Sunday, November 17, 2024
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आगरा में इमरान ने रिजवान को फँसाने के लिए काटी गाय, UP पुलिस बोली- मामला मुस्लिम बनाम मुस्लिम का: आरोपितों से कनेक्शन को हिंदू संगठनों ने भी किया खारिज

यूपी पुलिस ने बताया कि सिर्फ किसी एक व्यक्ति के बयान पर पुलिस ने संजय जाट व उनकी टीम के अन्य सदस्यों को संदिग्ध नहीं माना है, बल्कि उनके खिलाफ ठोस सबूत मौजूद हैं।

उत्तर प्रदेश की आगरा पुलिस ने गुरुवार (6 अप्रैल, 2023) को एक प्रेसनोट जारी करते हुए 2 गोहत्यारों की गिरफ्तारी की पुष्टि की थी। इन आरोपितों के नाम इमरान कुरैशी और शानू उर्फ़ इल्ली है। पुलिस ने इस मामले में साजिशकर्ताओं के तौर पर मनीष जाट, सौरभ शर्मा, ब्रिजेश भदौरिया, जितेंद्र और अजय का नाम बताया है। ये सभी लोग कथित तौर पर खुद को ‘हिन्दू महासभा’ से जुड़ा हुआ बताते हैं। जितेंद्र खुद इस मामले में दर्ज FIR में शिकायतकर्ता है, लेकिन पुलिस उसे साजिश का एक हिस्सा बता रही है।

इस मुद्दे पर कुछ राजनीतिक दलों के साथ मीडिया संस्थानों ने हिन्दू संगठनों को भी बदनाम करने का प्रयास किया। ऑपइंडिया ने सभी पक्षों से बात कर के इस पूरे मामले की जमीनी पड़ताल की।

कहाँ से हुई शुरुआत

इस पूरे मामले की शुरुआत 30 मार्च 2023 (गुरुवार) को हुई, जब रात 1 बजे खुद को ‘हिन्दू महासभा’ का सदस्य बताने वाले जितेंद्र ने आगरा पुलिस एत्माद्दौला थाना क्षेत्र में गोहत्या की FIR दर्ज करवाई। इस FIR में उन्होंने रिज़वान, नक़ीम, बिज्जू और शानू को नामजद किया। अपनी शिकायत में जितेंद्र ने बताया था कि घटना के दिन उन्हें विशेष सूत्रों से गौतम नगर गुफा के पास चारों नामजद आरोपितों द्वारा झाड़ियों में गाय को काट कर उसका माँस बेचने सूचना मिली थी।

दावा था कि इस सूचना पर जितेंद्र अपने साथियों विशाल और मनीष पण्डित के साथ मौके पर गए तो देखा कि आरोपित कटी गाय छोड़ कर भाग गए थे। जितेंद्र ने आरोपितों को शातिर गोहत्यारे बताते हुए पुलिस से कड़ी कार्रवाई की माँग की थी। पुलिस ने यह FIR गोहत्या निवारण अधिनियम उत्तर प्रदेश की धारा 3/5/8 के साथ IPC की धारा 429 के तहत दर्ज किया और जाँच शुरू कर दी। ऑपइंडिया के पास FIR कॉपी मौजूद है।

पुलिस जाँच में कुछ और ही निकला

आगरा पुलिस के मुताबिक, इसी केस की जाँच के दौरान 5 अप्रैल, 2023 को उन्हें गोहत्या में शामिल 5 आरोपितों के शहर में होने की सूचना मिली। साथ ही इनके 1 बाइक व 1 स्कूटी से शहर से भागने की भी तैयारी का पता चला। पुलिस ने दबिश दी तो स्कूटी सवार 2 आरोपित दबोच लिए गए। इनके नाम शानू और इमरान कुरैशी हैं। इमरान को कुछ लोग ठाकुर नाम से भी जानते हैं। उस पर आगरा में पहले से 3 मुकदमे दर्ज हैं। जबकि दूसरे आरोपित शानू पर भी आगरा में पहले से 6 केस हैं। इसमें से अधिकतर केस गोहत्या के ही हैं। इस दौरान सलमान व एक अन्य आरोपित फरार होने में सफल रहे।

