यकर्ता और सिद्दीकी कप्पन जैसे पत्रकार जेल में बंद हैं।
The radicalisation of Hindus by the RSS/BJP regime has seeped into the veins India's institutions.That's why innocent Muslim activists like #UmarKhalid #SharjilImam & journalists like #SiddiqueKappan are languishing in jails criminally framed by Hindutva officials. @OIC_OCI pic.twitter.com/R3hnQvMKOC
— المحامي⚖مجبل الشريكة (@MJALSHRIKA) February 6, 2021
उसने आरएसएस को चरमपंथी गैंग कहते हुए कहा था, “जिसे बोला भी न जा सके ऐसी बर्बरता हमारे मुस्लिम भाइयों के साथ भारत में हो रही है। ये आतंकी समूह और इसके फॉलोवर्स कुवैत में और खाड़ी में इस्लाम का नाश करना चाहते हैं। हमें ऐसे लोगों को वीजा देना बंद करना चाहिए क्योंकि ये हमें धमकाते हैं।”
Unspeakable brutality is happening to our Muslim brothers in India at the hands of the Hindu extremist war gang RSS,This criminal terrorist group and its followers in Kuwait and the Gulf seek to destroy Islam.We must stop granting visas to Hindu Indians because they threaten us.
— المحامي⚖مجبل الشريكة (@MJALSHRIKA) October 3, 2021
इसके अलावा मुजील अलशिर्का भारत की इस्लामी पत्रकारण राणा अयूब की तरफदारी भी खूब करता है जिसकी विश्वसनीयता पर सुप्रीम कोर्ट भी प्रश्नचिह्न लगा चुकी है। सर्वोच्च अदालत ने अयूब की नॉन-फिक्शन किताब को ये कहते हुए खारिज किया था कि यह अनुमानों, अनुमानों और अनुमानों पर आधारित है और इसका कोई प्रमाणिक मूल्य नहीं है। किसी व्यक्ति की राय साक्ष्य के दायरे में नहीं होती है। इसके राजनीति से प्रेरित होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
The gross failure of the Hindutva regime can't be hushed up by threatening or torturing Muslims journalists like Siddique Kappan or Rana Ayub. I urge Arab journalists to extend a helping hand to these endangered whistle blowers in India.UNHRC & WHO must hold Modi accountable @hrw pic.twitter.com/rwzA7whSdm
— المحامي⚖مجبل الشريكة (@MJALSHRIKA) April 28, 2021
मुजील की हिंदुओं और आरएएस के प्रति नफरत और इस प्रकार इस्लामी कट्टरपंथियों का समर्थन साफ दर्शाता है कि उसने बांग्लादेश की यह वीडियो जानबूझकर भारत से जोड़कर शेयर की ताकि देश में साम्प्रदायिक तनाव पैदा हो।