दिल्ली को सिंगापुर बनाने के लिए उत्तराखंड और हिमाचल की साफ हवा का रुख दिल्ली की ओर करेंगे केजरीवाल।
दिल्ली चुनाव में अपनी प्रचंड जीत के बाद आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल जी ने अपने तीसरे कार्यकाल के लक्ष्य तय कर लिए हैं। इस बार के प्रमुख मुद्दों में प्राथमिकता दिल्ली को लंदन की जगह सिंगापुर में बदल देने को दी गई है। केजरीवाल जी ने स्वयं प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर मीडिया और दिल्ली की जनता को यह खुशखबरी सुनाई।
पिछले कार्यकाल के ‘ऑड-इवन’ जैसी योजना की कथित सफलता से उत्साहित केजरीवाल जी ने दिल्ली की हवा को साफ़ करने को अपना प्रथम लक्ष्य बताया है। लगातार तीसरे कार्यकाल में आम आदमी पार्टी की सरकार ने स्वच्छ हवा को प्राथमिकता दी है, लेकिन अभी तक दिल्ली के लोगों को सरकार पॉल्यूशन से राहत दिला पाने में नाकाम रही है।
इस बाबत सवाल किए जाने पर केजरीवाल जी ने सारा दोष हवा पर ही मढ़ते हुए कहा- “दिल्ली की हवा बहुत ही ढीठ है और मेरी लगातार विनती करने के बावजूद भी दिल्ली की हवा ने साफ़ होने से इनकार कर दिया है। आखिरी बार इतनी ढीठ हमारे साथ सिर्फ कॉन्ग्रेस पार्टी ही नजर आई थी, जिसने हमारे गठबंधन करने की सलाह पर कान तक नहीं रखे थे।”
प्रेस को सम्बोधित करते हुए श्री केजरीवाल जी ने कहा, “जिस प्रकार भगवान श्रीराम के तीन दिन तक समुद्र से लंका तक रास्ता देने की विनती करने के बावजूद समुद्र ने अपनी हठ नहीं छोड़ी थी, उसी प्रकार दिल्ली की हवा ने भी केजरीवाल जी, यानी मेरी अभी तक एक नहीं सुनी है। इस कारण मैं अब कठोर कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हूँ।”
चूँकि केजरीवाल जी ताजा-ताजा बने हनुमान भक्त हैं और भगवान श्री राम हनुमान जी के आराध्य हैं, इसलिए केजरीवाल जी ने दिल्ली की हवा को बिलकुल उसी तरह दण्ड देने का निर्णय लिया है, जिस प्रकार श्री राम ने समुद्र को सुखाने का निर्णय लिया था।
केजरीवाल जी ने आगे जोड़ते हुए कहा, “यह आइडिया मुझे मेरे हनुमान स्वरूप सखा अल्बर्ट मनीष सिसोदिया जी ने दिया। निगम की लाइन से दूषित पानी आने के कॉन्सेप्ट को वैज्ञानिक अल्बर्ट सिसोदिया ने जिस तरह से एक्सप्लेन किया, उस हिसाब से हमें पड़ोसी राज्यों से हवा खींच लाने के इस विचार की सफलता का पूरा भरोसा है।”
केजरीवाल जी ने मीडिया को बताया कि दिल्ली की हवा को स्वच्छ करने के लिए कई चरणों में कार्य संपन्न कराया जाएगा। प्रथम चरण में पड़ोस के पहाड़ी राज्यों, हिमाचल और उत्तराखंड में मोटर से चलने वाले बड़े-बड़े पंखे लगाए जाएँगे, जिससे कि हवा का रुख दिल्ली की ओर किया जा सके।
केजरीवाल जी ने तर्क दिया कि हिमाचल और उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में पलायन होने की वजह से वहाँ की साफ हवा व्यर्थ जा रही है, इसलिए दिल्ली सरकार ने उस हवा के इस्तेमाल के लिए साइंटिस्ट अल्बर्ट सिसोदिया के इस धाँसू आइडिया पर अमल करने का बेहतरीन निर्णय ले लिया है।
दूसरे चरण में दिल्ली में घर-घर तक हवा के कनेक्शन दिए जाएँगे। साफ़ हवा के पहले 200 यूनिट जनता के लिए फ्री होंगे। सार्वजनिक स्थानों पर केजरीवाल सरकार द्वारा दिए गए ‘कुदरती वाई-फाई’ और ‘कुदरती सीसीटीवी’ की भाँति ही जनता स्वच्छ प्राणवायु का लाभ उठा सकेगी। कॉर्पोरेट ऑफिस को स्वच्छ हवा की सप्लाई के बारे में पूछे जाने पर केजरीवाल जी से पहले ही साइंटिस्ट सिसोदिया जी ने बीच में कूदते हुए कहा कि कॉर्पोरेट साफ हवा के लिए अलग से अप्लाई कर सकेंगे, लेकिन उन्हें कॉर्पोरेट टैक्स भी चुकाना होगा।
