Monday, December 23, 2024
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साल भर में 7 करोड़ श्रद्धालु, 500% बढ़ा चढ़ावा: 13 दिसंबर को ही राष्ट्र को PM मोदी ने समर्पित किया था श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर

यह कॉरिडोर 5.2 लाख वर्ग फीट में फैला हुआ है। इसमें 33,075 वर्ग फीट में काशी विश्वनाथ मंदिर का परिसर है। इस कॉरिडोर में एक साथ 02 लाख लोग जमा हो सकते हैं। निर्माण में मकराना, चुनार के लाल बलुआ पत्थर समेत 7 विशेष पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2021 के 13 दिसंबर को श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर (Shri Kashi Vishwanath Corridor) राष्ट्र को समर्पित किया था। इसके साल भर पूरे होने पर मंदिर प्रशासन की ओर से बाबा का दरबार सजाया गया है। विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। बताया जा रहा है कि लोकार्पण के बाद से अब तक मंदिर में 7.35 करोड़ से अधिक श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए पहुँचे हैं।

यही नहीं साल भर में शिव भक्तों ने रिकॉर्ड तोड़ 100 करोड़ रुपए से भी ज्यादा का चढ़ावा भी चढ़ाया है। इसमें 60 किलो सोना, 10 किलो चाँदी और 1500 किलो तांबा और अन्य धातुओं का चढ़ावा भी है। यह मंदिर के इतिहास में सबसे अधिक है। पिछले वर्ष की तुलना में यह 500 प्रतिशत से अधिक है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा के अनुसार, बाबा के दरबार में लोकार्पण से अब तक श्रद्धालुओं ने करीब 50 करोड़ से अधिक की नकदी का चढ़ावा चढ़ाया है। इसमें से 40 प्रतिशत धनराशि ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त हुई है।

श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी

रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का नया और भव्य स्वरूप होने के कारण बनारस में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या काफी बढ़ी है। इसके चलते परिवहन, होटल, गेस्टहाउस, नाविकों, श्रमिकों, वस्त्र उद्योग, हेंडीक्राफ्ट व अन्य व्यवसाय से अर्थव्यवस्था भी रफ्तार पकड़ रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में कहा था कि पहले एक साल में काशी में 1 करोड़ पर्यटक आते थे, लेकिन अब एक महीने में ही इतने पर्यटक आ रहे हैं।

4 से 5 साल में निकल जाएगा खर्च

ऐसा माना जा रहा है कि 4 से 5 साल में श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण का खर्च निकल जाएगा। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया, “श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण और मुआवजे में तकरीबन 900 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। आने वाले समय में धाम में सुविधाओं के विस्तार से भक्तों की संख्या बढ़ना निश्चित है, जिससे शिवभक्तों की ओर से चढ़ावा भी बढ़ेगा। चढ़ावे के अलावा कॉरिडोर में बने भवनों से भी अतिरिक्त आय होगी।” उनके मुताबिक कॉरिडोर की लागत अगले 4 से 5 साल में भक्तों के चढ़ावे और परिसर में नवनिर्मित भवनों से होने वाली आय से पूरी कर ली जाएगी। मालूम हो कि धाम परिसर के चारों द्वार पर लगे हेड स्कैनिंग मशीन के जरिए नियमित अंतराल पर श्रद्धालुओं की गिनती की जाती है।

5.2 लाख वर्ग फीट में फैला हुआ है कॉरिडोर

बता दें कि श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर 2021 को देश को समर्पित किया था। प्रधानमंत्री ने 8 मार्च 2019 को इस कॉरिडोर की आधारशिला रखी थी। यह कॉरिडोर 5.2 लाख वर्ग फीट में फैला हुआ है। इसमें 33,075 वर्ग फीट में काशी विश्वनाथ मंदिर का परिसर है। इस कॉरिडोर में एक साथ 02 लाख लोग जमा हो सकते हैं। निर्माण में मकराना, चुनार के लाल बलुआ पत्थर समेत 7 विशेष पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। विश्राम गृह, संग्रहालय, सुरक्षा कक्ष और पुस्तकालय भी कॉरिडोर का हिस्सा हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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