श्रद्धा वॉल्कर हत्याकांड की चार्जशीट में कई बड़े खुलासे हुए हैं। श्रद्धा की हत्या के आरोपित आफताब पूनावाला ने हड्डियों को छिपाने के लिए उन्हें पीसकर पाउडर बना दिया था। यही नहीं, हत्या करने के तीन-चार महीने बाद उसने श्रद्धा के सिर के बालों और चेहरे को ब्लो टॉर्च से जलाकर उसकी पहचान मिटाने की कोशिश की थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस ने कोर्ट में श्रद्धा मर्डर केस की 6629 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट के अनुसार, आफताब पूनावाला ने पुलिस के सामने कहा है कि 18 मई, 2022 को उसने श्रद्धा की हत्या कर दी थी। इसके बाद 19 मई, 2022 को छतरपुर से ट्रैश बैग, एक चाकू और एक चॉपर खरीदा था। यही नहीं, उसने पुलिस को बताया है कि उसने छतरपुर से ही 25,000 रुपए का एक फ्रिज भी खरीदा था। फ्रिज के लिए उसने क्रेडिट कार्ड से पेमेंट किया था।
इसके बाद आफताब ने उसी शाम श्रद्धा की डेड बॉडी के दोनों पैरों को काटकर ट्रेश बैग में पैक कर दिया था। इसके बाद उसकी शरीर के कटे हुए अंगों को फ्रिज के फ्रीजर में रख दिया था। श्रद्धा के शव को काटने के बाद फैले हुए खून को साफ करने के लिए उसने शॉपिंग ऐप टॉयलेट क्लीनर व जर्म फाइटर समेत अन्य समेत आर्डर किए थे।
आफताब ने यह भी कहा है कि उसने बॉडी को ब्रीफकेस में डालकर ठिकाने लगाने का प्लान बनाया था। इसके लिए वह 20 मई 2022 को महरौली बाजार से 2000 रुपए का ब्रीफकेस लाया था। हालाँकि, ब्रीफकेस के वजन के चलते उसे पकड़े जाने का डर था। इसलिए उसे अपने प्लान में बदलाव करना पड़ा।
आफताब ने यह भी कहा है कि श्रद्धा की लाश को ठिकाने लगाने के लिए उसने उसकी बॉडी के छोटे-छोटे टुकड़े करने की प्लानिंग बनाई थी। इसके लिए उसने श्रद्धा की लाश से उसका सिर और अन्य अंगों को काट कर अलग कर दिया था। वहीं आँतें निकाल कर उसने छतरपुर पहाड़ी के पास रखे एक डस्टबिन में डाल दी थी।
हालाँकि, उसने शरीर के अन्य अंगों जैसे सिर, टॉरसो और दोनों कलाइयों को फ्रिज में रख दिया था। लेकिन बाकी अंगों को ब्लो टॉर्च से जलाकर कर छतरपुर पहाड़ी के पास फेंक दिया था। इसी तरह उसने शरीर के अन्य अंगों को भी टुकड़े-टुकड़े कर छतरपुर के आसपास के कई इलाकों में फेंक दिया था।
यही नहीं, उसने सबूत मिटाने के लिए छतरपुर पहाड़ी में ही अलग-लग जगह पर श्रद्धा की लाश के टुकड़ों पर पेट्रोल डालकर आग भी लगा दी थी। बाद में बची हुई हड्डियों को वह अपने किराए वाले मकान में ले आया था। वहाँ छत में मार्बल घिसने वाले ग्राइंडर से हड्डियों का पाउडर बनाया। हालाँकि, यह सब करने के बाद भी आफताब को पकड़े जाने का डर था। इसलिए उसने श्रद्धा के सिर, टॉरसो और दोनों कलाइयों को फ्रिज में ही रख दिया था।
चार्जशीट में आफताब ने यह भी कहा है कि श्रद्धा की हत्या करने के बाद करीब तीन-चार महीनों बाद उसने श्रद्धा के सिर और चेहरे को ब्लो टॉर्च से जलाकर उसकी पहचान मिटाने की कोशिश की। इसके बाद उसने चेहरे को जंगल में जबकि बालों और कपड़ों को छतरपुर पहाड़ी के पास डस्टबिन में फेंक दिया था।
आफताब ने पुलिस को यह भी बताया है कि उसने जिस दिन श्रद्धा की हत्या की थी, उसी दिन श्रद्धा के अकांउट से अपने अकाउंट में 54,000 रुपए भेजे थे। यही नहीं, उसके फोन में श्रद्धा का इंस्टाग्राम लॉग इन था। इंस्टाग्राम के जरिए ही उसने श्रद्धा बनकर उसके दोस्त लक्ष्मण नाडर से बात की थी। आफताब ने पुलिस से यह भी कहा है, “श्रद्धा की हत्या करने के बाद उसकी लाश को काटकर अलग-अलग जगह फेंककर मैंने सबूत मिटाए हैं। मुझसे गलती हो गई, मुझे माफ किया जाए।”
हत्या का मकसद भी आया सामने
आफताब ने पुलिस को बताया है कि जिस ऐप के जरिए वह श्रद्धा से मिला था। उसी ऐप के जरिए श्रद्धा को एक नया दोस्त मिल गया था। 17 मई की सुबह श्रद्धा उसी दोस्त से मिलने गई थी। इसके बाद, वह अगले दिन वापस आई। इस नए दोस्त को लेकर ही श्रद्धा का आफ़ताब से झगड़ा हुआ था। इसके बाद गुस्से में आकर उसने उसका कत्ल कर दिया।