कॉन्ग्रेस परस्त ‘एक्टिविस्ट’ शबनम हाशमी फिर से फेक न्यूज फैलाते पकड़ी गई हैं। इस बार किसान आंदोलन की आड़ में उन्होंने यह कारस्तानी की है। शबनम ने शुक्रवार (25 दिसंबर 2020) को एक वीडियो ट्वीट करते हुए दावा किया कि किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए खालिस्तान पर्चे बॉंटते हुए “आरएसएस (RSS) का आदमी” पकड़ा गया है।
यह ट्वीट 262 बार रिट्वीट हुआ और 253 लाइक मिले। शबनम हाशमी को जो लोग फॉलो करते हैं उनमें कई वामपंथी ‘पत्रकार’ और ‘एक्टिविस्ट’ हैं। मसलन, कारवॉं के संपादक हरतोष सिंह बल, आंदोलनकारी कविता कृष्णन, रेडियो मिर्ची की आरजे सायमा, द वायर की आरफा खानम और इंडिया टुडे के राहुल कँवल। ‘फैक्ट चेकर’ प्रतीक सिन्हा भी उन्हें फॉलो करते हैं। लेकिन इनमें से किसी ने भी इस सही करने का बीड़ा नहीं उठाया।
यह सही है कि जिस व्यक्ति के बारे में शबनम ने दावा किया है वह पंजाब में किसान ‘आंदोलन’ में शामिल थे। लेकिन, वे खालिस्तानी पर्चे नहीं बाँट रहे थे, जिसका शबनम ने दावा किया है। वीडियो में दिख रहे व्यक्ति विकास कुमार मंडल कृषि कानूनों और आरएसएस के समर्थन में सामग्री बॉंट रहे थे।
इस व्यक्ति के पास जो पोस्टर मिले थे वह ये थे,
तमाम ट्विटर यूज़र्स ने शबनम हाशमी को बताने का प्रयास किया कि वीडियो को लेकर किया गया उनका दावा झूठा है। लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद भी उन्होंने अपना दुष्प्रचार जारी रखा।
यह पहला मौक़ा नहीं है जब उन्होंने फ़ेक न्यूज़ फैलाई है। इसमें सबसे उल्लेखनीय था जब नवंबर 2016 में शबनम हाशमी ने दावा किया उंझा नगरपालिका चुनावों में कॉन्ग्रेस से भाजपा पूरी 36 सीट हार चुकी है।
जिन ‘चुनावों’ का शबनम हाशमी ने ज़िक्र किया वो दिसंबर 2015 में हुए थे। भाजपा ने इन चुनावों में एक भी उम्मीदवार नहीं उतारा था और कॉन्ग्रेस ने 5 उम्मीदवार उतारे थे। परिणाम आने के बाद पता चला था कि कुल 36 सीटों में से 35 सीटों पर स्वतंत्र उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी और कॉन्ग्रेस को सिर्फ 1 सीट हासिल हुई थी। इस सूरत में भी शबनम हाशमी का दावा सच नहीं हो सकता कि कॉन्ग्रेस ने सारी सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि पार्टी ने सिर्फ 5 उम्मीदवार उतारे थे।
वह अक्सर इस तरह की चीज़े साझा करती हैं जो उन्हें व्हाट्सएप पर मिलती हैं, इसके बाद उसकी तस्दीक करने की ज़िम्मेदारी दूसरों पर छोड़ देती हैं।
@aajtak I got this on whatsapp of its true then you have a lot to answer. pic.twitter.com/djGPNu8an4
— Shabnam Hashmi (@ShabnamHashmi) July 27, 2017
शबनम हाशमी SFI कार्यकर्ता सफ़दर हाशमी की बहन हैं, जिनकी हत्या 1989 में ‘हल्ला बोल’ नुक्कड़ नाटक के मंचन के दौरान कॉन्ग्रेस नेताओं ने की थी।