जब पुलिस ने पकड़े गए दोनों आरोपितों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि उनका आगरा के ही रहने वाले नकीम, बिज्जो, रिजवान और शानू से पुराना झगड़ा है। आरोपितों को शक था कि आगरा नगर निगम में काम करने वाले नकीम ने कुछ समय पहले झल्लू और इमरान की मुखबिरी करके जेल भिजवाया था। तभी से दोनों आरोपित नकीम, उसके परिजनों व साथियों को सबक सिखाने का प्लान बना रहे थे। इसी प्लान के तहत उन्होंने 29 मार्च 2023 की रात खुद गाय काट कर उसमें नकीम, रिज़वान आदि को फँसाने की तैयारी की थी।

इस साजिश को अंजाम देने के लिए शानू और इमरान आदि ने गौतम नगर में गुफा के पास खाली पड़े मैदान में घूम रही एक बेसहारा गाय को काट दिया।

संजय जाट की टीम ने बनाया विपक्षी के खिलाफ माहौल

इस पूरे मामले में विवाद का मुख्य केंद्र संजय जाट, सौरभ शर्मा, ब्रिजेश भदौरिया, अजय और जितेंद्र को पकड़े गए गोकशों ने अपने विपक्षी के खिलाफ माहौल बनाने में प्रयोग किया। गिरफ्तार गोकशों का दावा है कि संजय जाट और उनके साथियों को इस घटना की पहले से जानकारी थी और उन्हें गोकशी के बाद विपक्षियों के खिलाफ माहौल बनाने व FIR दर्ज करवाने के लिए तैयार किया गया था। दावा यह भी है कि घटना से पहले और बाद में इमरान, शानू, सलमान आदि ने फोन पर लगातार बात की और व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात भी की थी।

घटना के बाद तय प्लान के मुताबिक जितेंद्र ने गोहत्यारों के विपक्षियों पर FIR दर्ज करवाई और उनके बाकी अन्य साथियों ने रिज़वान, नकीम आदि की गिरफ्तारी के लिए दबाव बनाया।

इस मामले में पहले इमरान कुरैशी और शानू उर्फ़ इल्ली को गिरफ्तार किया गया है, जबकि ताज़ा अपडेट ये है कि 5 गिरफ्तारियाँ हुई हैं। इस केस साजिश का खुलासा होने के बाद पुलिस ने IPC की धारा 120 बी और धोखाधड़ी की धारा 420 की बढ़ोत्तरी की है। अभी तक सलमान और अन्य फरार चल रहे है। एक फरार आरोपित का नाम पहले पुलिस ने झल्लू बताया था लेकिन वो पहले से जेल में बंद मिला। हालाँकि, पुलिस ने बाद में सफाई देते हुए झल्लू का नाम खुद गिरफ्तार आरोपितों द्वारा झूठा बताए जाने की बात कही।

पुलिस को इसी मामले में कथित तौर पर साजिश में शामिल जितेंद्र, संजय जाट, सौरभ शर्मा, ब्रिजेश भदौरिया और अजय की भी तलाश है। ऑपइंडिया के पास पुलिस प्रेसनोट मौजूद है।

‘हिन्दू महासभा’ का चक्रपाणि गुट करा रहा है आंतरिक जाँच

इस मामले में जिस संजय जाट और उनके अन्य साथियों के नाम सामने आए हैं, वो ‘हिन्दू महासभा’ के चक्रपाणि गुट से जुड़े बताए जा रहे। इस समूह के प्रदेश अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी ने पुलिस की थ्योरी पर शंका जताते हुए संगठन द्वारा आंतरिक जाँच जारी होने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जाँच के बाद अंतिम निष्कर्ष को प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए बताया जाएगा। हालाँकि, उन्होंने पुलिस पर घटनास्थल पर देर से पहुँचने और संजय जाट के अलावा खुद और अपने साथियों को बेगुनाह बनाने की भी बात कही।

ऑपइंडिया ने इस मामले में जितेंद्र और संजय जाट का पक्ष जानने के लिए उनके नम्बरों पर सम्पर्क किया तो पहले तो थोड़ी देर तक फोन ऑन थे, लेकिन बाद में उनके फोन ऑफ़ बताने लगे।

