Friday, November 8, 2024
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‘UP में 60 के बदले अब 50 साल में रिटायर होंगे पुलिसकर्मी’: CM योगी के नेतृत्व में BJP की वापसी के साथ ही काम पर लग गया ‘फेक न्यूज वाला गैंग’

"यह सूचना पुलिस हेडक्वार्टर हर साल मँगाता है। इस साल भी ये सूचना मँगाई गई थी जिसको बिना सोचे समझे 50 साल में जबरन रिटायरमेंट जैसी भ्रामक खबरें फैलाई जा रही हैं। पुलिस मुख्यालय इन खबरों का खंडन करता है।"

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी फिर से सत्ता में लौटने में कामयाब रही है। इसके साथ ही उनके विरोधी झूठे दावे करने के काम पर जुट गए हैं। सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में अब पुलिसकर्मी 60 की जगह 50 साल में रिटायर होंगे। उत्तर प्रदेश पुलिस ने ट्वीट कर इन दावों को अफवाह बताया है। साथ ही बिना सत्यापन इसे शेयर करने के लिए चेताया भी है।

खुद को किसान नेता बताने वाले राजस्थान के हिम्मत सिंह गुर्जर ने अपने ट्वीट में लिखा है, “UP चुनाव जीतने की खुशी में भाजपा सरकार ने दिया पुलिसकर्मियों को बहुत बड़ा तोहफा। पुलिसकर्मियों में खुशी की लहर। 60 साल की जगह अब 50 साल की उम्र में पुलिसकर्मियों की रिटायर अवधि होगी। तोहफा पर तोहफा।” ट्वीट के साथ उसने DGP ऑफिस का एक लेटर भी अटैच किया है जिस पर 10 मार्च 2022 की तारीख अंकित है।

ट्वीट में डीजीपी कार्यालय से जारी जो पत्र संलग्न है उसमें 50 साल या उस से अधिक उम्र के पुलिस वालों की स्क्रीनिंग करवाने का निर्देश दिया गया है।

कॉन्ग्रेस के अल्पसंख्यक विंग का नेता मोहम्मद तौहीद खान ने भी ऐसा ही दावा किया है।

नौशाद आलम ने लिखा है, “योगी सरकार अब पुलिस कर्मियों को 60 नहीं, बल्कि 50 साल में ही रिटायर करने जा रही है।”

उत्तर प्रदेश पुलिस के वायरल फैक्ट चेक हैंडल द्वारा 13 मार्च (रविवार) को बताया गया ही, “पुलिसकर्मियों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष से घटाकर 50 वर्ष किए जाने की ख़बर पूर्णतया भ्रामक है। कृपया बिना सत्यापन के भ्रामक पोस्ट कर अफवाह न फैलाएँ।”

पुलिस ने अपने ट्वीट में कहा है, “सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पुलिसकर्मियों को 50 वर्ष में सेवानिवृत्त करने की अफ़वाह फैलाई जा रही है जो पूर्णतः तथ्यहीन है। ऐसा कोई आदेश सरकार के स्तर से निर्गत नहीं किया गया है। इस मामले में बताना है कि सरकारी सेवाओं में काबिलियत चेक करने के लिए अक्षम सरकारी कर्मचारियों के अनिवार्य रिटायरमेंट के लिए स्क्रीनिंग शासनादेश संख्या-13-45-85- कार्मिक- 1 दिनांक 26.10.1985 के अंतर्गत प्रदेश के हर डिपार्टमेंट में होती है।”

आगे कहा गया, “इस प्रक्रिया में ऐसे स्टाफ़ की स्क्रीनिंग होती है जिनकी उम्र आयु 50 साल हो चुकी है। साथ ही जिनकी सत्य निष्ठा संदिग्ध है और काम करने के तौर-तरीके भी विभाग और शासन के नियमों से नहीं होते। इस मामले में एक स्क्रीनिंग कमेटी गठित होती है। बाद में सामूहिक विचार विमर्श के बाद उन नामों पर विचार किया जाता है जो विभाग में बने रहने के योग्य नहीं होते। उन्हें ही अनिवार्य रिटायरमेंट दिया जाता है। यह सूचना पुलिस हेडक्वार्टर हर साल मँगाता है। इस साल भी ये सूचना मँगाई गई थी जिसको बिना सोचे समझे 50 साल में जबरन रिटायरमेंट जैसी भ्रामक खबरें फैलाई जा रही हैं। पुलिस मुख्यालय इन खबरों का खंडन करता है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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