गुजरात के खेड़ा जिले में स्थित प्रसिद्ध डाकोर मंदिर विवादों में घिर गया। मंदिर ट्रस्ट ने विशेष दर्शन के लिए ₹500 का शुल्क निर्धारित किया था। इसको लेकर लोग वीआईपी व्यवस्था का आरोप लगाते हुए विरोध कर रहे थे। लेकिन अब मंदिर ट्रस्ट की ओर से कहा गया है कि वीआईपी जैसा कुछ भी नहीं है। लोगों की माँग को देखते हुए यह फैसला लिया गया।
भगवान रणछोड़राय जी के पवित्र मंदिर को लेकर छिड़े विवाद के बीच मंदिर ट्रस्ट ने सफाई दी है। मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष परिंदु भगत ने मंदिर की ओर से अपना पक्ष रखने के लिए अहमदाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने कहा कि मंदिर ट्रस्ट की ओर से किसी भी प्रकार के वीआईपी दर्शन की घोषणा कभी नहीं की गई। कोई लिखित प्रेस नोट नहीं दिया गया। फिर भी कुछ लोगों ने वीआईपी शब्द जोड़ दिया। यह तो सिर्फ दर्शन का एक हिस्सा है।
मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष ने आगे कहा है कि लंबे समय से कुछ श्रद्धालुओं का कहना था कि दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिकों को रणछोड़राय जी के सही ढंग से दर्शन नहीं मिल पा रहे हैं। इस माँग को देखते हुए ही विशेष इंतजाम किए गए हैं। इसमें वीआईपी जैसा कुछ नहीं है। गर्भगृह में किसी को जाने की अनुमति नहीं है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब दर्शन करने आई थीं तो उन्होंने भी बाहर से ही दर्शन किए थे। श्रद्धालुओं को भीड़ से जूझना न पड़े, इसलिए ऐसी व्यवस्था की गई।
डाकोर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष ने जी24 क्लॉक से भी बात की। इसमें उन्होंने स्पष्ट किया है कि इस दर्शन को लेकर रजिस्ट्रेशन होगा। आरती के बाद एक निश्चित समय पर रणछोड़राय की के दर्शन कराए जाएँगे। इसमें कहीं भी वीआईपी कल्चर नहीं है। मंदिर को जो भी धन राशि मिलेगी उसका उपयोग केवल तीर्थयात्रियों की सुविधा बढ़ाने में किया जाएगा।
वहीं, अध्यक्ष ने यह भी कहा है कि जल्द ही मंदिर का एक ऐप भी तैयार किया जाएगा। मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को बिना किसी भेदभाव के दर्शन लाभ मिलें, ऐसी व्यवस्था की जा रही है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भी आने वाले समय में कुछ प्रभावी कदम उठाए जाएँगे। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि धीरे-धीरे दर्शन हो सकें और तीर्थयात्रियों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
क्या है मामला
डाकोर मंदिर समिति ने 24 अगस्त, 2023 को फैसला किया था कि रणछोड़राय जी के विशेष दर्शन के लिए प्रत्येक व्यक्ति को ₹500 का शुल्क देना होगा। वहीं महिलाओं की लाइन में लगकर दर्शन करने के लिए पुरुषों को ₹250 रुपए का शुल्क देने की बात कही गई थी। इसका कुछ लोग समर्थन कर रहे थे। वहीं स्थानीय स्तर से लेकर सोशल मीडिया तक में विरोध हो रहा था। इसमें ठाकोर सेना भी शामिल है। मंदिर समिति के फैसले के ठाकोर सेना ने कहा था कि यदि यह फैसला नहीं बदला गया तो वह भूख हड़ताल शुरू करेंगे।
हालाँकि, ठाकोर सेना और मंदिर समिति के बीच मीटिंग भी हुई थी। मीटिंग के बाद विरोध रक्षाबंधन के चलते टालने का ऐलान हुआ।