Sunday, November 17, 2024
Homeराजनीतिबीच सड़क पर मजारें हैं, कैसे रहेगा सभ्य समाज: दिल्ली HC ने केजरीवाल सरकार...

बीच सड़क पर मजारें हैं, कैसे रहेगा सभ्य समाज: दिल्ली HC ने केजरीवाल सरकार को फटकारा, कब्जा हटाने के लिए नोटिस

कोर्ट ने दो मजारों के निर्माण के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार पर नाराजगी व्यक्त की। इनमें एक मजार वजीराबाद रोड के भजनपुरा पर बनी है। दूसरी हसनपुर डिपो पर बनी है। दावा है कि ये दोनों मजारें अवैध हैं।

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार (17 मई, 2022) को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए भजनपुरा इलाके में मजार के तौर पर किए गए अवैध अतिक्रमण पर अपनी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया। साथ ही पूछा कि अगर बीच सड़क में ऐसे ही अवैध मजहबी ढाँचे बने तो एक सभ्य समाज कैसे रहेगा।

बता दें कि इस मामले में एक्टिंग चीफ जस्टिस विपिन संघी और जस्टिस नवीन चावला ने मामले की सुनवाई की और दिल्ली सरकार को अतिक्रमण करने वालों पर कोई कार्रवाई न करने पर फटकार लगाई। पीठ ने कहा, “आखिर सभ्य समाज कैसे रहेगा अगर इसी तरह रोड की बीच में ऐसे ढाँचे बने तो? आपको समाज में और अतिक्रमणकारियों के खिलाफ एक संदेश देना होगा कि ये सब किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आपको मजबूरी से सड़कों पर उतरना चाहिए और अतिक्रमण करने वालों को वहाँ से हटा चाहिए।”

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट ने दो मजारों के निर्माण के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार पर नाराजगी व्यक्त की। इनमें एक मजार वजीराबाद रोड के भजनपुरा पर बनी है। दूसरी हसनपुर डिपो पर बनी है। दावा है कि ये दोनों मजारें अवैध हैं। 

अतिक्रमण करके बनाई गई दोनों मजारों के खिलाफ याचिका डालने वाले याचिकाकर्ता एसडी विंडलेश हैं। उन्होंने दलील दी है कि इन मजारों के कारण ट्रैफिक पर असर पड़ता है और इससे नागरिकों को दिक्कत आती है। उन्होंने माँग की है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार इन मजारों को जल्द से जल्द हटाने के निर्देश दिए जाएँ। वहीं दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील गौतम नारायण ने पीठ को सूचित किया कि अवैध संरचनाओं को ध्वस्त करने का मुद्दा पहले ही सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है।

इस सुनवाई के दौरान याचिका में संलग्न तस्वीरों को देख पीठ ने माना कि ये चौंकाने वाली स्थिति है। पीठ ने नोटिस जारी करते हुए कहा, “हम ये नहीं समझ पा रहे हैं कि राज्य मूक दर्शक कैसे हो सकता है और कैसे इस तरह की अवैध चीजों को होने दे सकता है। हमारे विचार में राज्य को ऐसे मामलों में एक स्पष्ट, निश्चित और दृढ़ स्टैंड लेना चाहिए। अतिक्रमणकारियों को संदेश दें कि इस प्रकार का अतिक्रण आप लोगों द्वारा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जल्द ही अतिक्रमण हटाया जाएगा। इस प्रकार के ढाँचे बनाने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -