महाराष्ट्र (Maharashtra) में सरकार बदलते ही मुंबई-अहमदाबाद (Mumbai-Ahmedabad Bullet Train Project) के बीच प्रस्तावित भारत की पहली बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को गति मिल गई है। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) ने इस रूट के लिए बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) में भूमिगत स्टेशन बनाने के लिए शुक्रवार (22 जुलाई 2022) को टेंडर जारी किया है।
यह इस रेल कॉरिडोर का एकमात्र भूमिगत स्टेशन होगा। इस स्टेशन पर 6 प्लेटफॉर्म होंगे और हर प्लेफॉर्म की लंबाई 415 मीटर होगी, जो 16 कोच वाले बुलेट ट्रेन के लिए पर्याप्त होगी। प्लेटफॉर्म को जमीनी से लगभग 24 मीटर नीचे बनाने की योजना है। इसमें तीन फ्लोर होंगे।
यह बुलेट ट्रेन स्टेशन सारी अत्याधुनिक सुविधाओं से पूर्ण होगा। इसके साथ ही यह मेट्रो स्टेशन और सड़क मार्ग से जुड़ेगा। बता दें कि इस रूट पर साल 2027 से बुलेट ट्रेन चलाने की योजना है। वहीं, इसका पहला ट्रायल साल 2026 में पूरा हो जाएगा।
उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी की सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की इस महत्वाकांक्षी परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया। राज्य में भूमि अधिग्रहण पर ध्यान नहीं दिया गया। हालाँकि, शिवसेना के बागी नेता व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) के नेतृत्व में नई सरकार बनने के बाद पहली निविदा जारी हो गई है।
महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार (20 जुलाई 2022) को मुंबई में जापान के महावाणिज्य दूत फुकाहोरी यासुकाता से मुलाकात की थी और प्रोजेक्ट में तेजी लाने का आश्वासन दिया था। निविदा को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट कर जानकारी दी।
बता दें कि उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री रहते NHSRCL ने नवंबर 2019 में ब्रांदा-कुर्ला कॉप्लेक्स में भूमिगत स्टेशन बनाने के लिए निकाली गई निविदाओं को इस साल की शुरुआत में रद्द कर दिया था। NHSRCL द्वारा 11 बार समय सीमा बढ़ाने के बाद भी राज्य सरकार जमीन उपलब्ध नहीं करा पाई थी।
जापान की हाई स्पीड ट्रेन शिंकानसेन (भारत में बुलेट ट्रेन) को भारतीय परिस्थितियों के अनुसार से ढाला जा रहा है। भारत के तापमान, धूल और भार के हिसाब से इसमें बदलाव किए जा रहे हैं। इस बदलाव के बाद जापान की E5 शिंकानसेन सीरीज की ट्रेनों को भारत भेजा जाएगा।
E5 सीरीज शिंकानसेन ट्रेन को हिताची और कावासाकी हेवी इंडस्ट्रीज ने बनाया है। 3.35 मीटर चौड़ी यह ट्रेन 320 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ने में सक्षम है। भारत में यह इसी रफ्तार से दौड़ेगी। इस गति में यह ट्रेन 508 किलोमीटर की दूरी लगभग दो घंटों में पूरी कर लेंगी। फिलहाल वर्तमान ट्रेनों द्वारा यह दूरी सात घंटों और विमान से लगभग एक घंटे में तय होती है।
इस परियोजना की कुल लागत 1.08 लाख करोड़ रुपए है। इसमें केंद्र सरकार NHSRCL को 10,000 करोड़ रुपए देगी, जबकि गुजरात और महाराष्ट्र पाँच-पाँच हजार करोड़ रुपए देंगे। इसमें शेष राशि जापान 0.1 प्रतिशत की ब्याज पर ऋण के रूप में देगा।