रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) और उनके बेटे आकाश अंबानी महाशिवरात्रि के मौके पर गुजरात के सोमनाथ मंदिर (Somnath Mandir) पहुँचे। इस दौरान मुकेश अंबानी ने सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट (Somnath Mandir Trust) को 1.51 करोड़ रुपए दान भी दिए। सोशल मीडिया पर मुकेश अंबानी और आकाश अंबानी की भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हुए तस्वीरें वायरल हो रही हैं। तस्वीरों में दोनों भगवान शिव का जलाभिषेक और प्रार्थना करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों का स्वागत मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष पीके लाहिड़ी और सचिव योगेंद्रभाई देसाई ने किया। मंदिर के पुजारी ने सम्मान के तौर पर उन्हें चंदन का लेप लगाया और दुशाला ओढ़ाया। मुकेश अंबानी और आकाश अंबानी की सोमनाथ मंदिर में पूजा करने की तस्वीरें वायरल होने के बाद सभी उनकी तारीफ कर रहे हैं। काव्या पटेल लिखती हैं, “यही कारण है कि मेरे मन में इन लोगों के लिए इतना सम्मान है।”
That’s Why I Have Respect for this Guys !! 👌❤️
— Kavya Patel (@kavypatel2805) February 18, 2023
एक अन्य ट्विटर यूजर ने लिखा, “मुकेश अंबानी और आकाश अंबानी परंपराओं का सम्मान करते हैं और हिंदू त्योहारों को उत्साह के साथ मनाते रहे हैं। उन्हें धार्मिक कार्य एवं धर्मार्थ दान करते हुए देखना बहुत अच्छा लगता है। जैसे कि सोमनाथ ट्रस्ट को उन्होंने बहुत बड़ा दान किया है।”
Mukesh Ambani and Akash Ambani are honoring the traditions and celebrating Hindu festivals with such fervor. It’s also wonderful to see them supporting charitable causes, such as their generous donation to the Somnath trust.
— artizar company (@artizarcompany) February 18, 2023
एक और यूजर ने लिखा कि हम उनके इस तरह से परोपकार करने की सराहना करते हैं।
We appreciate him for his philanthropic attitude.
— Athimoolam IAS (R) (@athimoolamias) February 18, 2023
12 ज्योतिर्लिंगों में से एक सोमनाथ मंदिर
सोमनाथ मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह अरब सागर तट पर वेरावल के प्राचीन बंदरगाह के निकट स्थित है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि स्वयं चंद्रदेव ने इस शिवलिंग की स्थापना की थी। इसका नाम सोमनाथ होने का कारण यह बताया जाता है कि चंद्रमा का एक नाम सोम भी है। इसलिए इसका नाम सोमनाथ रखा गया। इसका उल्लेख स्कंदपुराण, श्रीमद्भागवत गीता, शिवपुराणम आदि प्राचीन ग्रंथों में भी किया गया है। यह मंदिर तीन भागों में विभाजित है। इसका शिखर 150 फुट ऊँचा है।