Friday, November 15, 2024
Homeहास्य-व्यंग्य-कटाक्षJio सिम के बहिष्कार की बात पर आपस में ही भिड़ पड़े किसान, कल...

Jio सिम के बहिष्कार की बात पर आपस में ही भिड़ पड़े किसान, कल ही किया था 3 महीने वाला रिचार्ज

"किसानों ने कहा रिलायंस का पेट्रोल पंप मुर्दाबाद, हमने कहा रिलायंस का पंप मुर्दाबाद। किसानों ने कहा रिलायंस रिटेल स्टोर मुर्दाबाद, हमने कहा रिलायंस स्टोर मुर्दाबाद। लेकिन अब अगर आप चाहते हैं कि रितेंदर रिलायंस जियो को भी मुर्दाबाद कहे, तो ये हमसे नहीं हो पाएगा।"

केंद्र सरकार के तीन नए फासीवादी कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों ने एक नया और दर्दनाक मोड़ ले लिया है। दरअसल, सारा हंगामा अम्बानी के रिलायंस जियो के टॉवर उखाड़ने को लेकर शुरू हुआ। कुछ किसान संगठन चाहते थे कि रिलायंस के सभी उत्पादों का बहिष्कार किया जाए, जबकि दूसरा किसान संगठन रिलायंस जियो के बहिष्कार की बात पर निजी कारणों से अड़ गया है।

यह विवाद अब बड़ा होते नजर आ रहा है। पंजाब के कुछ किसान जब ‘किसान पुत्र’ रितेंदर सिंह के घर के पास लगे जियो टॉवर की लाइट काटने कुल्हाड़ी लेकर पहुँचे तो रितेंदर सिंह के गुस्से का ठिकाना नहीं रहा। रितेंदर सिंह ने कहा, “किसानों ने कहा रिलायंस का पेट्रोल पंप मुर्दाबाद, हमने कहा रिलायंस का पंप मुर्दाबाद। किसानों ने कहा रिलायंस रिटेल स्टोर मुर्दाबाद, हमने कहा रिलायंस स्टोर मुर्दाबाद। लेकिन अब अगर आप चाहते हैं कि रितेंदर रिलायंस जियो को भी मुर्दाबाद कहे, तो ये हमसे नहीं हो पाएगा। रिलायंस जियो जिंदाबाद था, जिंदाबाद है और जिंदाबाद रहेगा और इसके लिए मैं सभी किसान संगठनों को लाहौर छोड़ने के लिए भी तैयार हूँ।”

एक समाचार चैनल से बात करते हुए आक्रोशित किसान पुत्र ने कहा कि उसने कल ही रिलायंस जियो का तीन महीने वाला रिचार्ज कराया था और अब आज ही ये किसान चाहते हैं कि रिलायंस का सिम फेंक दें तो वो ऐसा हरगिज नहीं करेंगे। रितेंदर ने बताया कि उन्होंने इसे रिचार्ज करते समय चिप्स के साथ मिले एक कूपन कोड को भी इस्तेमाल कर लिया है।

किसान संगठनों द्वारा रितेंदर के इस व्यवहार की कड़ी निंदा की गई है। उन्होंने कहा कि उनके पास भी रिलायंस जियो के सिम थे और उन्होंने भी उसकी डेढ़ जीबी का लालच किए बिना उसका बहिष्कार किया, लेकिन रितेंदर के सिम में ऐसा अनोखा क्या है?

आक्रोशित रितेंदर ने दो किसानों के कान के नीचे बजाने के बाद वहाँ मौजूद रिपोर्टर्स को बताया कि उसने हाल ही में नेटफ्लिक्स पर ड्रग्स के कारोबार पर आधारित एक वेब सीरीज ‘गलत तुड़ाई’ देखनी शुरू की थी और वो अभी उसके दूसरे ही एपिसोड तक पहुँच पाया है। जियो उपभोक्ता ने बताया कि वेब सीरीज को ही पूरा करने के उद्देश्य से उसने अन्य किसान संगठनों की नजर में आए बिना अपना रिलायंस जियो सिम रिचार्ज कर लिया था।

एक किसान संगठन के नेता ने बताया कि हर कोई रिलायंस जियो की सेवा का लाभ ले रहा था लेकिन ऐसे नाजुक समय में अम्बानी की इस सेवा ने हमारी एकता को खंडित किया है। उन्होंने कहा कि वो भी वेब सीरीज देखते हैं लेकिन सरकार के विरोध के लिए उन्होंने इसका त्याग कर दिया है।

एक अन्य घटना में रिलायंस जियो टॉवर गिराने और उसकी बिजली कनेक्शन काटते समय दो किसान संगठन आपस में भीड़ पड़े। घटनास्थल पर हालात पर नियंत्रण पाने के लिए पुलिसबल को बुलाया गया। जब पुलिस को पता चला कि कुछ किसान रिलायसं जियो का टॉवर बंद करने पहुँचे थे तो उनके गुस्से का ठिकाना नहीं रहा और उन्होंने आरोपितों की जमकर सुताई कर डाली।

पुलिसकर्मी ने बताया कि वो जियो सिम से मिलने वाले दैनिक डेढ़ जीबी से ही किसान संगठनों के समर्थन में ट्विटर पर हैशटैग चला रहे थे। समाचार लिखे जाने तक पुलिस ने उन्हें किसान विरोध को बाधित करने की साजिश के अपराध में हिरासत में ले लिया और किसी भी उपभोक्ता की वेब सीरीज में रुकावट आने की आशंका के चलते इलाके के प्रत्येक रिलायंस टॉवर के पास अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

आशीष नौटियाल
आशीष नौटियाल
पहाड़ी By Birth, PUN-डित By choice

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

नाथूराम गोडसे का शव परिवार को क्यों नहीं दिया? दाह संस्कार और अस्थियों का विसर्जन पुलिस ने क्यों किया? – ‘नेहरू सरकार का आदेश’...

नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे के साथ ये ठीक उसी तरह से हुआ, जैसा आजादी से पहले सरदार भगत सिंह और उनके साथियों के साथ अंग्रेजों ने किया था।

पटाखे बुरे, गाड़ियाँ गलत, इंडस्ट्री भी जिम्मेदार लेकिन पराली पर नहीं बोलेंगे: दिल्ली के प्रदूषण पर एक्शन के लिए ‘लिबरल’ दिमाग के जाले साफ़...

दिल्ली में प्रदूषण को रोकना है तो सबसे पहले उन लोगों को जिम्मेदार ठहराया जाना होगा जो इसके जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ बोलना होगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -