Sunday, December 22, 2024
Homeदेश-समाजहिजाब पहन कर आने पर क्लास नहीं, मैंगलोर यूनिवर्सिटी का फैसला: दूसरी जगह एडमिशन...

हिजाब पहन कर आने पर क्लास नहीं, मैंगलोर यूनिवर्सिटी का फैसला: दूसरी जगह एडमिशन चाहिए तो मिलेगी मदद

VC ने कहा कि उच्च न्यायालय का आदेश डिग्री कॉलेजों पर लागू होगा या नहीं, इसको लेकर असमंजस की स्थिति थी। राज्य सरकार की एडवाइजरी, उच्च शिक्षा परिषद और कोर्ट के आदेश के मुताबिक सभी कॉलेजों को यूनिफॉर्म का पालन करना होगा। इसके बाद आदेश को वापस ले लिया गया। उन्होंने कहा कि छात्राएँ कैंपस में हिजाब पहन सकती हैं, लेकिन कक्षा में नहीं।

कर्नाटक में जारी हिजाब-बुर्का विवाद (Karnataka Hijab-Burqa Controversy) के बीच मैंगलोर विश्वविद्यालय कॉलेज ने मुस्लिम छात्राओं को हिजाब में कक्षा में आने की अनुमति देने के फैसले को वापस ले लिया है। हालाँकि, कॉलेज प्रशासन ने हिजाब पहनने की जिद पर अड़ी छात्राओं को अन्य संस्थानों, जहाँ यूनिफॉर्म नहीं है या जहाँ हिजाब की अनुमित है, उसमें प्रवेश दिलाने में मदद की बात कही है। बता दें कि क्लासरूम में हिजाब पहनने की अनुमति देने के कॉलेज प्रशासन का छात्रों ने कड़ा विरोध किया था।

कॉलेज प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ छात्रों ने परिसर में धरने पर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया था। छात्रों का कहना था कि मुस्लिम छात्राओं को कक्षा में हिजाब पहनने की अनुमति देखकर कॉलेज प्रशासन कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर रहा है।

भारी विरोध को देखते हुए कॉलेज प्रशासन ने फैसले को वापस ले लिया और कहा कि कर्नाटक उच्च न्यायालय के प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में हिजाब प्रतिबंध को बरकरार रखने का आदेश डिग्री कॉलेजों पर भी लागू होगा और इसलिए धार्मिक पोशाक को कक्षाओं के अंदर अनुमति नहीं दी जाएगी।

कॉलेज के VC प्रोफेसर सुब्रह्मण्य यदपादित्या ने कहा, “हमारा कॉलेज शुरू में लड़कियों को यूनिफॉर्म की रंग से मेल खाते हेडस्कार्फ़ को पहनने की अनुमति दी थी, लेकिन कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर CDC (कॉलेज विकास परिषद) के अध्यक्ष और मैंगलोर दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र के विधायक वेदव्यास कामथ और सिंडिकेट के सदस्यों के साथ बैठक के बाद निर्णय लिया गया है कि कक्षाओं के अंदर धार्मिक पोशाक की अनुमति नहीं होगी।”

उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय का आदेश डिग्री कॉलेजों पर लागू होगा या नहीं, इसको लेकर असमंजस की स्थिति थी। राज्य सरकार की एडवाइजरी, उच्च शिक्षा परिषद और कोर्ट के आदेश के मुताबिक सभी कॉलेजों को यूनिफॉर्म का पालन करना होगा। इसके बाद आदेश को वापस ले लिया गया। VC ने कहा कि छात्राएँ कैंपस में हिजाब पहन सकती हैं, लेकिन कक्षा में नहीं।

VC यदपादित्य ने हिजाब पहनने की जिद पर अड़ी मुस्लिम छात्राओं की काउंसलिंग को लेकर कहा, “हमें पता चला है कि लगभग 15 मुस्लिम लड़कियाँ क्लास में हिजाब पहनने को लेकर अड़ी हुई हैं। हम इन लड़कियों को कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश के संबंध परामर्श देने के तैयार हैं। इसके बाद बाद भी वे नहीं मानती हैं तो उन्हें उन शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश दिलाने में हम मदद करेंगे, जहाँ हिजाब की अनुमति है या जहाँ कोई यूनिफॉर्म नहीं है।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘गृहयुद्ध छेड़ना चाहते हैं राहुल गाँधी’: कॉन्ग्रेस नेता को 7 जनवरी को बरेली की कोर्ट में हाजिर होने का आदेश, सरकार बनने पर जाति...

राहुल गाँधी ने अपनी पार्टी का प्रचार करते हुए कहा था कि यदि कॉन्ग्रेस केंद्र में सरकार बनाती है, तो वह वित्तीय और संस्थागत सर्वेक्षण करेगी।

कानपुर में 120 मंदिर बंद मिले: जिन्होंने देवस्थल को बिरयानी की दुकान से लेकर बना दिया कूड़ाघर… वे अब कह रहे हमने कब्जा नहीं...

कानपुर की मेयर प्रमिला पांडेय ने एलान किया है कि सभी मंदिरों को कब्ज़ा मुक्त करवा के वहाँ विधि-विधान से पूजापाठ शुरू की जाएगी
- विज्ञापन -