उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जिला प्रशासन ने सड़कों पर सभी प्रकार की धार्मिक गतिविधियों जैसे नमाज पढ़ना, हनुमान चालीसा पढ़ना, आरती करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिला प्रशासन का यह फैसला उस समय आया है जब कुछ दक्षिण पंथी समूह द्वारा सड़कों पर मुस्लिमों के नमाज पढ़े जाने के विरोध में आरती और हनुमान चालीसा पाठ का कार्यक्रम आयोजित किया जाने लगा।
जिला मजिस्ट्रेट सीबी सिंह के मुताबिक पूर्व सूचना दिए बिना सड़को पर किसी प्रकार की धार्मिक गतिविधि करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उनका कहना है कि उन्होंने इन गतिविधियों से जुड़े लोगों से बात की है और उन्हें मामले की गंभीरता के बारे में बताया। उनके मुताबिक इस तरह की गतिविधियों से इलाके में कानून व्यव्स्था प्रभावित हो सकती है। जिला मजिस्ट्रेट का कहना है कि ये प्रतिबंध ईद के मौके पर पढ़े जाने वाले नमाज को लेकर भी है।
Aligarh District Administration Bans Namaz, Recitation of Aarti and Hanuman Chalisa on Streets https://t.co/g3U0ygfaOP
— Qazi Faraz Ahmad (@qazifarazahmad) July 26, 2019
बता दें इस मामले में एक ओर जहाँ भाजपा नेता मानव महाजन ने जिला प्रशासन के इस फैसले का स्वागत किया है तो वहीं मौलाना खलीद रशीद फरंगी महाली ने गुहार लगाई है कि मामले का राजनीतिकरण न किया जाए। इस मामले पर भाजपा नेता ने कहा कि अगर एक समुदाय के लोग सड़कों को जाम करके नमाज पढ़ सकते हैं तो फिर हिंदू सड़कों पर महाआरती क्यों नहीं कर सकते हैं? मानव महाजन का कहना है कि वो शुक्रगुजार है उन लोगों का जिन्होंने सड़कों पर पढ़ी जा रही नमाज के बदले इस परंपरा की शुरुआत की।
वहीं, मीडिया खबरों के मुताबिक मौलाना खालीद रशीद का कहना है कि ऐसी खबर आ रही है कि सड़को पर नमाज पढ़े जाने के विरोध में लोग सड़को पर हनुमान चालीसा पढ़ेंगे, लेकिन लोगों को ये समझना चाहिए कि जब मस्जिदों में जगह खत्म हो जाती है, सिर्फ़ तभी लोगों को (मुस्लिम) जबरदस्ती सड़क पर नमाज पढनी पड़ती है। अगर किसी दूसरे धर्म में भी इबादत के दौरान जगह भर जाती है तो लोग बाहर खड़े होकर ही प्रार्थना करते हैं।
गौरतलब है इस महीने के हर मंगलवार और शनिवार बजरंग दल जैसे हिंदू संगठनों ने मंदिर के बाहर हनुमान आरती का आयोजन करवाया, जिसमें कई लोग शामिल हुए। पिछले शनिवार तो इस आयोजन में अलीगढ़ की पूर्व मेयर शकुंतला भारती भी शामिल हुईं थी और उन्होंने हनुमान चालीसा का पाठ भी किया था।