जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग शहर में स्थित 8 वीं शताब्दी के मार्तंड सूर्य मंदिर में हाल में वर्षों बाद पूजा-अर्चना करके श्रद्धालुओं ने हर-हर महादेव के नारे लगाए थे। इसके बाद प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी नवग्रह अष्टमंगलम हवन व पूजा में सम्मिलित हुए थे और उनकी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर सामने आई थी। अब उसी पूजा अर्चना को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) ने नियमों का उल्लंघन बताया है। साथ ही गवर्नर द्वारा इस मंदिर में पूजा करने पर अपनी आपत्ति जहिर की है। एएसआई ने इस मुद्दे को जिला प्रशासन से शिकायत करके उठाया है।
पीटीआई की खबर के अनुसार, एएसआई अधिकारियों ने कहा नियमानुसार राज्यपाल को एएसआई द्वारा संरक्षित स्थान पर पूजा अर्चना करने से पहले मंजूरी लेनी चाहिए थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस पूजा के लिए अन्य राज्यों से पुरोहितों को बुलाया गया।
‘Pooja’, attended by Jammu and Kashmir Lt Governor Manoj Sinha at premises of Archaeological Survey of India-protected Martand Sun temple in Anantnag, was in violation of rules and issue has been raised with UT administration: ASI officials
— Press Trust of India (@PTI_News) May 9, 2022
गौरतलब है कि एएसआई कि आपत्ति इस बात पर है कि जब प्राचीन स्मारक संबंधी कानून के मुताबिक केंद्र सरकार की लिखित अनुमति के बिना संरक्षित स्मारकों में बैठक, दावत, मनोरंजन या कुछ और नहीं किया जा सकता। फिर वहाँ बिन अनुमति लिए पूजा का आयोजन क्यों हुआ। उन्होंने इस मामले को जिला प्रशासन के साथ उठाया है। एएसआई का कहना है कि भले ही पूजा मंदिर के बाहर की गई मगर तब भी ये नियमों का उल्लंघन है।
Government is committed to protect and develop ancient sites of cultural & religious significance, transforming them into vibrant centers that will guide us on the path of righteousness and blesses this beautiful land with peace, happiness and prosperity.
— Manoj Sinha (@manojsinha_) May 9, 2022
बता दें कि 8 मई को कश्मीर के मार्तंड सूर्य मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद मनोज सिन्हा ने इसे दिव्य अनुभव बताया था। साथ ही अपने ट्वीट में मंदिर में हुई पूजा से जुड़ी तस्वीरों को शेयर कर लिखा था, “सरकार सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के प्राचीन स्थलों की रक्षा और विकास के लिए प्रतिबद्ध है, उन्हें जीवंत केंद्रों में बदलना जो हमें धार्मिकता के मार्ग पर ले जाएंगे और इस खूबसूरत भूमि को शांति, खुशी और समृद्धि का आशीर्वाद देंगे।”
मार्तंड सूर्य मंदिर
गौरतलब है कि कश्मीर का मार्तंड सूर्य मंदिर अनंतनाग शहर से पूर्व दिशा में 3 किलोमीटर की दूरी पर है। ये एक किस्म के पठार पर स्थित है। उस समय इसकी कलाकृतियाँ देख कर लोग अचंभे से भर जाते थे। सिकंदर शाह मीरी ने उनमें से कई मंदिरों को ध्वस्त कर के उन्हीं ईंट-पत्थरों का इस्तेमाल कर मस्जिदें बनवाई। उसने इसकी जड़ों को खोदना शुरू किया और उनमें से पत्थर निकाल कर लकड़ियाँ भर देता था। इसके बाद उन लकड़ियों में वो आग लगवा देता था। इस तरह उसने मार्तंड सूर्य मंदिर को ध्वस्त कर डाला।
ये भी जानने लायक बात है कि इस मंदिर को नष्ट करने की सलाह उसे एक ‘सूफी फकीर’, जिसे आजकल ‘सूफी संत’ भी कहते हैं, उसने दी थी। उसका नाम था – मीर मुहम्मद हमदानी। वो कश्मीर के समाज को इस्लामी बनाना चाहता था। वो इलाके में ब्राह्मणों के वर्चस्व को तोड़ कर सारी संपदा हथियाना चाहता था। इसके बाद कई भूकंप भी आए, जिनमें मंदिर को क्षति पहुँची। जिस पठार पर इसे बनाया गया था, वहाँ से तब अधिकतर कश्मीर घाटी को देखा जा सकता था।