प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए केजरीवाल जी ने यह भी बताया कि जिस तरह कोई भी बटन दबा देने से वोट भाजपा को ही चला जाया करता था, उसी प्रकार पहाड़ों से दिल्ली की तरफ मोड़ी गई साफ हवा राजस्थान की तरफ न चली जाए, इस पर आम आदमी पार्टी के ‘प्रतिभाशाली ईवीएम हैकर’ सदस्य ने चिंता जताई थी।
इस समस्या का हल भी ‘प्रतिभाशाली हैकर’ ने ही बताया कि साफ हवा पड़ोसी राज्यों में न जाकर सिर्फ दिल्ली के लोगों को ही मिल सके, इसके लिए दिल्ली की दक्षिण और पूर्वी सीमा पर ऊँची-ऊँची टिन की आसमानी चादरें लगाई जाएँगी, क्योंकि उत्तर-पश्चिम से दिल्ली में पहाड़ों की ओर से साफ़ हवा का प्रवाह होगा।
हालाँकि इस पर राजस्थान और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि एक साजिश के तहत आम आदमी पार्टी के नेता साफ हवा का प्रवाह उनके राज्यों में रोकना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उनके लोगों को भी साफ हवा पर उतना ही अधिकार है जितना कि दिल्ली के लोगों का।
इस बारे में उत्तराखंड और हिमाचल के राजनैतिक दलों की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। बीजेपी और कॉन्ग्रेस, दोनों ही दलों के नेताओं का कहना है कि उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि पहाड़ की हवा को किस तरफ मोड़ा जा रहा है। उन्हें न पलायन से मतलब था, न अवैध खनन से, न युवाओं की बेरोजगारी से, और न ही जीव-जंगल-जमीन के संरक्षण से। उनका काम बस दिन भर विरोधी दलों से भिड़ना है और शाम ढलने पर उन्हीं के साथ मिलकर ‘हिलटॉप ब्रांड’ बनाना है, ताकि जनता को लग सके कि दिनभर वे उन्हीं के अधिकारों की लड़ाई लड़ते हैं।
साफ हवा को मोड़े जाने के सवाल पर राहुल गाँधी ने कहा कि इस बारे में उनकी राय वही है जो मनमोहन सिंह जी की होगी। क्योंकि मनमोहन जी भारत के सबसे बड़े अर्थशास्त्री हैं, इसलिए वही उनका और कॉन्ग्रेस पार्टी का भी अधिकृत विचार रहेगा। राहुल गाँधी ने आस्तीन ऊपर सरकाते हुए कहा, “देख लो जी, एक बात साफ़-साफ़ बता दूँ। इंडिया की हवा को हिन्दुस्तान ले जाने वालों के खिलाफ कॉन्ग्रेस हमेशा से ही रही है। 2014 के बाद से हम हर बात के खिलाफ ही तो रहे हैं।” इसके बाद उन्होंने अपनी वाणी को वहीं पर विराम दे दिया।
राहुल गाँधी ने यह भी कहा कि वैज्ञानिक अल्बर्ट मनीष सिसोदिया और केजरीवाल की पहाड़ की हवा दिल्ली खींचकर लाना उन्हीं के एक तरफ से आलू से डालकर दूसरी तरफ से सोना निकालने वाली स्कीम की नकल है।वहीं, तेज प्रताप यादव ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे पहले शिव-रूप धरकर हिमालय जाएँगे और उसके बाद दिल्ली के वायु प्रदूषण को गले में रोककर आम आदमी पार्टी की इस फर्जी स्कीम को फ्लॉप कर देंगे। उनकी इस घोषणा ने लालटेन वाली पार्टी को ईंधन देने का काम किया है और पार्टी कैडर में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है।
आम आदमी पार्टी के शपथग्रहण के बाद ही इस कालजयी घोषणा से अब दिल्ली और शेष भारत की जनता में दिल्ली के जल्द ही सिंगापुर बनने की नई उम्मीद जगी है।
नोट: यह पूरा व्यंग्य फैक्ट चेक से पत्थर को वॉलेट में तब्दील कर देने वाले सॉल्ट न्यूज़ और न्यूज़लौंडी के खबरों को सूंघकर सच्चाई पता कर लेने वाले झबरा कुत्ते द्वारा पहले से ही सत्यापित है।