राजधानी दिल्ली के विवेक विहार स्थित हनुमान बालाजी मंदिर से खजुराहो जैसी मूर्तियाँ मिलने के बाद हिन्दू संगठन से जुड़े लोगों और समाजसेवियों ने हंगामा खड़ा कर दिया था। इन लोगों ने इलाके को घेर कर रोड जाम कर दिया। पुलिस ने हालात पर काबू पाने के लिए पूरे इलाके को सील कर दिया। लोगों में मंदिर के अंदर आपत्तिजनक मूर्तियों के मिलने से आक्रोश था। उनका कहना था कि यह सब हिन्दू समाज को बदनाम करने की एक कोशिश है।
इसके पीछे का सच क्या है?
हालाँकि सच्चाई कुछ और है। वहाँ के एक स्थानीय कार्यकर्ता ने मंदिर के अंदर अश्लील मूर्तियों के बनने की बात को खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि इस तरह से इसे आगे प्रसारित कर हिन्दू धर्म के लोगों ने बिना सच जाने अपने ही भगवान, अपने ही धर्म का मजाक बना रहे हैं।
वो कहते हैं कि लोग धड़ल्ले से इस फोटो को सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं। उन्हें सोचना चाहिए कि ऐसा करके वो अपने धर्म को सपोर्ट करने की बजाय उसका मजाक बनवा रहे हैं। कार्यकर्ता ने बताया कि मीडिया रिपोर्ट में जो भी चीजें बताई जा रही हैं, वो सभी गलत हैं।
स्थानीय कार्यकर्ता ने कहा, “मंदिर में लगातार निर्माण कार्य चल रहा है। जहाँ से मंदिर के लिए मूर्तियाँ बनकर आती है, उसी फैक्ट्री में किसी फॉर्महाउस का गंदी मूर्तियाँ बनाने के ऑर्डर था। वहाँ से एक ही ट्रक पर दोनों ऑर्डर निकले। गलती से लेबर ने सारी मूर्तियाँ यहीं पर उतार ली। जब मंदिर वालों ने पैकेट खोल कर मूर्ति देखी तो तुरंत उन्हें फोन करके कहा कि गलत मूर्तियाँ यहाँ पर आ गई है। इसे तुरंत उठवाओ। उन्होंने कहा कि मेरी दूसरी गाड़ी 4-5 दिन में आ रही है, वो इसे उठाकर ले जाएगी।”
कार्यकर्ता ने आगे कहा, “इसी बीच किसी ने ये बात लीक कर दी कि मंदिर वाले मूर्तियाँ बना रहे हैं। मंदिर में मूर्तियाँ बनती नहीं है। मंदिर में मूर्तियाँ राजस्थान की फैक्ट्री से आती हैं। मंदिर वालों की सिर्फ इतनी गलती है कि उन्होंने इन मूर्तियों को 4-5 दिन अपने यहाँ पड़ी रहने दी।”