कॉन्ग्रेस ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बड़े दलों में सबसे छोटी 44 विधायकों वाली पार्टी बन कर उभरने के बाद भी सरकार बनाने की उम्मीद नहीं छोड़ी है। जहाँ उससे ज़्यादा सीटें (54 विधायक) जीतने वाली राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी ने सत्ता लोलुपता छोड़ कर अगले 5 साल के लिए विपक्ष में ही रहने की घोषणा कर दी है, वहीं कॉन्ग्रेस अभी भी बीजेपी की सहयोगी शिव सेना के साथ मिल कर सरकार बनाने के सपने देख रही है।
कॉन्ग्रेस नेता बार-बार शिव सेना को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी क्रम में अब पूर्व मंत्री विजय वडेट्टीवार ने इशारों-इशारों में कहा है कि कॉन्ग्रेस शिव सेना को 5 साल के लिए मुख्यमंत्री का कुर्सी सौंपने को तैयार है। बीजेपी से शिव सेना 2.5 साल के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी माँग रही है। इस संबंध में वडेट्टीवार ने कहा, “गेंद बीजेपी के पाले में है। अब यह शिव सेना पर है कि वह 5 साल के लिए सीएम की कुर्सी चाहती है या 2.5 साल की मॉंग पर बीजेपी की प्रतिक्रिया का इंतजार करना चाहती है। यदि शिव सेना का प्रस्ताव हमारे पास आया तो हम हाईकमान से उस पर चर्चा करेंगे।”
Vijay Wadettiwar,Congress on Shiv Sena’s proposal to BJP to run govt for 2.5 yrs each: Ball is in BJP’s court,it is up to Shiv Sena to decide if they want a 5 year CM or wait for BJP’s response on 2.5 yr CM demand.If Sena’s proposal comes to us,we will discuss with high command https://t.co/XlRyEwyD7e pic.twitter.com/yb1LwahxxS
— ANI (@ANI) October 26, 2019
शिव सेना को लुभाने की कोशिश करने वाले वडेट्टीवार पहले कॉन्ग्रेसी नहीं हैं। विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद महाराष्ट्र कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष बाला साहेब थोराट ने भी कहा था, हमें अभी तक शिव सेना की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। यदि उसका प्रस्ताव आता है तो हम पार्टी हाईकमान से इस मसले पर चर्चा करेंगे।
Pratap Sarnaik,Shiv Sena:In our meeting it was decided that like Amit Shah ji had promised 50-50 formula before LS polls,similarly both allies should get chance to run Govt for 2.5-2.5 years so Shiv Sena should also have CM.Uddhav ji should get this assurance in writing from BJP. pic.twitter.com/vyaFL1dVV4
— ANI (@ANI) October 26, 2019
दिलचस्प यह है कि कॉन्ग्रेस यह दॉंव ऐसे वक्त में चल रही है जब उसकी सहयोगी एनसीपी ने स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि वे विपक्ष में बैठेंगे। शिवसेना के साथ सरकार नहीं बनाएँगे। एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने शनिवार को कहा, “मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूॅं कि हम विपक्ष में बैठेंगे। मजबूत विपक्ष की भूमिका का निवर्हन करेंगे। सरकार गठन में हम कोई भूमिका नहीं निभाना चाहते। सरकार बनाने का जनादेश बीजेपी शिवसेना को मिला है।” उनसे पहले एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार भी सरकार में शामिल होने से मना कर चुके हैं।
Sharad Pawar, Nationalist Congress Party (NCP) President, in Baramati: Our role is, that people have given us the opportunity to sit in the Opposition and not form the govt. We will carry out our work efficiently. #Maharashtra pic.twitter.com/Tyrubj6ghJ
— ANI (@ANI) October 25, 2019
Praful Patel,NCP: I want to make it clear that we will be in opposition and play the role of a strong opposition. We don’t want to have any role in Govt formation, BJP-Shiv Sena have got the mandate,so best wishes to them. #MaharashtraAssemblyPolls2019 pic.twitter.com/BAynSPAB78
— ANI (@ANI) October 26, 2019
ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि यदि कॉन्ग्रेस की बात शिव सेना मान भी ले तो सरकार कैसे बनेगी। 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत का नंबर है 145। कॉन्ग्रेस के 44 और शिवसेना के 56 विधायकों को मिलाकर यह संख्या 100 तक ही पहुॅंचती है। एनसीपी को 54 और बीजेपी को 104 सीटें मिली है। 29 अन्य जीते हैं, जिनमें ज्यादातर भाजपा के बागी हैं। बताया जा रहा है कि ये बीजेपी के साथ आने को तैयार बैठे हैं। यूॅं ही नहीं कहते बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना!