प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पूरे 11 दिन पहले एक संदेश जारी किया है। इस संदेश में उन्होंने बताया कि वो मंदिर में रामलला की प्रतिष्ठा से पहले 11 दिन का अनुष्ठान करने जा रहे हैं। इस दौरान वह कुछ नियमों का पालन करेंगे। उनके इस अनुष्ठान की शुरुआत नासिक के पंचवटी से होगी जहाँ भगवान श्रीराम ने काफी समय बिताया था।
नमो एप पर अपना संदेश जारी करते हुए उन्होंने कहा, “प्रभु ने मुझे प्राण प्रतिष्ठा के दौरान सभी भारतवासियों का प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया है। इसे ध्यान में रखते हुए मैं आज से 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ कर रहा हूँ और मैं सभी जनता-जनार्दन से आशीर्वाद का आकांक्षी हूँ।”
सियावर रामचंद्र की जय!
— BJP (@BJP4India) January 12, 2024
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में केवल 11 दिन ही बचे हैं।
इस पुण्य अवसर के दृष्टिगत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी आज से 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ कर रहे हैं।
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प्रधानमंत्री ने भावुक होते हुए कहा, “इस समय मेरे लिए अपनी भावनाओं को शब्दों में कह पाना बहुत मुश्किल है, लेकिन मैंने अपनी तरफ से एक प्रयास किया है…हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि ईश्वर के यज्ञ के लिए स्वयं में भी दैवीय चेतना जगानी होती है। इसके लिए व्रत और कठोर नियम बताए गए हैं। जिन्हें प्राण प्रतिष्ठा से पहले पालन करना होता है। इसलिए, आध्यात्मिक यात्रा की कुछ तपस्वी आत्माओं और महापुरुषों से मुझे जो मार्गदर्शन मिला है, उन्होंने जो यम-नियम सुझाए हैं, उसके अनुसार ये अनुष्ठान करूँगा।
पीएम ने बताया कि उनका ये अनुष्ठान नासिक के पंचवटी से आरंभ होगा। उन्होंने कहा, “मेरा ये सौभाग्य है कि 11 दिन के अपने अनुष्ठान का आरंभ, मैं नासिक धाम-पंचवटी से कर रहा हूँ। पंचवटी, वो पावन धरा है, जहाँ प्रभु श्रीराम ने काफी समय बिताया था।”
अपनी बात रखते हुए पीएम मोदी ने माँ हीराबेन को याद किया जो हमेशा राम नाम जपती रहती थीं। इस दौरान उन्होंने आज के दिन स्वामी विवेकानंद और जीजाबाई की जयंती होने को भी सुखद संयोग बताया।
नासिक के पंचवटी से होगा अनुष्ठान की शुरुआत, क्यों हैं इसका महत्व
पंचवटी महाराष्ट्र के नासिक में स्थित जगह है। जब भगवान राम को 14 वर्ष का वनवास हुआ तो उन्होंने कुछ समय इस जगह भी गुजारा था। आज यहाँ कालाराम मंदिर है जहाँ बड़े-बड़े बरगद के पेड़ हैं। माना जाता है कि सारे बरगद के पेड़ पाँच बरगद के पेड़ों से उत्पन्न हुए थे, इसलिए इस जगह का नाम पंचवटी रखा गया। इस शब्द में पंच तो 5 संख्या के लिए इस्तेमाल होता है जबकि वटी बरगद के पेड़ के लिए प्रयोग होती है। इसके अलावा इस जगह कहा जाता है कि माता की गुफा भी स्थित है।
इस जगह कालाराम मंदिर के अलावा कपालेश्वर मंदिर, गंगागोदावरी मंदिर, सुंदर नारायण मंदिर, तालकुटेश्वर मंदिर, नीलकंठेश्वर गोराराम मंदिर, मुरलीधर मंदिर, तिलभांडेश्वर मंदिर समेत बहुत सारे मंदिर हैं। इन मंदिरों की संख्या इतनी ज्यादा है कि लोग इसे पश्चिमी भारत का काशी कहते हैं। कात्या मारुति मंदिर, पंचमुखी हनुमान मंदिर, भद्रकाली मंदिर, कटपुरथला स्मारक भी पंचवटी और इसके आसपास के इलाकों में स्थित हैं।
पीएम मोदी अनुष्ठान के दौरान करेंगे व्रत
बता दें कि प्रधानमंत्री अपनी दिनचर्या में ब्रह्ममुहूर्त में जगना, साधना करना, सात्विक आहार करना जैसे नियमों का पालन करते हैं। लेकिन ये जो 11 दिन का अनुष्ठान वह करने वाले हैं उससे पहले उन्होंने बताया है कि इस दौरान वह शास्त्रों में बताए व्रत और कठोर नियमों का भी पालन करेंगे।