अयोध्या में राम जन्मभूमि पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही यहाँ का विकास कार्य भी तेज़ी से हो रहे हैं। भक्तों की भारी भीड़ अभी से अयोध्या में दर्शन के लिए पहुँच रही है। अयोध्या भारत के हवाई नक़्शे पर भी आ चुका है। अब एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इन बदलावों के बाद अब अयोध्या में हर साल लगभग 5 करोड़ श्रद्धालु आएँगे।
अयोध्या के विकास और आने वाले सुनहरे भविष्य के विषय में अमेरिकी फर्म जेफरीस ने यह रिपोर्ट जारी की है। जेफरीस ने कहा है कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद 5 करोड़ श्रद्धालुओं के हर साल यहाँ आने की सम्भावना है। इन श्रद्धालुओं के यहाँ आने के पीछे अयोध्या में किए जा रहे समावेशी विकास कार्य हैं।
रिपोर्ट का कहना है कि अयोध्या में लगभग ₹85,000 करोड़ के विकास प्रोजेक्ट वर्तमान में चल रहे हैं। इसके अंतर्गत अयोध्या को बाकी शहरों से जोड़ने वाली सड़कें, नए एयरपोर्ट और घाटों का विकास लेकर शहर के अंदर का सौंदर्यीकरण शामिल है। रिपोर्ट का कहना है कि इसके प्रभाव से अयोध्या में नए होटलों समेत पूरी एक इंडस्ट्री खड़ी हो रही है।
रिपोर्ट का कहना है कि अयोध्या में इन सब निर्माण गतिविधियों की वजह से वहाँ सीमेंट फैक्ट्रियों की संख्या भी बढ़ेगी। इसके अनुसार धार्मिक पर्यटन अभी भी भारत में पर्यटन का सबसे बड़ा स्रोत है। अयोध्या के ही विकास से भारत की जीडीपी भी में बड़ा फर्क पड़ेगा।
बताया गया है कि अगले 10 वर्षों (2033) तक भारत की GDP में टूरिज्म क्षेत्र का योगदान 443 बिलियन डॉलर (लगभग ₹37 लाख करोड़) होगा। यह कोरोना काल से पहले 193 बिलियन डॉलर (लगभग ₹16 लाख करोड़) था। ऐसे में दस वर्षों में काफी बढ़त की सम्भावना नजर आ रही है।
अयोध्या में आने वाले श्रद्धालु यहाँ आकर रुके और बाकी जगह भी घूमें इसके लिए भी प्रयास जारी हैं। यहाँ अभी 17 होटल हैं और 73 और बनने हैं। इनमें से लगभग 40 का निर्माण कार्य जारी है। भारत की बड़ी होटल चेन पहले ही अयोध्या में आकर अपने होटल स्थापित करने के प्लान बना चुकी हैं।
‘भारतीय स्टेट बैंक’ (SBI) ने भी इस सम्बन्ध में एक रिपोर्ट दी है। उसने बताया है कि मंदिर के कारण बढ़ी हुई गतिविधियों से उत्तर प्रदेश सरकार को इस वित्त वर्ष में लगभग ₹25,000 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। इससे उत्तर प्रदेश सरकार को एक साल के भीतर ₹4 लाख करोड़ का कर संग्रह के ऊपर का आँकड़ा छूने में सहायता मिलेगा।