आज से करीब 107 वर्ष पहले चोरी हुई माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति आखिरकार उत्तर प्रदेश शासन को आधिकारिक रूप से सौंप दी गई। नई दिल्ली में यह मूर्ति 11 नवम्बर 2021 (गुरुवार) को उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री सुरेश राणा और नीलकंठ तिवारी को सौंप दी गई। इस मूर्ति को केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी और जी के रेड्डी ने उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपा। इसकी जानकारी मीनाक्षी लेखी ने अपने आधिकारिक हैंडल से दी।
Handed over the Sculpture of ‘Mata Annapurna Devi’ which has been retrieved from Canada by @ASIGoI to the Govt. of Uttar Pradesh in a ceremony held today at @ngma_delhi. #AmritMahotsav pic.twitter.com/HExmkBHstv
— Meenakashi Lekhi (@M_Lekhi) November 11, 2021
#WATCH Delhi | The idol of Goddess Annapurna which was retrieved from Canada is on its way to Kashi Vishwanath Temple in Uttar Pradesh's Varanasi from Delhi.
— ANI (@ANI) November 11, 2021
Union Ministers Meenakshi Lekhi & Smriti Irani took part in the ceremony where the idol was handed over to UP Govt pic.twitter.com/vMUkIndpiv
गौरतलब है कि अब माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति की पुनर्स्थापना की जाएगी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसके लिए पुनर्स्थापना यात्रा निकल रही है जो 13 नवंबर को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुँचेगी। अपने कई पड़ाव में यह यात्रा उत्तर प्रदेश के कई जिलों से गुजरेगी जहाँ इसका भव्य स्वागत किया जाएगा। श्रद्धालुओं द्वारा कई स्थानों पर पुष्पवर्षा होगी। इसके साथ मंत्रोच्चार और प्रसाद वितरण का भी आयोजन किया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री सुरेश राणा ने इस यात्रा की कुछ झलकियों को अपने ट्विटर हैंडल पर साझा की हैं।
आज दादरी जनपद गौतमबुद्धनगर में मां अन्नपूर्णा देवी पुनर्स्थापना यात्रा का भव्य स्वागत।
— Suresh Rana (@SureshRanaBJP) November 11, 2021
दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब pic.twitter.com/pCtS4N5edP
इस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा एकादशी के दिन (15 नवम्बर 2021) को काशी के बाबा विश्वनाथ दरबार परिसर में की जाएगी। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कई अन्य मंत्री मौजूद रहेंगे। यह मूर्ति देवी अन्नपूर्णा की है, जो धान्य अर्थात अन्न की अधिष्ठात्री तथा वाराणसी की रानी मानी जाती हैं। इस मूर्ति के एक हाथ में चम्मच और दूसरे में खीर की कटोरी दिखाई गई है। रिपोर्टों के अनुसार, इस मूर्ति को करीब एक सदी पूर्व वाराणसी के एक मंदिर से चुराया गया था और तब से उसे ‘यूनिवर्सिटी ऑफ़ रिजायना’ के ‘मैकेंज़ी आर्ट गैलरी’ में रखा गया था।
107 वर्षों बाद माता अन्नपूर्णा हो रहीं काशी में विराजमान
— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) November 10, 2021
भाजपा सरकार ने किया श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान#BJP4UP pic.twitter.com/LLi08mxhOV
संस्कृति मंत्रालय के अनुसार, 1976 से 55 मूर्तियों को भारत लौटाया गया था, उनमें से लगभग 75 प्रतिशत 2014-2021 के दौरान प्राप्त की गई थीं। इसमें से 2014 के बाद 42 मूर्तियों को वापस देश में लाया गया था। मंत्रालय ने कहा, “संस्कृति मंत्रालय उन प्राचीन वस्तुओं को वापस लाने के लिए विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रहा है, जिनकी विरासत का महत्व है और जिनका स्थानीय महत्व है। जिन लोगों से उनकी पैतृक विरासत छीन ली गई है उन लोगों में विश्वास फिर से स्थापित किया जाएगा।”
पिछले साल नवंबर में ही पीएम नरेंद्र मोदी ने अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति को देश में वापस लाए जाने की घोषणा की थी। पीएम मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के दौरान कहा था कि इसे चुरा लिया गया था और 1913 के आसपास देश से बाहर ले जाया गया। इस मामले में मंगलवार (2 अक्टूबर 2021) को केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने कनाडा के ओटावा से प्राप्त माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को मिली है और इसे वाराणसी ले जाया जाएगा।