Friday, November 15, 2024
Homeफ़ैक्ट चेकसोशल मीडिया फ़ैक्ट चेक'RSS का आदमी, खालिस्तानी पर्चे': किसान आंदोलन की आड़ में 'एक्टिविस्ट' शबनम हाशमी की...

‘RSS का आदमी, खालिस्तानी पर्चे’: किसान आंदोलन की आड़ में ‘एक्टिविस्ट’ शबनम हाशमी की फेक न्यूज

शबनम ​हाशमी को जो लोग फॉलो करते हैं उनमें कई वामपंथी ‘पत्रकार’ और ‘एक्टिविस्ट’ हैं। ‘फैक्ट चेकर’ प्रतीक सिन्हा भी उनको फॉलो करते हैं। लेकिन किसी ने भी उनके फेक न्यूज को सही करने की जरूरत नहीं समझी।

कॉन्ग्रेस परस्त ‘एक्टिविस्ट’ शबनम हाशमी फिर से फेक न्यूज फैलाते पकड़ी गई हैं। इस बार किसान आंदोलन की आड़ में उन्होंने यह कारस्तानी की है। शबनम ने शुक्रवार (25 दिसंबर 2020) को एक वीडियो ट्वीट करते हुए दावा किया कि किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए खालिस्तान पर्चे बॉंटते हुए “आरएसएस (RSS) का आदमी” पकड़ा गया है।

शबनम हाशमी का ट्वीट

यह ट्वीट 262 बार रिट्वीट हुआ और 253 लाइक मिले। शबनम ​हाशमी को जो लोग फॉलो करते हैं उनमें कई वामपंथी ‘पत्रकार’ और ‘एक्टिविस्ट’ हैं। मसलन, कारवॉं के संपादक हरतोष सिंह बल, आंदोलनकारी कविता कृष्णन, रेडियो मिर्ची की आरजे सायमा, द वायर की आरफा खानम और इंडिया टुडे के राहुल कँवल। ‘फैक्ट चेकर’ प्रतीक सिन्हा भी उन्हें फॉलो करते हैं। लेकिन इनमें से किसी ने भी इस सही करने का बीड़ा नहीं उठाया। 

यह सही है कि जिस व्यक्ति के बारे में शबनम ने दावा किया है वह पंजाब में किसान ‘आंदोलन’ में शामिल थे। लेकिन, वे खालिस्तानी पर्चे नहीं बाँट रहे थे, जिसका शबनम ने दावा किया है। वीडियो में दिख रहे व्यक्ति विकास कुमार मंडल कृषि कानूनों और आरएसएस के समर्थन में सामग्री बॉंट रहे थे।

इस व्यक्ति के पास जो पोस्टर मिले थे वह ये थे, 

व्यक्ति के पास से मिले पोस्टर

तमाम ट्विटर यूज़र्स ने शबनम हाशमी को बताने का प्रयास किया कि वीडियो को लेकर किया गया उनका दावा झूठा है। लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद भी उन्होंने अपना दुष्प्रचार जारी रखा। 

यह पहला मौक़ा नहीं है जब उन्होंने फ़ेक न्यूज़ फैलाई है। इसमें सबसे उल्लेखनीय था जब नवंबर 2016 में शबनम हाशमी ने दावा किया उंझा नगरपालिका चुनावों में कॉन्ग्रेस से भाजपा पूरी 36 सीट हार चुकी है। 

तत्कालीन कॉन्ग्रेस सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने भी फैलाया था शबनम हाशमी का झूठ

जिन ‘चुनावों’ का शबनम हाशमी ने ज़िक्र किया वो दिसंबर 2015 में हुए थे। भाजपा ने इन चुनावों में एक भी उम्मीदवार नहीं उतारा था और कॉन्ग्रेस ने 5 उम्मीदवार उतारे थे। परिणाम आने के बाद पता चला था कि कुल 36 सीटों में से 35 सीटों पर स्वतंत्र उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी और कॉन्ग्रेस को सिर्फ 1 सीट हासिल हुई थी। इस सूरत में भी शबनम हाशमी का दावा सच नहीं हो सकता कि कॉन्ग्रेस ने सारी सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि पार्टी ने सिर्फ 5 उम्मीदवार उतारे थे। 

वह अक्सर इस तरह की चीज़े साझा करती हैं जो उन्हें व्हाट्सएप पर मिलती हैं, इसके बाद उसकी तस्दीक करने की ज़िम्मेदारी दूसरों पर छोड़ देती हैं। 

शबनम हाशमी SFI कार्यकर्ता सफ़दर हाशमी की बहन हैं, जिनकी हत्या 1989 में ‘हल्ला बोल’ नुक्कड़ नाटक के मंचन के दौरान कॉन्ग्रेस नेताओं ने की थी।     

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिनके पति का हुआ निधन, उनको कहा – मुस्लिम से निकाह करो, धर्मांतरण के लिए प्रोफेसर ने ही दी रेप की धमकी: जामिया में...

'कॉल फॉर जस्टिस' की रिपोर्ट में भेदभाव से जुड़े इन 27 मामलों में कई घटनाएँ गैर मुस्लिमों के धर्मांतरण या धर्मांतरण के लिए डाले गए दबाव से ही जुड़े हैं।

‘गालीबाज’ देवदत्त पटनायक का संस्कृति मंत्रालय वाला सेमिनार कैंसिल: पहले बनाया गया था मेहमान, विरोध के बाद पलटा फैसला

साहित्य अकादमी ने देवदत्त पटनायक को भारतीय पुराणों पर सेमिनार के उद्घाटन भाषण के लिए आमंत्रित किया था, जिसका महिलाओं को गालियाँ देने का लंबा अतीत रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -