हिंडनबर्ग रिसर्च फर्म को नेट एंडरसन ने 2017 में शुरू किया था। यह बड़ी कम्पनियों पर सनसनी फैला कर पैसा कमाती थी। इसने अडानी समूह को 2023 में निशाना बनाया था।
हिंडेनबर्ग ने ऐसा साबित करने की कोशिश की है जैसे उक्त कंपनी धवल और माधवी की ही हो जबकि उनका शेयर मात्र डेढ़ प्रतिशत का था। कौन सा नशा लेकर इस रिपोर्ट को तैयार किया गया है? 2015 में जब का ये मामला है, तब माधवी पुरी SEBI में थीं ही नहीं।