Monday, November 18, 2024
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वायनाड में विकास पैदा करेगा बॉलीवुड, राहुल गाँधी बस पत्र लिखेंगे: फटी जेब वाले MP का ‘मसीहा’ भी सोनू सूद

'गरीब' राहुल गाँधी अगर चाहें तो अपने फ़टे कुर्ते को सिलाने के लिए 'सूई-धागा' के वरुण धवन या फिर 'स्त्री' के राजकुमार राव की सहायता भी ले सकते हैं।

अब राहुल गाँधी के वायनाड का विकास एक बॉलीवुड अभिनेता करेगा। जी हाँ, आपने बिलकुल ठीक सुना। जो काम देश पर सबसे लंबे समय तक राज़ करने वाले परिवार के वारिस से नहीं हो पा रहा है, उसे फिल्म इंडस्ट्री में अधिकतर सहायक किरदार निभाने वाला एक अभिनेता करेगा। बात ये है कि राहुल गाँधी ने वायनाड में मोबाइल नेटवर्क के समस्या की बात उठाई है, जिसके बाद सोनू सूद ने वहाँ मोबाइल टॉवर लगवाने का वादा किया है।

कहीं ऐसा तो नहीं है कि राहुल गाँधी बहती गंगा में हाथ धोना चाहते हैं और इसीलिए खुद को ‘गरीब’ दिखा कर सोनू सूद से मदद के लिए ये सब कर रहे हैं? कहीं उन्हें ऐसा तो नहीं लगता कि सोनू सूद उनकी ‘फ़टे कुर्ते वाली गरीबी’ पर पसीज जाएँगे और वायनाड में उनकी जगह वही विकास पैदा कर डालेंगे? अगर पत्र लिखने से विकास पैदा होता तो जवाहरलाल नेहरू के 17 साल राज करने के बाद भी भारत गरीब नहीं रहता।

आगे बढ़ने से पहले पूरे मामले को समझ लेते हैं। केरल के वायनाड से सांसद राहुल गाँधी ने अपने संसदीय क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में खराब नेटवर्क कनेक्टिविटी का मुद्दा उठाया। उन्होंने केंद्रीय IT मंत्री रविशंकर प्रसाद को लिखे पत्र में कहा है कि इससे जंगल में रहने वाले लोगों को परेशानी हो रही है। उन्होंने इंटरनेट को ‘मूलभूत मानवाधिकार’ की श्रेणी में रखते हुए केंद्र सरकार से कहा कि वो वायनाड के लोगों को मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध कराए।

उन्होंने दावा किया कि लोग मोबाइल इंटरनेट का प्रयोग करने के लिए लंबी दूरी तय करते हैं और विद्यार्थी पढ़ नहीं पा रहे हैं, किसानों-छोटे व्यापारियों को बाजार तक पहुँच नहीं मिल रही है और इंटरनेट पर आधारित सार्वजनिक सेवाओं का लोग इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। उनका कहना है कि इससे बच्चे कम उम्र में ही पढ़ाई छोड़ सकते हैं, जिससे बाल-विवाह बढ़ेगा। उनका कहना है कि इससे पिछड़े समुदाय के बच्चे अपनी योग्यता अनुसार आगे नहीं बढ़ पाएँगे।

क्या 4 बार का सांसद और 10 साल पर्दे के पीछे से केंद्र सरकार चलाने वाली सोनिया गाँधी के बेटे राहुल इतने लाचार हैं कि एक मोबाइल टॉवर लगवाने के लिए उन्हें पत्र लिखना पड़ रहा है? फिर तो उन्हें वायनाड में आवगमन की सुविधा बढ़ाने के लिए अमिताभ बच्चन से मदद माँगनी चाहिए, ‘सूर्यवंशम’ में उन्होंने ऐसा कर दिखाया था। या फिर वो महेश बाबू को वायनाड भेज कर वहाँ के गाँवों का विकास क्यों नहीं करवा देते, वो दक्षिण के भी हैं।

इधर अभिनेता सोनू सूद ने वायनाड में एक टीम भेज कर मोबाइल टॉवर इनस्टॉल कराने का वादा किया। सोनू सूद के लिए ये कोई नई बात नहीं है, क्योंकि हरियाणा के मोरनी स्थित दपना गाँव में वो ऐसा कर चुके हैं। उन्होंने वहाँ एयरटेल का एक टॉवर इनस्टॉल करवाया था। एक बच्चे की पढ़ाई के लिए पेड़ के नीचे नेटवर्क खोजते हुए तस्वीर वायरल हुई थी, जिसके बाद उन्होंने ऐसा किया। इसीलिए, आश्चर्य नहीं होना चाहिए जब वो वायनाड में भी ऐसा कर दें।

‘गरीब’ राहुल गाँधी अगर चाहें तो अपने फ़टे कुर्ते को सिलाने के लिए ‘सूई-धागा’ के वरुण धवन या फिर ‘स्त्री’ के राजकुमार राव की सहायता भी ले सकते हैं। सार ये है कि राहुल गाँधी सिर्फ पत्र लिखने में खुद को व्यस्त रखेंगे और वायनाड का विकास बॉलीवुड करेगा। राहुल गाँधी अपना फटा कुर्ता दिखाएँगे और वायनाड में मोबाइल टॉवर सोनू सूद लगवाएँगे। 15 सालों में अगर उन्होंने अमेठी के लिए एक भी ऐसा पत्र लिखा होता तो वहाँ की तस्वीर बदल गई होती और उन्हें हरा कर नहीं भेजा जाता।

लेकिन, सवाल ये है कि वायनाड के लिए वायनाड के सांसद के अलावा बाकी सब काम केंद्र सरकार और सोनू सूद करें? भारत में पहला मोबाइल फोन कॉल अगस्त 1995 में पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्योति ने तब के केंद्रीय टेलीकॉम मंत्री सुखराम को किया था। उसके 9 साल बाद यूपीए सत्ता में आई और 10 साल कॉन्ग्रेस की सरकार रही। उस दौरान वायनाड की नेटवर्क कनेक्टिविटी के लिए क्या किया गया?

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अनुपम कुमार सिंह
अनुपम कुमार सिंहhttp://anupamkrsin.wordpress.com
भारत की सनातन परंपरा के पुनर्जागरण के अभियान में 'गिलहरी योगदान' दे रहा एक छोटा सा सिपाही, जिसे भारतीय इतिहास, संस्कृति, राजनीति और सिनेमा की समझ है। पढ़ाई कम्प्यूटर साइंस से हुई, लेकिन यात्रा मीडिया की चल रही है। अपने लेखों के जरिए समसामयिक विषयों के विश्लेषण के साथ-साथ वो चीजें आपके समक्ष लाने का प्रयास करता हूँ, जिन पर मुख्यधारा की मीडिया का एक बड़ा वर्ग पर्दा डालने की कोशिश में लगा रहता है।

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