पुलिस ने पक्के सबूत का किया दावा

ऑपइंडिया ने इस मामले की जानकारी SHO एत्माददौला इंस्पेक्टर राजकुमार से ली। उन्होंने बताया कि सिर्फ किसी एक व्यक्ति के बयान पर पुलिस ने संजय जाट व उनकी टीम के अन्य सदस्यों को संदिग्ध नहीं माना है, बल्कि उनके खिलाफ ठोस सबूत मौजूद हैं। पुलिस की कार्यशैली को शत प्रतिशत निष्पक्ष बताते हुए इंस्पेक्टर राजकुमार ने बताया कि पुलिस की सक्रियता के चलते ही रामनवमी जैसे अवसर पर तमाम साजिशों के बाद भी किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।

संजय जाट पर 1 दर्जन से ज्यादा मुकदमे, हिन्दू संगठनों ने उसे नकारा

मामले में साजिशकर्ता के तौर पर बताए जा रहे संजय जाट को थाना प्रभारी ने पहले से 14 मुकदमों में वांछित बताया। ये केस सिर्फ आगरा ही नहीं बल्कि आस-पास के जिलों में भी बताए गए। इसी के साथ हमें संजय जाट के कुछ ही समय पहले आगरा में रंगदारी माँगने के एक मामले में जेल जाने की भी जानकारी दी गई। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, वो मामले की संवेदनशीलता को समझते है और पूरी कार्रवाई सबूतों के आधार पर ही आगे बढ़ रही है।

ऑपइंडिया से बात करते हुए आगरा में ‘बजरंग दल’ के एक कार्यकर्ता ने नाम न उजागर करने की शर्त पर संजय जाट और उनके साथियों की कार्यशैली को पहले ही सवालों के घेरे में बताया। उन्होंने आरोपित टीम को मनमाने तौर पर काम करने वाले लोग बताया। इसी के साथ SHO एत्माददौला ने भी ऑपइंडिया को बताया कि ‘हिन्दू महासभा’ व अन्य सच्चे हिन्दू संगठन सदस्य संजय जाट व साजिश में शामिल अन्य लोगों को अपने समूह का मानने से इनकार कर चुके हैं।

मीडिया का वामपंथी समूह फैला रहा भ्रम

इस मामले में मीडिया के वामपंथी समूह और कुछ राजनैतिक दलों ने भ्रम फैलाते हुए यह स्थापित करने की कोशिश की है कि मुस्लिम युवकों को फँसाने के लिए ‘हिन्दू महासभा’ के सदस्यों के गाय कटवाई थी। राहुल ईश्वर, प्रशांत भूषण, राना अय्यूब, ‘आम आदमी पार्टी (AAP)’ के सौरभ भरद्वाज, द वायर, समाजवादी पार्टी मीडिया सेल, स्क्रॉल, मनीषा पांडे आदि ने अपनी हेडलाइन में गाय काटने वाले सलमान, इमरान, शानू आदि का नाम नहीं लिया है।

खास बात यह भी है कि वामपंथी और इस्लामी यूजर्स पुलिस गिरफ्त में खड़े जिन लोगों की फोटो शेयर कर रहे हैं वो इमरान और शानू हैं, न कि हिन्दू महासभा के सदस्य।

वामपंती संगठनों और लोगों द्वारा फैलाया जा रहा भ्रम

उपरोक्त सभी व कुछ अन्य ने गाय काटने की वजह मुस्लिमों को हिन्दुओं द्वारा फँसाने की साजिश बताया है। हालाँकि, पुलिस के खुलासे के मुताबिक, यह विवाद मुस्लिम बनाम मुस्लिम था जिसमें कथित तौर पर हिन्दू संगठनों से जुड़े लोगों ने सहयोगी की भूमिका निभाई है। यहाँ यह भी गौर करने योग्य है कि गाय को काटने वाले युवक इमरान और शानू मुस्लिम हैं जिन्होंने रिज़वान आदि से अपनी पुरानी दुश्मनी निकालने के लिए कथित तौर पर कुछ हिन्दुओं को केस दर्ज करवाने के लिए अपने साथ मिलाया था।

अपडेट: थाना एत्माद्दौला पुलिस ने गौकशी के मामले में कथित हिंदूवादी नेता संजय जाट, सौरभ शर्मा, ब्रजेश भदौरिया व जितेंद्र कुशवाह को गिरफ्तार कर लिया है।

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राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

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