Monday, December 23, 2024
Homeफ़ैक्ट चेकसोशल मीडिया फ़ैक्ट चेक'वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ का हो गया निधन, कोरोना से रिकवर होने के बाद...

‘वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ का हो गया निधन, कोरोना से रिकवर होने के बाद से ही गिर रहा था स्वास्थ्य’: जानिए क्या है सच्चाई

मल्लिका दुआ ने लिखा, "कृपया अफवाहों में यकीन न करें और इन्हें न फैलाएँ। मैं उनके बारे में आधिकारिक अपडेट्स शेयर करूँगी। ट्विटर पर ये सब नहीं होगा।"

सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट्स में दावा किया जा रहा है कि पत्रकार विनोद दुआ की मौत हो गई है। लेकिन, असल में सच्चाई कुछ और ही। ‘इंडिया टुडे’ के पत्रकार अशरफ वानी ने एक ट्वीट शेयर किया, जिसमें उन्होंने लिखा, “ये दिल को तोड़ देने वाला और हैरान करने वाला है। मेरे अच्छे दोस्त और प्रतिष्ठित पत्रकार विनोद दुआ अब नहीं रहे। वप कोविड-19 से रिकवर हो रहे थे और पिछले कुछ महीनों से उनकी तबीयत में सुधार भी हो रहा था। लेकिन, ये सबके साथ होना है – कभी पहले, कभी बाद में। उनकी आत्मा को शांति मिले।”

इसी तरह संजुक्ता बासु ने भी दावा किया कि विनोद दुआ की अब मौत हो चुकी है। हालाँकि, विनोद दुआ की बेटी मल्लिका ने इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी के माध्यम से इसकी पुष्टि की है कि विनोद दुआ का निधन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि वो लोगों से निवेदन करती हैं कि वो उनके पिता के बारे में अफवाहें न फैलाएँ। उन्होंने कहा कि उनके पिता ICU में हैं और अभी भी अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ भी परिणाम हों, कृपया उनकी प्रतिष्ठा बनाए रखिए।

उन्होंने लिखा, “कृपया अफवाहों में यकीन न करें और इन्हें न फैलाएँ। मैं उनके बारे में आधिकारिक अपडेट्स शेयर करूँगी। ट्विटर पर ये सब नहीं होगा।” मल्लिका दुआ ने एक अन्य स्टोरी में बताया था, “मेरे पिता ICU में हैं और उनकी स्थिति काफी गंभीर है। अप्रैल 2021 के बाद से ही उनका स्वास्थ्य लगातार गिर रहा था। अपने जीवन में प्रकाश को खोने के बाद वो विचलित थे। उन्होंने एक सुंदर जीवन व्यतीत किया है और हमें भी एक अच्छा जीवन दिया है।”

मल्लिका दुआ ने लिखा कि उनके पिता दर्द डिजर्व नहीं करते। साथ ही उन्होंने लोगों से ये निवेदन किया कि वो प्रार्थना करें कि उनके पिता को कम से कम दर्द हो।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जनसंख्या 13.8 लाख, आधार कार्ड बने 14.53 लाख… बांग्लादेशियों की घुसपैठ के लिए बदनाम झारखंड में एक और ‘कमाल’, रिपोर्ट में दावा- 5 जिलों...

भाजपा की रिपोर्ट में सामने आया था कि मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में वोटरों की संख्या में अप्रत्याशित बढ़त 20% से 123% तक हुई है।

केरल के सरकारी स्कूल में मन रहा था क्रिसमस, हिंदू कार्यकर्ताओं ने पूछा- जन्माष्टमी क्यों नहीं मनाते: टीचरों ने लगाया अभद्रता का आरोप, पुलिस...

केरल के एक सरकारी स्कूल में क्रिसमस मनाए जाने पर कुछ हिन्दू कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाए। इसके बाद उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
- विज्ञापन -