Sunday, November 17, 2024
Homeराजनीति'गली-गली में शराब की दुकानें, भ्रष्टाचार को बढ़ावा...': अन्ना हजारे का CM केजरीवाल को...

‘गली-गली में शराब की दुकानें, भ्रष्टाचार को बढ़ावा…’: अन्ना हजारे का CM केजरीवाल को पत्र, लिखा – आपकी कथनी-करनी में फर्क, भूल गए आदर्श

"जब 10 साल पहले 18 सितंबर, 2012 को दिल्ली में 'टीम अन्ना' के सदस्यों की मीटिंग हुई थी, उस वक्त आप ने राजनीतिक रास्ता अपनाने की बात रखी थी। लेकिन, आप भूल गए कि राजनीतिक पार्टी बनाना हमारे आंदोलन का उद्देश्य नहीं था।"

दिल्ली की शराब नीति में घोटाले की खबरों के बीच वयोवृद्ध सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है। इस पत्र में अन्ना हजारे ने केजरीवाल की शराब नीति की आलोचना करते हुए फटकार लगाई है। अन्ना ने कहा है जिस तरह शराब का नशा होता है, उस प्रकार सत्ता का भी नशा होता है। उन्होंने लिखा कि केजरीवाल भी ऐसी सत्ता के नशा में डूब गए हैं, ऐसा लग रहा है।

अन्ना ने पत्र में लिखा है, “आपके (अरविंद केजरीवल) मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार मैं आपको खत लिख रहा हूँ। पिछले कई दिनों से दिल्ली राज्य सरकार की शराब नीति के बारे में जो खबरें आ रही हैं, उन्हें पढ़ कर बड़ा दुख होता है।”

उन्होंने इस पत्र में अरविंद केजरीवाल की पुस्तक ‘स्वराज’ का जिक्र करते हुए कहा है, “आपने किताब में कितनी आदर्श बातें लिखी थी, तब आप से बड़ी उम्मीद थी। लेकिन, ऐसा लगता है राजनीति में जाकर मुख्यमंत्री बनने के बाद आप आदर्श विचारधारा को भूल गए हैं। इसलिए दिल्ली में आपकी सरकार ने नई शराब नीति बनाई, जिससे शराब की बिक्री और शराब पीने को बढ़ावा मिल सकता है। गली-गली में शराब की दुकानें खुलवाई जा सकती हैं, इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल सकता है, यह बात जनता के हित में नहीं है।”

अन्ना हजारे ने इस पत्र में आगे लिखा है, “जब 10 साल पहले 18 सितंबर, 2012 को दिल्ली में टीम अन्ना के सदस्यों की मीटिंग हुई थी, उस वक्त आप ने राजनीतिक रास्ता अपनाने की बात रखी थी। लेकिन, आप भूल गए कि राजनीतिक पार्टी बनाना हमारे आंदोलन का उद्देश्य नहीं था। उस वक्त ‘टीम अन्ना’ के बारे में जनता के मन में विश्वास पैदा हुआ था। इसलिए मेरी सोच थी कि ‘टीम अन्ना’ का देश भर में घूम कर लोक-शिक्षण और लोक-जागृति का काम करना जरूरी है। अगर इस दिशा में काम होता तो कही पर भी शराब की ऐसी गलत नीति नहीं बनती।”

इस पत्र में केजरीवाल पर हमला बोलते हुए अन्ना हजारे ने अपने पत्र में लिखा कि भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए जो ऐतिहासिक और लोकायुक्त आंदोलन हुआ, उसमें लाखों की संख्या में लोग आए। उन्होंने कहा कि उस वक्त केजरीवाल लोकायुक्त की जरूरत के बारे में मंच से बड़े बड़े भाषण दिए और आदर्श राजनीति और व्यवस्था के बारे में विचार रखते थे। लेकिन, अन्ना हजारे का मानना है कि दिल्ली के सीएम बनने के बाद अरविंद केजरीवाल लोकपाल और लोकायुक्त कानून को भूल गए।

अन्ना हजारे ने लिखा, “आपकी सरकार ने लोगों का जीवन बर्बाद करने वाली, महिलाओं को प्रभावित करने वाली शराब नीति बनाई इससे स्पष्ट होता है कि आपकी कथनी और करनी में फर्क है।”

शराब नीति में दिल्ली सरकार ने किया घोटाला

बता दें दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने नई शराब नीति लागू की थी। हालाँकि, बाद में बवाल मचने पर इस शराब नीति को वापस ले लिया गया था। लेकिन, इस शराब नीति की सबसे बड़ी बात यह रही कि इसमें करीब 144 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया। जिसमें, सीबीआई ने छापेमारी करते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इस मामले में, यह भी कहा जा रहा है कि सीबीआई किसी भी समय सिसोदिया की गिरफ्तारी कर सकती है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -