उत्तर प्रदेश की कौशाम्बी में मुस्लिम युवकों द्वारा दलित नाबालिग लड़की का बलात्कार करने के मामले में पुलिस ने दूसरे आरोपित को गिरफ़्तार कर लिया है। एक अन्य आरोपित नाज़िम को पहले ही ग्रामीणों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था। मोहम्मद बड़का और मोहम्मद आदिल उर्फ़ छोटका नामक 2 अन्य आरोपित फरार चल रहे थे, जिनकी धर-पकड़ के लिए पुलिस ने पाँच टीमें गठित की थी। इन दोनों के सिर पर 25,000 रुपए का इनाम भी रखा गया था। ये घटना सरायअकिल थाना क्षेत्र की है।
दूसरे आरोपित छोटका की गिरफ़्तारी पिपरी थाना क्षेत्र से हुई। घेराबंदी के दौरान आरोपित ने पुलिस पर पाँच राउंड फायरिंग की, जिसके जवाब में पुलिस को भी गोली चलानी पड़ी। आरोपित के पैर में गोली लगने के बाद वह घायल हो गया, जिसके बाद पुलिस ने उसे धर-दबोचा। फ़िलहाल उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एसपी प्रदीप गुप्ता ने ख़ुद पहुँच कर आरोपित से पूछताछ की। बता दें कि घोसिया गाँव में घास काटने गई दलित नाबालिग लड़की के साथ नाज़िम, बड़का और छोटका ने बलात्कार किया था।
पुलिस को ख़बर मिली थी कि आरोपित छोटका रावतपुर गाँव में छिपा हुआ है। इसके बाद चार थानों की पुलिस वहाँ उसे गिरफ़्तार करने पहुँचीं। आरोपित छोटका जंगल में स्थित एक मजार में छिपा हुआ था। जैसे ही पुलिस ने उसकी घेराबंदी की, वह तमंचे से गोलीबारी करने लगा। पुलिस सादी वर्दी में हथियारों से लैस होकर पहुँची थी। पहले तो ग्रामीणों को लगा कि गैंगवार जैसी कोई स्थिति उत्पन्न हो गई है लेकिन जैसे ही उन्हें असलियत पता चली, वे सभी पुलिस की तारीफ करने लगे।
कौशांबी का यह इनकाउंटर सुकून देने वाला है.ये है मोहम्मद आदिल उर्फ “छोटका” जिसने कौशांबी में खेत में घास काट रही एक दलित लड़की के साथ सरेआम बलात्कार किया और दोस्तों के साथ रेप का वीडियो बनाकर उसे वायरल किया,इसके दोनों पैरों में गोली लगी है,एक साथी नाजिम गिरफ्तार है,एक अभी बचा है। pic.twitter.com/q6llmojsyW
— kumar abhishek. (@abhishek6164) September 24, 2019
आरोपितों के सर्विलांस के लिए विशेषज्ञों को लगाया गया था। उसकी लोकेशन पर नज़र रखी जा रही थी। मुठभेड़ के बाद पुलिस ने ग्रामीणों से बातचीत कर उन्हें आरोपित की गिरफ़्तारी के बारे में जानकारी दी। घायल आरोपित को स्थानीय अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में भर्ती कराया गया है और हॉस्पिटल की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। पुलिस के अलावा किसी को भी उससे मिलने की इजाजत नहीं दी गई है। पुलिस को इस बात का शक था कि आरोपित को गोली लगने के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग हंगामा कर सकते हैं और शांति-व्यवस्था भंग हो सकती है। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए पुलिस लगातार गश्त लगाती रही।
रेप पीड़िता ने साफ़-साफ कहा है कि जब तक आरोपितों को फाँसी की सज़ा नहीं मिल जाती, तब तक उसे शांति नहीं मिल सकती है। पीड़िता ने मदद करने वाले नेताओं व संगठनों को धन्यवाद करते हुए लोगों से आगे आने की अपील की। पीड़िता ने कहा कि वह ख़ुद क़ानूनी लड़ाई लड़ेगी। आरोपित की गिरफ़्तारी करने वाली टीमों को 25 हज़ार रुपए का इनाम भी दिया जाएगा। वहीं पीड़िता का हालचाल जानने के लगातार नेताओं की लाइन लगी रही। दलित सेना संगठन ने एसपी से मुलाक़ात कर आरोपित पर कड़ी कार्रवाई की माँग की।
तीनों मुस्लिम युवकों द्वारा दलित नाबालिग का रेप किए जाने का वीडियो सोशल पर वायरल होने से रोकने की भी कोशिश की जा रही है। एसपी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वीडियो वायरल न किया जाए। साइबर सेल ने फेसबुक और ट्विटर को ऐसे एकाउंट्स को बंद करने के लिए उनका विवरण भेज दिया है। पुलिस ने कहा कि आगे से ऐसा करने पर रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि रविवार (22 सितंबर) को एक 15 वर्षीय दलित नाबालिग के साथ गैंगरेप कर उसका अश्लील वीडियो बनाया गया था। तीनों आरोपित लड़की को पकड़ कर झाड़ियों में ले गए और उसके साथ दुष्कर्म किया। इस दौरान लड़की बार-बार दया की भीख माँगती रही, लेकिन आरोपितों ने उसकी एक न सुनी और पूरे घटनाक्रम का वीडियो बना लिया।
आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस से इस मामले में तेजी से कार्रवाई करने की माँग की थी। तीनों आरोपितों के ख़िलाफ़ बलात्कार का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस उच्चाधिकारियों ने गाँव में पहुँच कर ग्रामीणों को समझाया। कोतवाल मनीष पांडेय, दरोगा दिलीप गुप्ता और हेड कॉन्स्टेबल रामनाथ को आरोपतों पर कार्रवाई में ढिलाई करने पर एसपी ने लाइन हाजिर कर दिया है।