भारत में अक्सर विपक्षी दल भाजपा की केंद्र सरकार को देश के दिग्गज उद्योगपतियों अंबानी और अडानी से जोड़ते रहते हैं। इस पीएम नरेंद्र मोदी के साथ उनकी तस्वीरें शेयर की जाती है और लोगों को भड़काने के लिए तरह-तरह की बातें की जाती हैं। अब सोशल मीडिया पर पुणे जंक्शन का एक टिकट शेयर किया जा रहा है, जिसके साथ दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी ने भारतीय रेलवे को अडानी को बेच दिया है।
राज प्रीत नामक फेसबुक यूजर ने इस तस्वीर को शेयर किया, जिसमें टिकट पर लिखा नजर आ रहा है – “अडानी रेलवे; रेलवे अब हमारी निजी संपत्ति है”। साथ ही इस पर अगस्त 6, 2020 की तारीख भी अंकित की गई है। इस तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि सरकार ने अडानी को भारतीय रेलवे को बेच दिया है। साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि अडानी ने रेलवे टिकटों के दाम भी काफी बढ़ा दिए हैं।
“Main Desh Nahi Bikne Dunga” was one of the biggest lie of all times.
— Elizabeth (@Elizatweetz) September 4, 2020
Changing name of the Indian railways to Adani railways. This is just plain horrible!
pic.twitter.com/8pqtNDKZb4
बता दें कि ये दावा पूरी तरह फेक है, क्योंकि देश के किसी भी हिस्से में कोई भी रेलवे स्टेशन या कोई भी ट्रेन किसी भी अन्य कंपनी को ‘बेची’ नहीं गई है। इसीलिए, ये दावा झूठा है। असली टिकट की तस्वीर के ऊपर अडानी का नाम लिख कर उसे रेलवे की निजी संपत्ति बताते हुए एडिट किया गया है और फिर उसे किसी ने भ्रम फैलाने के लिए सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। ये दावा वैसे पहली बार वायरल नहीं हो रहा।
पुणे जंक्शन द्वारा प्लेटफार्म टिकट का मूल्य ₹50 रखने का उद्देश्य अनावश्यक रूप से स्टेशन पर आने वालों पर रोक लगाना है जिस से सोशल डिसटेनसिंग का पालन किया जा सके।
— Spokesperson Railways (@SpokespersonIR) August 17, 2020
रेलवे प्लेटफार्म टिकट की दरों को कोरोना महामारी के शुरुआती दिनों से ही इसी प्रकार नियंत्रित करता आया है। https://t.co/X2HuPC5HUg
अगस्त 2020 में पत्रकार प्रशांत कनौजिया ने भी पुणे जंक्शन पर टिकट के दाम बढ़ाए जाने की बात लिखी थी, जिस पर जवाब देते हुए भारतीय रेलवे ने लिखा था – “पुणे जंक्शन द्वारा प्लेटफार्म टिकट का मूल्य ₹50 रखने का उद्देश्य अनावश्यक रूप से स्टेशन पर आने वालों पर रोक लगाना है, जिस से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके। रेलवे प्लेटफॉर्म टिकट की दरों को कोरोना महामारी के शुरुआती दिनों से ही इसी प्रकार नियंत्रित करता आया है।”
अडानी सहित 15 ऐसी कंपनियाँ हैं, जिन्हें भारत में कंटेनर ट्रेन्स के ऑपरेशन की अनुमति मिली हुई है, इसीलिए उन कंटेनर ट्रेन्स की तस्वीरें और वीडियो शेयर कर के भी दावा किया जा रहा है कि भारतीय रेलवे अडानी चला रहा है। ‘General-Purpose Wagon Investment Scheme’ के तहत टाटा जैसे कंपनियों को भी कोयला और मिनरल्स ढोने की अनुमति है। लेकिन, इन ट्रेनों का भी नियंत्रण और रेगुलेशन पूर्णरूपेण भारतीय रेलवे के हाथ में है।
विपक्षी दलों द्वारा ऐसे ही भ्रम फैलाने का नतीजा है कि पंजाब के किसान रिलायंस जियो की दूरसंचार आपूर्ति सेवाओं को बाधित कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो शेयर किए जा रहे हैं, जिनमें लोगों को कियो टॉवर की बिजली सप्लाई को बंद करते देखा जा सकता है। रिलायंस के पेट्रोल पम्प और रिटेल स्टोर के बाहर विरोध प्रदर्शन के बाद, पंजाब में किसानों ने अब राज्य के कई हिस्सों में दूरसंचार कंपनी की सेवाओं को बाधित करने के लिए रिलायंस Jio मोबाइल टावरों की बिजली आपूर्ति बंद कर दी है।